अपने ग्राहक को जानिए के संबंध में दिशानिर्देश - धन शोधन निवारण मानदंड - आरबीआई - Reserve Bank of India
अपने ग्राहक को जानिए के संबंध में दिशानिर्देश - धन शोधन निवारण मानदंड
भारिबैं/2005-06/135
संदर्भ : बैंपविवि.सं.एएमएल.बीसी. 28 /14.01.001/2005-06
23 अगस्त 2005
1 भाद्र 1927 (शक)
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के मुख्य कार्यपालक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)
महोदय,
अपने ग्राहक को जानिए के संबंध में दिशानिर्देश - धन शोधन निवारण मानदंड
वफ्पया उपर्युक्त विषय पर 29 नवंबर 2004 का हमारा परिपत्र बैंपविवि.सं. एएमएल. बीसी. 58/14.01.001/2004-05 देखें । उपर्युक्त परिपत्र के अनुसार बैंकों को सूचित किया गया था कि वे खाता खोलते समय अनुपालन हेतु एक ग्राहक स्वीवफ्ति नीति तथा ग्राहक की पहचान संबंधी क्रियाविधि बनाएं । बैंकों को यह भी सूचित किया गया था कि ज्ञात जोखिम के अनुसार ग्राहकों को निम्न, मध्यम और उच्च जोखिम के रूप में श्रेणीबद्ध करें । ‘अपने ग्राहक को जानिए’ के दिशानिर्देशों के अनुसार बैंकों से यह भी अपेक्षित है कि वे ग्राहकों की पहचान और पते का सत्यापन उक्त परिपत्र के संलग्नक-घ्घ् में सूचीबद्ध प्रलेखों के जरिए करें ।
2.यद्यपि उपर्युक्त परिपत्र में पहचान तथा पते के सबूत के संबंध में दस्तावेजों की अपेक्षाओं के बारे में लचीलेपन का प्रावधान किया गया है, तथापि यह हमारे ध्यान में लाया गया है कि बहुत-से व्यक्ति मुख्यत: दोनों शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रहनेवाले निम्न-आय वर्ग के लोग अपनी पहचान तथा पते के संबंध में ऐसे दस्तावेज प्रस्तुत करने में असमर्थ हैं जो बैंक के लिए संतोषप्रद हों । इससे वे बैंक सेवाएं प्राप्त नहीं कर सकेंगे और परिणामत: वे वित्तीय सुविधाओं से दूर रहेंगे । तदनुसार यह निर्णय किया गया है कि ऐसे व्यक्तियों के लिए ‘अपने ग्राहक को जानिए’ क्रियाविधि को और अधिक सरल बनाया जाये, जो अपने सभी खातों में कुल मिलाकर 50,000/- रुपये से अधिक शेष राशि रखना नहीं चाहते और वर्ष में जिनकी कुल जमा राशि 1 लाख से अधिक होने की संभावना न हो ।
3.यदि खाता खोलने के लिए इच्छुक व्यक्ति भारतीय रिज़र्व बैंक के 29 नवंबर, 2004 के परिपत्र के संलग्नक-घ्घ् में उल्लिखित दस्तावेज प्रस्तुत करने में असमर्थ हो तो बैंक उपर्युक्त पैरा 2 में दिये गये विवरण के अनुसार निम्नलिखित शर्तों के अधीन खाता खोल सकते हैं :
क)ऐसे अन्य खाताधारक से परिचय जिसने ’अपने ग्राहक को जानिए’ की पूरी क्रियाविधि के अनुसार अपेक्षित शर्तें पूरी की हैं । परिचय कर्ता का खाता बैंक के पास कम-से-कम छह महीने से हो और उसमें संतोषजनक रूप में लेनदेन किये गये हों । खाता खोलने का प्रस्ताव करनेवाले ग्राहक का छाया चित्र (फोटोग्राफ) तथा उसका पता परिचयकर्ता द्वारा प्रमाणित किया जाना अपेक्षित है ।
अथवा
ख)ग्राहक की पहचान और पते के लिए अन्य कोई साक्ष्य जिससे बैंक को संतुष्टि हो जाए ।
4.उपर्युक्त प्रक्रिया से खाता खोलते समय, ग्राहक को यह जानकारी मिल जानी चाहिए कि यदि किसी भी समय बैंक में उसके सभी खातों की (कुल मिलाकर) शेष राशि 50,000/- रुपये से अधिक हो जाती है या खाते में कुल जमा 1 लाख या उससे अधिक हो जाती है तो आगे किसी भी प्रकार के लेन-देन करने की अनुमति तब तक नहीं होगी, जब तक कि ‘अपने ग्राहक को जानिए’ (के. वाई. सी.) प्रक्रियाएं पूरी नहीं कर ली जाती हैं । ग्राहक को असुविधा नहीं हो, इसलिए जब शेष राशि 40,000/- रुपये तक पहुंच जाती है या साल भर में कुल जमा
80,000 /- रुपये तक हो जाती है तब बैंक अपने ग्राहक को सूचित करें कि के. वाई. सी प्रक्रिया लागू करने के लिए उपयुक्त दस्तावेज प्रस्तुत करना अनिवार्य है, अन्यथा सभी खातों की कुल शेष राशि 50,000 रुपये से अधिक हो जाने पर या एक साल में कुल जमा रु. 1 लाख रुपये से अधिक हो जाने पर खाते के परिचालन रोक दिए जाएंगे ।
5.2 अगस्त 2005 के हमारे परिपत्र बैंपविवि. सं. एएलएल. बीसी. 23/14.01.064/2005-06 में निहित शर्तों के अनुसार बैंकों को सूचित किया गया था कि बाढ़ से प्रभावित व्यक्तियों के खाते खोलते समय केवाईसी मानदंडों को घटा दिया जाए ताकि वे सरकार से प्राप्त अनुदान को जमा करने में समर्थ हो सकें । ये खाते भी उन खातों के समकक्ष माने जाएं जो इस परिपत्र में निहित शर्तों के अनुसार खोले गए हों । तथापि, ऐसे खातों में अधिकतम शेष राशि सरकार से प्राप्त अनुदान या 50,000 रुपये में से जो भी अधिक हो, रखने की अनुमति दी जाए तथा अनुदान राशि की प्रारंभिक जमा को कुल जमा में नहीं गिना जाए ।
6.बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे इस संबंध में तत्काल कार्यान्वयन के लिए अपनी शाखाओं को उपयुक्त अनुदेश जारी करें ।
भवदीय,
(प्रशांत सरन)
मुख्य महाप्रबंधक