भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना
आरबीआइ / 2007-08/107
संदर्भ : बैंपविवि. सं. आरईटी बीसी.25/12.01.001/2007-08
31 जुलाई 2007
9 श्रावण 1929 (शक)
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोडकर)
महोदय
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना
कृपया उपर्युक्त विषय पर 20 अप्रैल 2007 का हमारा परिपत्र आरबीआइ/2006-2007/331 बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 82/12.01.001/2006-2007 देखें । वर्तमान चलनिधि परिस्थितियों की समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि 4 अगस्त 2007 से प्रारंभ होनेवाले पखवाड़े से अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) को 50 आधार बिंदुओं से बढ़ाकर 7 प्रतिशत किया जाए ।:
2. इससे संबंधित 31 जुलाई 2007 की अधिसूचना बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी.24/12.01.001/2007-2008 की प्रतिलिपि संलग्न है।
कृपया प्राप्ति-सूचना दें ।
भवदीया
(मालविका सिन्हा)
महाप्रबंधक
बैंपविवि. सं. आरईटी बीसी. 24 /12.01.001/2007-2008
31 जुलाई 2007
9 श्रावण 1929 (शक)
अधिसूचना
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 20 अप्रैल 2007 की अधिसूचना बैंपविवि.सं. आरईटी बीसी. 83 / 12.01.001/2006-2007 के आंशिक आशोधन में , भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्वारा अधिसूचित करता है कि 20 अप्रैल 2007 की अधिसूचना बैंपविवि.सं. आरईटी बीसी. 85/12.01.001/2006-2007 में दी गई छूटों के अधीन प्रत्येक अनुसूचित वाणिज्य बैंक 4 अगस्त 2007 को प्रारंभ होनेवाले पखवाडे से उसकी कुल मांग तथा मीयादी देयताओं का 7 प्रतिशत आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखे।
(आनंद सिन्हा)
कार्यपालक निदेशक