आर.टी जी एस संव्यवहार - आरबीआई - Reserve Bank of India
आर.टी जी एस संव्यवहार
भा.रि.बै./ 2008-09 /426 |
|||||||||
भु.नि.प्र.वि. (आर.टी जी.एस.) सं.1776/02.10.02/2008-09 | |||||||||
अप्रैल
8, 2009
|
|||||||||
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी |
|||||||||
महोदय/महोदया, | |||||||||
आर.टी जी एस संव्यवहार | |||||||||
आर.टी जी.एस. संव्यवहारों की मात्रा तेजी से बढ़ रही है । आर.टी जी.एस. में मार्च 2008 में हुए 0.72 मिलियन संव्यवहारों की तुलना में मार्च 2009 में 1.94 मिलियन संव्यवहार हुए हैं। वर्तमान में आर.टी जी.एस. संव्यवहारों में निपटान होने वाले ग्राहक संव्यवहार कुल आर.टी जी.एस. संव्यवहारों का 89% है तथा इसमें और वृद्धि हो रही है। हमने हाल ही में बड़े बैंकों के साथ बैठक के दौरान संपूर्ण आर.टी जी.एस. ग्राहक संव्यवहारों को और अधिक प्रयोक्ता अनुकूल बनाने के उद्देश्य से समीक्षा की। इन चर्चाओं के आधार पर आर.टी जी.एस.सदस्यों द्वारा कार्यान्वित किये जाने के लिए निम्नलिखित निर्णय लिए गये। |
|||||||||
फील्ड टैग सं. 5500 | |||||||||
|
|||||||||
फील्ड टैग सं. 5561 | |||||||||
|
|||||||||
3. हम समझते हैं कि कुछ बैंक संदेशों में आवश्यक विवरण दे रहे हैं, जबकि बहुत से बैंकों ने अभी भी दिशानिदेशों का अनुपालन नहीं किया है। इसलिए हम यह पुन: दोहराते हैं कि स्ट्रेट थ्रू प्रोसेसिंग ( एस. टी. पी. ) वातावरण में मानकीकरण बहुत आवश्यक है और एस. टी. पी. की सफलता के लिए संदेश में एकरूपता होना आवश्यक है। |
|||||||||
भवदीय, | |||||||||
(जी. पद्मनाभन) | |||||||||
मुख्य महाप्रबंधक |