आरबीआइ.सं.2008-09/247 बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 66/13.03.00/2008-09 24 अक्तूबर 2008 2 कार्तिक 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय 7% बचत बांड 2002, 6.5% बचत बांड 2003 (कर योग्य नहीं) और 8% बचत (कर योग्य) बांड 2003 - संपार्श्दिक सुविधा जैसा कि आपको ज्ञात है, भारत सरकार की संबंधित अधिसूचनाओं के अनुसार उपर्युक्त योजनाओं के अंतर्गत संपार्श्दिक के रूप में पात्र नहीं हैं । 2. भारत सरकार ने अब यह निर्णय लिया है कि अनुसूचित बैंकों से ऋण लेने के लिए उपर्युक्त योजनाओं के अंतर्गत जारी बांडों की गिरवी या दृष्टिबंधक या ग्रहणाधिकार की अनुमति दी जाए । अत: उपर्युक्त बांड के धारक सरकारी प्रतिभूति अधिनियम, 2006 की धारा 28 तथा सरकारी प्रतिभूति विनियमावली, 2007 के विनियम 21 और 22 के अनुसार अनुसूचित बैंकों के पक्ष में गिरवी या दृष्टिबंधक या ग्रहणाधिकार सृजित करने के हकदार होंगे । भारत सरकार द्वारा जारी निम्नलिखित संशोधनकारी अधिसूचनाओं की एक-एक प्रतिलिपि संलग्न है । क. 7% बचत बांड, 2002 से संबंधित 19 अगस्त 2008 की अधिसूचना सं. एफ. 4 (13) - डब्ल्यू एंड एम/2002 ख. 6.5% बचत बांड, 2003 (कर योग्य नहीं) से संबंधित 19 अगस्त 2008 की अधिसूचना सं. एफ. 4 (9) - डब्ल्यू एंड एम/2003 ग. 8% बचत (कर योग्य) बांड, 2003 से संबंधित 19 अगस्त 2008 की अधिसूचना सं. एफ. 4 (10) - डब्ल्यू एंड एम/2003 3. उपर्युक्त संशोधनों को देखते हुए आप कृपया अपनी शाखाओं को सूचित करें कि वे सरकारी प्रतिभूति अधिनियम 2006 की धारा 28 तथा सरकारी प्रतिभूति विनियमावली के विनियम 21 और 22 में दी गई क्रियाविधि के अनुसार गिरवी या दृष्टिबंधक या ग्रहणाधिकार के माध्यम से संपार्श्दिक सुविधा प्रदान करें । सुलभ संदर्भ के लिए उक्त अधिनियम/विनियमावली के प्रासंगिक उद्धरण तथा भारत सरकार द्वारा जारी संबंधित प्रेस प्रकाशनी संलग्न है । 4. कृपया ध्यान दें कि केवल बांडों के धारकों को दिये गये ऋणों के लिए ही उक्त संपार्श्दिक सुविधा उपलब्ध है। अत: यह सुविधा थर्ड पार्टी को दिए गए ऋणों के संबंध में उपलब्ध नहीं होगी । भवदीय
(पी. विजय भास्कर) मुख्य महाप्रबंधक |