मानक आस्तियों के लिए प्रावधानीकरण अपेक्षा - आरबीआई - Reserve Bank of India
मानक आस्तियों के लिए प्रावधानीकरण अपेक्षा
आरबीआइ/2009-10/337 4 मार्च 2010 सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक प्रिय महोदय, मानक आस्तियों के लिए प्रावधानीकरण अपेक्षा कृपया ‘मानक आस्तियों’ के लिए प्रावधानीकरण अपेक्षा के बारे में हमारे दिनांक 11 जून 2001 के परिपत्र ग्राआऋवि.आरआरबी.सं. बीसी. 97/03.05.34/2000-01 का पैरा 2 देखें। 2. इस संबंध में आपका ध्यान 27 अक्तूबर 2009 को घोषित वर्ष 2009-10 की मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा के पैरा 158 की ओर आकर्षित किया जाता है । संभाव्य अनर्जक आस्तियों (एनपीए) के संबंध में कुशन की व्यवस्था करने की दृष्टि से यह प्रस्ताव किया गया था कि वाणिज्यिक स्थावर संपदा क्षेत्र (सीआरई) को दिए गए अग्रिमों, जिन्हें ‘मानक आस्तियों’ के रुप में वर्गीकृत किया गया है, के लिए प्रावधानीकरण अपेक्षा को बढ़ाकर 1.00 प्रतिशत कर दिया जाए । तदनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि सीआरई क्षेत्र को दिए गए अग्रिमों, जिन्हें ‘मानक आस्तियों’ के रुप में वर्गीकृत किया गया है, के लिए प्रावधानीकरण अपेक्षा को बढ़ा कर 1% कर दिया जाए । जहां तक अन्य मानक आस्तियों का प्रश्न है, यह निर्णय लिया गया है कि कृषि और एसएमई क्षेत्र को दिए जानेवाले प्रत्यक्ष अग्रिमों के लिए जबकि प्रावधानीकरण अपेक्षा 0.25% ही बनी रहेगी, अन्य ऋणों और अग्रिमों के बारे में यह अपेक्षा 0.40% होगी । 3. उक्त परिवर्तनों के बाद सभी श्रेणियों के लिए मानक आस्ति प्रावधानीकरण अपेक्षा नीचे बताई गई है :
4. कृपया प्राप्ति सूचना हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को दें। भवदीय (आर.सी.षडंगी) अनु: 1 वर्ष 2009-10 की मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा का पैरा 158 पिछले एक वर्ष में वाणिज्यिक स्थावर संपदा क्षेत्र को प्रदत्त ऋण में हुई अत्यधिक वृध्दि तथा इस क्षेत्र में पुनर्सरचनागत अग्रिमों में बढ़ोत्तरी की दृष्टि से संभाव्य अनर्जक आस्तियों के संबंध में कुशन की व्यवस्था करना विवेकसम्मत होगा । तदनुसार, यह प्रस्ताव किया गया है कि वाणिज्यिक स्थावर संपदा क्षेत्र को दिए गए आग्रमों, जिन्हे ‘मानक आस्तियों’ के रुप में वर्गीकृत किया गया हो, के लिए प्रावधानीकरण अपेक्षा को 0.40% प्रतिशत से बढ़ाकर 1 प्रतिशत कर दिया जाए । |