भारिबैं / 2010-11/ 157 ग्राआऋवि.एसएमई एवं एनएफएस.बीसी.सं. 16/06.11.01/2010-11 9 अगस्त 2010 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय 10 लाख रुपए तक के आवास ऋण पर ब्याज में 1 प्रतिशत छूट की योजना – दिशानिर्देश आपको विदित है कि माननीय वित्त मंत्री ने 2009-10 के बजट-प्रस्ताव में 10 लाख रुपए तक के आवास ऋण के संबंध में ब्याज पर विस्तृत दिशानिर्देशों के अनुसार 1 प्रतिशत की छूट देने की एक योजना की घोषणा की थी, बशर्ते आवासीय इकाई की लागत 20 लाख रुपए से अधिक न हो। इस प्रयोजनार्थ 1000/- करोड़ रुपए की राशि का प्रारंभिक आबंटन करने की भी घोषणा की गई थी। इसके बाद वर्ष 2010-11 के बजट भाषण में माननीय वित्त मंत्री ने उक्त योजना को 31 मार्च 2011 तक बढ़ाने की घोषणा की थी और सरकार ने इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2010-11 के लिए 700/- करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया है। भारत सरकार, वित्त मंत्रालय, वित्तीय सेवा विभाग ने उपर्युक्त योजना के कार्यान्वयन हेतु दिशा-निर्देश जारी किए हैं । तदनुसार, 31 मार्च 2011 तक मंजूर/ संवितरित आवास ऋण, इस योजना के विस्तृत दिशा-निर्देशों के अनुसार ब्याज में 1 प्रतिशत की छूट के लिए पात्र होंगे। उक्त दिशा-निर्देशों की एक प्रति इ सके साथ अनुलग्न है। 2. इस योजना का उद्देश्य ऋण हेतु अतिरिक्त मांग का सृजन करने और मध्यम एवं निम्न आय समूहों में पात्र उधारकर्ताओं के लिए आवास अर्जित करने की योग्यता में सुधार करने के एक उपाय के रूप में आवास ऋण पर ब्याज में सहायता प्रदान करना है। यह योजना पूरे देश में अनुसूचित वाणिज्य बैंकों और आवास वित्त कंपनियों के माध्यम से कार्यान्वित की जाएगी तथा 01 अक्तूबर 2009 से प्रारंभ होकर 31 मार्च 2011 तक की अवधि के लिए लागू रहेगी। कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक इस योजना के लिए नोडल एजेंसी होगा। पात्र ऋणों की मंजूरी और उनके संवितरण के पश्चात, अनुसूचित वाणिज्य बैंक, मासिक आधार पर भारतीय रिज़र्व बैंक से आर्थिक सहायता के संवितरण का दावा करेंगे। बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए कि पात्र उधारकर्ता केवल एक आवासीय इकाई के लिए ही ब्याज में छूट का लाभ उठाए, उचित क्रियाविधि स्थापित करें। 3. अतः यह सूचित किया जाता है (i) बैंकों से यह अपेक्षा है कि वे इसके साथ संलग्न फार्मेट (फार्म I और I/I) के अनुसार मासिक आधार पर अपने दावे प्रस्तुत करें ताकि सरकार ब्याज में उक्त छूट प्रदान कर सके। मासिक दावे का विवरण संबंधित महीने की समाप्ति से एक पखवाड़े के अंदर हमें प्राप्त हो जाना चाहिए। (ii) आर्थिक सहायता की राशि का उपयोग सुनिश्चित करने के प्रयोजनार्थ बैंकों से अपेक्षा है कि वे संलग्न फॉर्मेट (फार्म II और II/I) के अनुसार तिमाही आधार पर उपयोग प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें। उक्त प्रमाणपत्र किसी सांविधिक लेखा परीक्षक द्वारा हस्ताक्षरित होने चाहिए, जिसमें यह प्रमाणित किया गया हो कि प्रमाणपत्र में किए गए दावे सत्य एवं सही हैं। (iii) दावा विवरण और उपयोग-प्रमाणपत्र मुख्य महाप्रबंधक, ग्रामीण आयोजना और ऋण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, शहीद भगतसिंह मार्ग, फोर्ट, मुंबई 400 001 को प्रस्तुत किए जाने चाहिए। 4. कृपया पावती भेजें। भवदीय ( बी. पी. विजयेन्द्र ) मुख्य महाप्रबंधक अनुलग्नक : यथोक्त |