परिपक्वता तक धारित (एचटीएम) श्रेणी के अंतर्गत धारित निवेशों की बिक्री - आरबीआई - Reserve Bank of India
परिपक्वता तक धारित (एचटीएम) श्रेणी के अंतर्गत धारित निवेशों की बिक्री
आरबीआइ सं. 2010-11/254 1 नवंबर 2010 अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय परिपक्वता तक धारित (एचटीएम) श्रेणी के अंतर्गत धारित निवेशों की बिक्री उपर्युक्त विषय पर 06 अगस्त 2010 के हमारे परिपत्र सं. बैंपविवि. बीपी. बीसी. 34 /21.04.141/2010-11 के अनुसार यह निर्णय लिया गया था कि यदि परिपक्वता तक धारित (एचटीएम) श्रेणी में /से बिक्री तथा अंतरण का मूल्य वर्ष के प्रारंभ में एचटीएम श्रेणी में धारित निवेशों के बही मूल्य के 5 प्रतिशत से अधिक हो तो बैंकों को एचटीएम श्रेणी में धारित निवेशों के बाजार मूल्य का प्रकटीकरण करना चाहिए और बाजार मूल्य की तुलना में अतिरिक्त बही मूल्य को दर्शाना चाहिए जिनके लिए प्रावधान नहीं किया गया है । 2. इस संबंध में हम यह स्पष्ट करते हैं कि बैंकों को लेखा वर्ष के प्रारंभ में अपने निदेशक मंडल के अनुमोदन से एचटीएम श्रेणी में /से जिन प्रतिभूतियों का एकमुश्त अंतरण करने तथा उन्हें पूर्व घोषित खुले बाजार के परिचालन (ओएमओ) नीलामी के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को बेचने की अनुमति दी गई है उन्हें उपर्युक्त परिपत्र के अंतर्गत निर्धारित 5 प्रतिशत की उच्चतम सीमा से बाहर रखा जाएगा । 3. यह उल्लेखनीय है कि ‘बैंकों द्वारा निवेश संविभाग के वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन के लिए विवेकपूर्ण मानदंड’ पर 01 जुलाई 2010 के हमारे मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 18 /21.04.141/2010-11 के पैरा 4.2 के अनुसार बैंकों को निवेश की तीन श्रेणियों अर्थात् एचएफटी, एएफएस तथा एचटीएम में से प्रत्येक से रिपो करने की अनुमति होगी । 4. इसके अलावा, हम यह भी स्पष्ट करते हैं कि ये अनुदेश 01 अप्रैल 2011 से लागू होंगे । भवदीय (बि. महापात्र) |