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बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 - सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाये रखने में कमी -चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत अतिरिक्त चलनिधि सहायता

आरबीआइ/2008-09/169
संदर्भ : बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 43/12.02.001/2008-09

16 सितंबर 2008
25 भाद्र 1930 (शक)

सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक

महोदय

बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 -
सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाये रखने में कमी -
चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत अतिरिक्त चलनिधि सहायता

वर्तमान में बैंक अपने निर्धारित सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) से अधिक पात्र प्रतिभूतियों की संर्पाश्विक जमानत पर भारतीय रिज़र्व बैंक से चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत चलनिधि प्राप्त करते हैं । यह निर्णय लिया गया है कि उपर्युक्त के अलावा पूर्णतया अस्थायी उपाय के रूप में अनुसूचित बैंक एलएएफ के अंतर्गत अपनी निवल मांग और मीयादी देयताओं के एक प्रतिशत तक अतिरिक्त चलनिधि सहायता प्राप्त कर सकते हैं ।

यह सूचित किया जाता है कि एलएएफ के अंतर्गत उक्त अतिरिक्त चलनिधि सहायता लेने के कारण एसएलआर बनाये रखने में होनेवाली कमी के लिए बैंक बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 की उप-धारा (8) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित रूप में अनुरोध कर सकते हैं कि उक्त कमी पर दांडिक ब्याज के भुगतान की मांग न की जाए ।

अतिरिक्त चलनिधि सहायता 17 सितंबर 2008 की एलएएफ/एसएलएएफ नीलामियों से उपलब्ध होगी । इस संदर्भ में कृपया 16 सितंबर 2008 के परिपत्र एफएमडी. एमएओजी. सं. 25/01.01.01/2008-09 का पैरा 4 भी देखें ।

यह उपाय अस्थायी स्वरूप का है तथा बदलती चलनिधि स्थितियों को ध्यान में रखते हुए इसकी निरंतर समीक्षा की जाएगी ।

भवदीय

(विनय बैजल)
मुख्य महाप्रबंधक

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