आरबीआइ/2010-11/172 बैंपविवि.एफआइडी. एफआइसी.5/01.02.00/20010-11 18 अगस्त 2010 16 श्रावण 1932 (शक) अखिल भारतीय मीयादी ऋणदात्री और पुनर्वित्त संस्थाओं के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (एक्ज़िम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी, और सिडबी) महोदय परिपक्वता तक धारित (एचटीएम) संवर्ग में रखे गए निवेश की बिक्री वित्तीय संस्थाओं द्वारा निवेश संविभाग के वर्गीकरण, मूल्य निर्धारण और परिचालन के लिए विवेकपूर्ण मानदंड संबंधी 1 जुलाई 2010 के हमारे मास्टर परिपत्र सं. बैंपविवि. एफआइडी. एफआइसी. 3/01.02.00/2010-11 के अनुसार वित्तीय संस्थाओं द्वारा अधिगृहीत ऐसी प्रतिभूतियों को परिपक्वता तक धारित (एचटीएम) संवर्ग में वर्गीकृत किया जा सकता है, जिन्हें परिपक्वता तक रखने का इरादा है । तथापि, वित्तीय संस्थाओं को अनुमति दी गयी है कि वे निदेशक मंडल के अनुमोदन से वर्ष में एक बार एचटीएम में/ से निवेश का अंतरण कर सकते हैं । इस प्रकार के अंतरण की अनुमति सामान्यतया लेखा वर्ष के आरंभ में दी जाती है तथा उस लेखा वर्ष की बाकी अवधि में एचटीएम में /से और अंतरण की अनुमति नहीं दी जाती है । 2. इस संबंध में यह पाया गया है कि अनेक बैंक एचटीएम संवर्ग की प्रतिभूतियों की बार-बार बिक्री कर रहे हैं ताकि वे अनुकूल बाजार परिस्थितियों से फायदा उठाकर लाभ कमाएँ । यह दोहराया जाता है कि एचटीएम संवर्ग की प्रतिभूतियों का उद्देश्य उन्हें परिपक्वता तक रखना है और तदनुसार उन्हें बाजार मूल्य पर मूल्यांकित करने की आवश्यकता नहीं होती है । 3. वित्तीय संस्थाओं में इस प्रकार की किसी प्रथा को हतोत्साहित करने के लिए तथा समरूपता के प्रयोजन से यह निर्णय लिया गया है कि यदि वर्ष के आरंभ में एचटीएम संवर्ग में धारित निवेश के बही मूल्य से 5 प्रतिशत से अधिक मूल्य की प्रतिभूतियाँ एचटीएम संवर्ग में /से अंतरित/बिक्री की जाती है तो वित्तीय संस्था को एचटीएम संवर्ग में धारित निवेशों का बाजार मूल्य प्रकट करना चाहिए तथा बाजार मूल्य की तुलना में बही मूल्य के आधिक्य को निर्दिष्ट करना चाहिए जिसके लिए प्रावधान नहीं किया गया है । यह प्रकटीकरण वित्तीय संस्था के लेखा परीक्षित वार्षिक वित्तीय विवरणों में ‘लेखे पर टिप्पणियाँ’ में किया जाना चाहिए । 4. ये दिशानिर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे । भवदीय (विनय बैजल) मुख्य महाप्रबंधक |