भारतीय रिज़ॅर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 - प्रारक्षित नकदी निधि अनुपात की पात्र जमाराशियों पर मासिक आधार पर ब्याज का भुगतान - ब्याज दावा प्रस्तुत करने के लिए फार्मेट में संशोधन - फार्म - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़ॅर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 - प्रारक्षित नकदी निधि अनुपात की पात्र जमाराशियों पर मासिक आधार पर ब्याज का भुगतान - ब्याज दावा प्रस्तुत करने के लिए फार्मेट में संशोधन - फार्म
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भारतीय रिज़ॅर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 - प्रारक्षित नकदी निधि अनुपात की पात्र जमाराशियों पर मासिक आधार पर ब्याज का भुगतान - ब्याज दावा प्रस्तुत करने के लिए फार्मेट में संशोधन - फार्म ए के लिए नया सॉफ्टवेयर लागू करना
संदर्भ :बैंपविवि.आरइटी. बीसी.सं. 79/12.01.001/2002-03
7 मार्च 2003
16 फाल्गुन 1924(शक)
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों को छोड़कर)
प्रिय महोदय,
भारतीय रिज़ॅर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 - प्रारक्षित नकदी निधि अनुपात की पात्र जमाराशियों पर मासिक आधार पर ब्याज का भुगतान- ब्याज दावा प्रस्तुत करने के लिए फार्मेट में संशोधन - फार्म ए के लिए नया सॉफ्टवेयर लागू करना
कृपया आप वर्ष 2002-03 के लिए मौद्रिक और ऋण नीति की मध्यावधि समीक्षा का पैरा 63 और मासिक आधार पर ब्याज की अदायगी के संबंध में 9 दिसम्बर 2002 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. बीसी. सं. 46/12.01.001/2002-03 देखें । हम यह सूचित करते हैं कि अनुसूचित वाणिज्य बैंकों को प्रारक्षित नकदी निधि अनुपात की पात्र जमाराशियों पर ब्याज की अदायगी रिज़र्व बैंक द्वारा अप्रैल 2003 से मासिक आधार पर की जायेगी और इस तरह की पहली अदायगी अप्रैल 2003 के महीने के रिपोर्टिंग पखवाड़े, अर्थात् 4 अप्रैल 2003 और 18 अप्रैल 2003 के लिए मई 2003 में की जायेगी ।
2. इस संबंध में 28 दिसम्बर 1999 के हमारे परिपत्र बैंपविवि. सं. बीसी. 131/ 12.01.001/ 1999-2000 की ओर भी ध्यान आकर्षित किया जाता है, जिसके साथ तिमाही ब्याज दावों के विवरण के लिए नया फार्मेट भेजा गया था । चूंकि प्रारक्षित नकदी निधि अनुपात की गणना की प्रक्रिया में समय-समय पर कतिपय परिवर्तन होते रहे हैं, अत: यह निर्णय किया गया है कि मौजूदा ब्याज दावे के विवरण में उपयुक्त संशोधन किया जाये,जैसा कि नीचे बताया गया है :
(i) स्तंभ सं. 14 और 15 (28 दिसम्बर 1999 के हमारे उक्त परिपत्र के पैरा 1(iv) में बताये गये अनुसार 1.12.1999 से 31.01.2000 तक की अवधि के लिए प्रासंगिक थे ) हटा दिये गये हैं ।
(ii) चूंकि बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं (शुद्ध) और ए सी यू डॉलर खातों में जमा शेष को वर्तमान में शून्य प्रारक्षित निर्धारण के अंतर्गत देयताओं के अंतर्गत शामिल किया जाता है, अत: पाद टिप्पणी ++ में उपयुक्त संशोधन कर दिया गया है ।
3. तदनुसार हम संशोधित फार्मेट संलग्न कर रहे हैं । अनुसूचित वाणिज्य बैंकों से अपेक्षा की जाती है कि वे माह अप्रैल 2003 (मई 2003 माह में प्रस्तुति) के लिए प्रारक्षित नकदी निधि अनुपात की पात्र शेष राशि पर ब्याज की अदायगी के लिए अपने दावे इस फार्मेट में प्रस्तुत करेंगे। संलग्न नया फार्मेट बाद के महीनों के लिए भी प्रयोग में लाया जाये ।
4. आप यह भी सुनिश्चित करें कि ब्याज दावा विवरणियों पर केवल उन अधिकारियों के हस्ताक्षर हों जिनके नमूना हस्ताहर हमारे रिकाड़ में हैं । यदि प्राधिकृत अधिकारी बदल जाये तो नये अधिकारी /अधिकारियों के हस्ताक्षर हमारे पास तत्काल पंजीकृत करवाये जायें ।
5. इसके अतिरिक्त 11 जनवरी 2003 के हमारे परिपत्र सं. बैंपविवि. सीओ. आरइटी. बीसी. 57/ 12.05.005/2002-03 के अनुसार बैंकों को सूचित किया गया है कि वे फार्म ‘ए’ में अंतिम विवरणियों की सॉफ्ट कॉपी (फ्लॉपी) इस विभाग के विवरणी अनुभाग, केंद्रीय कार्यालय को भेजें, जिसके साथ प्रमाणित मुद्रित प्रति भी हो । यह देखा गया है कि बैंक इस संबंध में हमारी अपेक्षाओं का अनुपालन नहीं कर रहे है, जिसके कारण अनावश्यक कठिनाइयां होती हैं । अत: यह स्पष्ट किया जाता है कि बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग, केन्द्रीय कार्यालय को फार्म / विवरणियां प्रस्तुत करने की प्रस्तावित प्रणाली निम्नलिखित रूप में होगी :
फार्म / विवरणी |
किस प्रकार |
निम्नलिखित रूप |
फार्म ए अंतिम |
सॉफ्ट कॉपी |
टेक्स्ट फाइल (या तो फ्लॉपी में अथवा हमारे ई-मेल आइडी returnsco@rbi.org.in में भेजी जानी है) |
फार्म ए अंतिम |
प्रमाणित मुद्रित प्रति |
पुराना फार्मेट |
6. पुराने और साथ ही नये सॉफ्टवेयर के फार्म ए में विवरणियां (अनंतिम और अंतिम) क्षेत्रीय कार्यालयों को प्रस्तुत करने की वर्तमान प्रणाली अब तक की तरह जारी रखी जाये ।
कृपया प्राप्ति-सूचना भिजवायें ।
भवदीय
ह/-
(आर. सी. मित्तल)
महा प्रबंधक
संलग्नक : यथोक्त
उक्त दिनांक का परांकन बैंपविवि. सं. 926/12.01.001/2002-03
प्रतिलिपि निम्नलिखित को सूचना एवं आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रेषित :
1. उप महा प्रबंधक, बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, सभी क्षेत्रीय कार्यालय
2. महा प्रबंधक, बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, सभी क्षेत्रीय कार्यालय
3. प्रभारी मुख्य महा प्रबंधक, बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, मुंबई
4. प्रधान परामर्शदाता, सांख्यिकीय विश्लेषण और कंप्यूटर सेवा विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, मुंबई
5. प्रभारी मुख्य महा प्रबंधक, सरकारी और बैंक लेखा विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, मुंबई
6. प्रभारी परामर्शदाता, मौद्रिक नीति विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, मुंबई
7. क्षेत्रीय निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक, सभी जमा लेखा विभाग
(डी. डी. बोरवणकर)
सहायक महा प्रबंधक
स्तंभ सं. 3 से 14, 000 हटा दिया गया है तथा स्तभ सं.15 में दो दशमलव तक वास्तविक आंकड़े होने चाहिए
बैंक का नाम---------------------------------------------------------------------
------------------ को समाप्त महीने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के पास रखे गये पात्र नकदी शेष पर देय ब्याज की राशि दर्शानेवाला विवरण
(राशि रुपयों में )
क्र.सं. |
रिपोर्टिंग शुक्रवार की तारीख अर्थात् दूसरे पूर्ववर्ती पखवाड़े का अंतिम शुक्रवार |
बैंकिंग तंत्र के प्रति देयताओं के अंतर्गत बकाया राशि (शुद्ध) भारिबैं अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) के स्पष्टीकरण का खंड (घ) (दूसरा पूर्ववर्ती पखवाड़ा ) |
शुद्ध मांग और मीयादी देयताओं की राशि अर्थात् I-III+II (यदि I-III धनात्मक हो) या सिर्फ II (यदि I-III ऋणात्मक हो) (दूसरा पूर्ववर्ती पखवाड़ा ) |
शून्य प्रारक्षित निधि निर्धारण संबंधी श्रेणियों के अंतर्गत आनेवाली देयताओं को छोड़कर स्तंभ सं.(2) में दर्शायी गयी तारीखों को शुद्ध देयताएं ++(दूसरा पूर्ववर्ती पखवाड़ा ) |
सी आर आर की दर |
भारिबैं. अधिनियम, 1934 की धारा 42(1) के प्रयोजन के लिए रखी जानेवाली औसत दैनिक जमा शेष की राशि |
भारिबैं. अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1क) के अंतर्गत रखी जाने वाली वृद्धिशील सीआरआर की राशि |
बैंक द्वारा रखे जाने के लिए अपेक्षित न्यूनतम 3% सीआरआर की राशि |
औसत जमा शेष की राशि --------------- (कुल) |
बैंक दर की वार्षिक दर पर ब्याज के लिए पात्र औसत दैनिक जमा शेष की राशि (स्तंभ 12 से स्तंभ 11 घटाकर ) |
स्तंभ 14 के अनुसार सीआरआर की जमा शेष-राशि पर बैंक दर की वार्षिक की दर पर देय ब्याज की राशि |
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निम्न- लिखित को प्रारंभ पखवाड़ा |
निम्न- लिखित को समाप्त पखवाड़ा |
स्तंभ सं.5 के आधार पर राशि (सभी रिपोर्टिंग पखवाड़ों के लिए ) |
5-8-94/30-9-94* की शुद्ध मांग और मीयादी देयताओं से अधिक राशि पर |
स्तंभ 4 के आधार पर |
भारिबैं. अधिनियम, 1934 की धारा 42(1) और धारा 42 (1क) के अंतर्गत रखे जाने के लिए अपेक्षित । यथा लागू स्तंभ सं.(9+10) का जोड़ |
भारिबैं. अधिनियम, 1934 की धारा 42(1) और धारा 42 (1क) के अंतर्गत सीआरआर के प्रयोजन के लिए भारिबैं.के पास वस्तुत:रखी गयी राशि |
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हम इसके द्वारा यह प्रमाणित करते हैं कि उपर्युक्त जानकारी सही है । हमारे बैंक ने उक्त महीने के सभी पखवाड़ों के लिए सीआरआर अपेक्षा का पालन किया है /नहीं किया है # तथा महीने के दौरान सीआरआर रखने में चूक की है /नहीं की है # । बाद में किसी चूक का पता लगने की स्थिति में अधिक राशि तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा लगाये ब्याज को मांग की तारीख से एक सप्ताह में लौटाने का हम वचन देते हैं । हम रिज़र्व बैंक को यह प्राधिकार देते हैं कि ऐसा न होने पर वह अपने पास हमारे खाते में उतनी राशि नामे कर दें ।
स्थान : |
हस्ताक्षर : |
दिनांक : |
नाम : |
पदनाम : |
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बैंक की मुहर : |
यदि किसी पखवाड़े में सीआरआर रखने में कोई चूक / कमी हुई हो, तो कृपया उसके कारण बतायें ।
++ शून्य प्रारक्षित निधि संबंधी निर्धारण के अंतर्गत देयताएं - बैंकिंग तंत्र के प्रति देयताएं (शुद्ध )और ए सी यू डालर खाते में जमा शेष ।
* इस स्तंभ में जानकारी उन 37 बैंकों द्वारा दी जानी है, जिन्हें 5 अगस्त 1994 / 30 सितंबर 1994 को उनकी शुद्ध मांग और मीयादी देयताओं से अधिक राशि पर 10 प्रतिशत वृद्धिशील प्रारक्षित नकदी निधि अनुपात रखने के लिए कहा गया है ।
# जो लागू न हो उसे प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के हस्ताक्षर के अंतर्गत काट दें ।
कृपया दो क्रम संख्याओं के बीच पर्याप्त स्थान छोड़ें ।