छूट प्राप्त श्रेणियों के संबंध में आरक्षित नकदी निधि अनुपात बनाए रखना - आरबीआई - Reserve Bank of India
छूट प्राप्त श्रेणियों के संबंध में आरक्षित नकदी निधि अनुपात बनाए रखना
आरबीआइ / 2006-07/270 1 मार्च 2007 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय छूट प्राप्त श्रेणियों के संबंध में आरक्षित नकदी निधि अनुपात बनाए रखना कृपया उपर्युक्त विषय पर 22 जून 2006 का हमारा परिपत्र आरबीआइ/2005-2006/423 बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 93/12.01.001/2005-2006 देखें। यह निर्णय लिया गया है कि तत्काल प्रभाव से उक्त परिपत्र को वापस ले लिया जाए। तथापि, यह निर्णय लिया गया है कि प्रत्येक अनुसूचित वाणिज्य बैंक को, उसकी कुल मांग और मीयादी देयताओं का 3 प्रतिशत का सांविधिक न्यूनतम आरक्षित नकदी निधि अनुपात बनाये रखने की शर्त पर, निम्नलिखित देयताओं पर 22 जून 2006 से औसत आरक्षित नकदी निधि अनुपात बनाये रखने से छूट जारी रहेगी: 2. 1 मार्च 2007 की संबंधित अधिसूचना बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 63/12.01.001/ 2006-07 की प्रति संलग्न है। कृपया प्राप्ति-सूचना दें। भवदीया (मालविका सिन्हा) संदर्भ : बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी.63/12.01.001/2006-07 1 मार्च 2007 अधिसूचना यह निर्णय लिया गया है कि तत्काल प्रभाव से 22 जून 2006 की अधिसूचना बैंपविवि. सं. बीसी. 92/12.01.001/2005-06 वापस ले ली जाए ।तथापि, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की उप धारा (7) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने एतद्वारा 22 जून 2006 से प्रत्येक अनुसूचित वाणिज्य बैंक को निम्नलिखित देयताओं के संबंध में आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाये रखने से छूट जारी रखने का निर्णय लिया है।
तथापि, अनुसूचित वाणिज्य बैंकों द्वारा कुल मांग और मीयादी देयताओं के संबंध में रखा जानेवाला प्रभावी सीआरआर कुल मांग और मीयादी देयताओं के 3 प्रतिशत से कम नहीं होगा। (आनन्द सिन्हा) |