जोखिम आधारित पर्यवेक्षण - बैंकों में जोखिम प्रबंध प्रणालियों के संबंध में अनुवर्ती कार्रवाई - आरबीआई - Reserve Bank of India
जोखिम आधारित पर्यवेक्षण - बैंकों में जोखिम प्रबंध प्रणालियों के संबंध में अनुवर्ती कार्रवाई
संदर्भ आरबीआइ संऊ..269-2004 बैंपर्यवि.कंका.पीपी.आरओसी.14 /11.01.005/2003-04 26 जून 2004 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय / महोदया जोखिम आधारित पर्यवेक्षण - बैंकों में जोखिम प्रबंध प्रणालियों के संबंध में अनुवर्ती कार्रवाई जैसा कि आप जानते हैं, 7 अक्तूबर 1999 के परिपत्र बैंपर्यवि सं.बीपी (एससी) बीसी.98 / 21.04.098 / 99 के द्वारा जोखिम प्रबंध प्रणालियों के संबंध में कार्यान्वयन हेतु बैंकों को मार्गदर्शी सिद्धांत जारी किए गए थे । 26 दिसंबर 2000 के परिपत्र बैंपविवि.सं. बीपी.एससी. बीसी.59 / 21.04.103/2000-01 के अनुसार बैंकों से यह अपेक्षा की गई थी कि वे 7 जुलाई 2000 के परिपत्र बैंपविवि.सं. बीपी.एससी. बीसी.002/21.04.103/2000-01 के साथ बैंकों को भेजी गई प्रश्नावली के एक सेट के आधार पर इन मार्गदर्शी सिद्धांतों के कार्यान्वयन की तिमाही प्रगति रिपोर्ट बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों को भेजें ताकि इन मार्गदर्शी सिद्धांतों के कार्यान्वयन में बैंकों द्वारा उठाये गये कदमों का मूल्यांकन किया जा सके ।
2. साथ ही, जोखिम आधारित पर्यवेक्षण प्रारंभ करने के लिए बैंकों में एक संस्थागत व्यवस्था बनाने के एक अंग के रूप में 13 अगस्त 2001 के परिपत्र बैंपर्यवि.केंका / आरबीएस / 58/36.01.002/ 2001-02 के अनुसार बैंकों को सूचित किया गया था कि वे (क) जोखिम प्रबंध संरचना स्थापित करने, (ख) जोखिम आधारित आंतरिक लेखा-परीक्षा अपनाने (आरबीआइए), (ग) सूचना प्रबंध प्रणाली और सूचना प्रौद्योगिकी समर्थन को सुदृढ़ बनाने तथा (घ)मानव विकास संबंधी मुद्दों को हल करने तथा (ङ) वनियामक एवं पर्यवेक्षी अनुपालन की निगरानी के लिए अनुपालन इकाइयां गठित करने के लिए विशेष कदम उठाएं । इसके साथ ही, उपर्युक्त पांच निर्दिष्ट विषय क्षेत्रों में से एक होने के कारण जोखिम आधारित आंतरिक लेखा-परीक्षा के संबंध में 27 दिसंबर 2002 के परिपत्र बैंपर्यवि. केंका. पीपी.बीसी.10/11. 01.005/2002-03 के द्वारा एक मार्गदर्शी नोट जारी किया गया था जिसमें उन्हें सूचित किया गया था कि वे जोखिम आधारित आंतरिक लेखा-परीक्षा के कार्यान्वयन में हुई प्रगति की तिमाही प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें ।
3. जोखिम प्रबंध प्रणालियों और जोखिम आधारित पर्यवेक्षण के साथ-साथ जोखिम आधारित आंतरिक लेखा-परीक्षा संबंधी मार्गदर्शी सिद्धांतों के कार्यान्वयन में हुई प्रगति के संबंध में बैंकों द्वारा रिपोर्ट करने की प्रणाली की समीक्षा की गयी है । उपर्युक्त तीन क्षेत्रों के संबंध में बैंकों द्वारा की गई प्रगति की संकेलन्द्रत रूप से निगरानी करने और साथ ही बैंकों द्वारा सूचना देने में एकरूपता लाने के उद्देश्य से संशोधन करके एक फॉर्मेट तैयार किया गया है (जिसमें तीन खंड हैं, आरएमएस, आरबीएस और आरबीआईए पर एक-एक खंड), जो इसके साथ संलग्न है ।
4. बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे अब से, तिमाही आधार पर, ऊपर उल्लिखित संशोधित फार्मेट में एक ही रिपोर्ट बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों को प्रस्तुत करें ।
5. वफ्पया प्रालप्त-सूचना दें ।
भवदीय
(जी. गोपालवफ्ष्ण) प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक |