आरबीआइ/2010-11/155 डीपीएसएस.(सीओ) ईपीपीडी.सं. 282/ 04.03.01/ 2010-11 5 अगस्त, 2010 आरटीजीएस/एनईएफटी/एनईसीएस/ईसीएस में भाग लेने वाले सदस्य बैंकों के अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया/महोदय आरटीजीएस/एनईएफटी/एनईसीएस/ईसीएस - सदस्य बैंकों द्वारा क्रेडिट देने में तथा/या लेनदेन वापस करने में विलंब इलैक्ट्रानिक भुगतान उत्पाद अर्थात् रीयल टाइम ग्रॉस सैटलमैंट (आरटीजीएस), नेशनल इलैक्ट्रानिक फंड्स ट्रांस्फर (एनईएफटी), नेशनल ईलैक्ट्रानिक क्लीयरिंग सर्विस (एनईसीएस) तथा इलैक्ट्रानिक क्लीयरिंग सर्विस (ईसीएस) के रूपांतरों की स्वीकार्यता तथा व्याप्ति निरंतर बढ़ रही है। इसकी गति को और बढ़ाने के लिए यह आवश्यक है कि इलैक्ट्रानिक भुगतान प्रणालियों की विश्वसनीयता बरकरार रहे और इन उत्पादों का प्रयोग कर रहा सदस्य बैंक क्रियाविधि संबंधी मार्गनिर्देशों तथा समय-समय पर रिज़र्व बैंक द्वारा जारी परिपत्रों/अनुदेशों का पूर्ण अनुपालन अक्षरश: और सही भावना के साथ करें। जैसाकि आप जानते हैं, सदस्य बैंकों से अपेक्षित है कि आरटीजीएस/ एनईएफटी/ एनईसीएस/ईसीएस के माध्यम से प्राप्त क्रेडिट को आरटीजीएस/ एनईएफटी/ एनईसीएस/ ईसीएस संबंधी दिशानिर्देशों में निर्धारित समय सीमा के भीतर गंतव्य खाता धारकों को दे दें। यदि कुछ वैध कारणों से वैल्यू तिथि/समय पर खातों को क्रेडिट करना संभव नहीं है, तो वापस करने संबंधी निर्धारण (या आरटीजीएस में नए लेनदेन के रूप में, जैसी भी स्थिति हो) के अनुसार ऐसी राशियां वापस की जानी चाहिए। हाल ही में, हमें इलैक्ट्रानिक भुगतान उत्पादों के माध्यम से किए गए लेनदेनों के बारे में क्रेडिट प्राप्त न होने, विलंबित क्रेडिट तथा वापसी में विलंब की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। सदस्य बैंक हिताधिकारियों के खातों में विलंब से क्रेडिट के लिए दंडात्मक ब्याज का भुगतान नहीं कर रहे हैं जैसाकि क्रियाविधि संबंधी दिशानिर्देशों में प्रावधान किया गया है। इससे ग्राहकों को असुविधा होती है और प्रणाली की विश्वसनीयता कम होती है। इससे देश में इलैक्ट्रानिक भुगतान प्रणालियों के विकास पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए और इन प्रणालियों के यथोचित तथा कुशल प्रबंधन के लिए, इलेक्ट्रानिक भुगतान प्रणालियों अर्थात् आरटीजीएस/एनईएफटी/ एनईसीएस/ईसीएस रूपांतरों में भाग ले रहे सभी सदस्य बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे इलैक्ट्रानिक भुगतान प्रणाली उत्पादों पर कार्रवाई करते समय संबंधित कार्यविधि संबंधी दिशानिर्देशों के प्रावधानों तथा रिज़र्व बैंक द्वारा समय समय पर जारी किए गए अनुदेशों/परिपत्रों/दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करें। ये दिशानिर्देश रिज़र्व बैंक द्वारा भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 10 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग में जारी किए गए हैं। इन दिशानिर्देशों के उल्लंघन से उस अधिनियम के अधीन दंडात्मक परिणाम लागू होंगे। भवदीय, (जी. पद्मनाभन) मुख्य महाप्रबंधक |