आर. बी. आई. /2008-09/ 499 भु.नि.प्र.वि. (आर.टी जी.एस.) सं. 2246 /02.10.02/2008-09 16 जून 2009 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्यक बैंक एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक आर.टी.जी.एस. के सहभागी सभी बैंक महोदय/महोदया, आर टी जी एस संव्यवहार RTGS Transactions आर. टी. जी. एस. कारोबार दिशानिदेशों के अनुसार यदि किसी कारण से कोई निधि हिताधिकारी के खाते में जमा नहीं होती है, उसे प्रेषक के खाते में वापस एक घंटा 30 मिनट के भीतर भेजना होता है । वर्तमान में प्रारंभिक बैंक को वापस होने वाले आर.टी.जी.एस. ग्राहक संव्यवहारों को अंतर बैंक संव्यवहार माना जाता है । इस प्रकार हमारे द्वारा वापस किया गया आर 41 मैसेज फार्मेट प्रारंभिक बैंक के पास आर-42 मैसेज फार्मेट के रूप में आता है । 2. यद्यपि आर-42 मैसेज फार्मेट नये अंतर बैंक संव्यवहारों के लिए है इसलिए इसमें वापिसी विवरण के लिए कोई फील्ड टैग नहीं होता है। इसके परिणाम स्वरूप आर.टी.जी.एस. के सहभागी ग्राहक संव्यवहारों को वापस करते समय आर-42 मैसेज फार्मेट के एच्छिक फील्ड टैग में वापिसी विवरण अपने अनुसार देते हैं और वापिसी विवरण देने में कोई एकरूपता भी नहीं होती है। वापिसी विवरण में समानता नहीं होने के कारण प्रारंभिक बैंक को मूल डेबिट पता करने में कठिनाई होती है और प्रेषक के खाते में निधियां पुन: जमा करने में विलंब होता है। 3. आर. टी. जी. एस. के प्रयोगकर्ता बड़े बैंको के साथ हाल ही में हुई बैठक में इस समस्या के निराकरण पर चर्चा हुई और विभिन्न बैंको द्वारा अपनायी जाने वाली वापिसी प्रक्रिया की समीक्षा की गई। इस चर्चा के बाद इस प्रक्रिया को निम्नानुसार मानक रूप देने का निर्णय लिया गया : सभी आर.टी.जी.एस. के सहभागी अब से वापिसी विवरण को आर-42 मैसेज फार्मेट के फील्ड टैग 7495 में मानक रूप में इस प्रकार से देंगें :
Field tag
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Line number |
Details to be provided |
7495 |
Line 1 |
RETURN |
Line 2 |
UTR Number of the original transaction |
Line 3 |
Reason for return |
कृपया नोट करें कि फील्ड टैग 7495 में 6 लाइनें हैं और आर.टी.जी.एस. के सहभागियों को उपरोक्तानुसार न्यूनतम वापिसी विवरण पहली 3 लाइनों में देना होगा । आर.टी.जी.एस. के सहभागी यदि कोई अतिरिक्त जानकारी देना चाहें तो अगली 3 लाइनों में दे सकते हैं । 4. आर.टी.जी.एस. के सहभागियों को सूचित किया जाता है कि नये वापिसी दिशानिदेशों को 15 जुलाई 2009 तक कार्यान्वित करें। 5. सूचनाओं का आदान-प्रदान हमें कुछ व्यापार निकायों /व्यापार परिषदों नें सूचित किया है कि बैंक ग्राहकों के खातों में आर.टी.जी.एस. के नामे/जमा होने के बारे में उन्हें सूचित नहीं करते हैं । हमें ज्ञात है काफी संख्या में बैंक अपने खाताधारकों को खाता नामे/जमा होने पर एस एम एस भेजते हैं। इसके अलावा इंटरनेट बैंकिंग से पहुँच रखने वाले खाताधारक भी बैंक पर निर्भर हुए बगैर अपने खातों को देखते है। तथापि आर.टी.जी.एस. को और अधिक ग्राहक हितैषी बनाने के लिए सभी आर.टी.जी.एस. सहभागी, खाताधारकों का खाता नामे/जमा होने पर एस एम एस/ ई-मेल सूचना ग्राहकों को भेजने के संभावित प्रयास करें। कृपया परिपत्र की प्राप्ति-सूचना दें। भवदीय, (जी. पद्मनाभन) मुख्य महाप्रबंधक |