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वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, 2004 (एससीएसएस) –खंडित अवधि के लिए ब्याज (एक तिमाही से कम) - स्पष्टीकरण

आरबीआई/2005-2006/240
संदर्भ.सं.डीजीबीए.सीडीडी15.15.001/एच-8662/2005-06

23 दिसम्बर 2005
पौषा 2, 1927 (एस)

अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक
सरकारी लेखा विभाग, प्रधान कार्यालय,
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया/स्टेट बैंक ऑफ इंदौर/स्टेट बैंक ऑफ पटियाला/
स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर/स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र/
स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर/स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद/स्टेट बैंक ऑफ मैसूर/
इलाहाबाद बैंक/बैंक ऑफ बड़ौदा/बैंक ऑफ इंडिया/
बैंक ऑफ महाराष्ट्र/केनरा बैंक/सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया/
देना बैंक/इंडियन बैंक/इंडियन ओवरसीज बैंक/पंजाब नेशनल बैंक/
सिंडिकेट बैंक/यूको बैंक/यूनियन बैंक ऑफ इंडिया/यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया/
कॉर्पोरेशन बैंक/आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड

महोदय,

वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, 2004 (एससीएसएस) –खंडित अवधि के लिए ब्याज (एक तिमाही से कम) - स्पष्टीकरण

कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 3 जून, 2005 के हमारे परिपत्र आरबीआई/2004-05/484 द्वारा अग्रेषित कार्यालय ज्ञापन एफ नं 2/8/2004-एनएस/II के मद संख्या 1 के अंतर्गत प्रस्तुत स्पष्टीकरण देखें। भारत सरकार, वित्त मंत्रालय, आर्थिक मामलों का विभाग (बजट प्रभाग) ने इस मामले में दिनांक 8 दिसम्बर, 2005 को एक शुद्धिपत्र जारी किया है (प्रति संलग्न)। दिनांक 8 दिसम्बर, 2005 के शुद्धिपत्र द्वारा निर्धारित संशोधित सूत्र को 31 दिसम्बर, 2005 को समाप्त तिमाही से एससीएसएस खातों के लिए टूटी हुई अवधि (एक तिमाही से कम) के लिए ब्याज की गणना करते समय लागू किया जा सकता है।

2. इसलिए, हम आपको सलाह देते हैं कि सख्त कार्यान्वयन / मार्गदर्शन के लिए अपनी नामित शाखाओं को सरकार के संशोधित निर्देशों से तत्काल अवगत कराएं। कृपया यह भी सुनिश्चित करें कि आपकी नामित शाखाओं द्वारा जमा राशियों पर ब्याज नियत तिथियों पर जमा / भुगतान किया जाये, क्योंकि योजना का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों / निवेशकों को आय का नियमित प्रवाह सुनिश्चित करना है।

3. कृपया प्राप्ति-सूचना दें।

भवदीय,

(बी.बी. संगमा)
महाप्रबंधक


एफ.सं.2-8/2004-एनएस-II
भारत सरकार
वित्त मंत्रालय
आर्थिक मामलों का विभाग
(बजट प्रभाग)

नॉर्थ ब्लॉक, केंद्रीय सचिवालय
नई दिल्ली 110 001, 8 दिसंबर 2005

शुद्धिपत्र

विषय : वरिष्ठ नागरिक बचत योजना 2004 (एससीएसएस) - स्पष्टीकरण - के संबंध में।

टूटी हुई अवधि (एक चौथाई से कम) के लिए ब्याज की गणना करने के बारे में दिनांक 31 मई, 2005 के सम संख्या के कार्यालय ज्ञापन के माध्यम से इस कार्यालय द्वारा जारी स्पष्टीकरण निम्नानुसार संशोधित किया गया है।

के लिए पढ़ें
एक 'तिमाही' से कम किसी भी अवधि के लिए ब्याज (नियमों के तहत निर्धारित) की गणना निम्नलिखित सूत्र के अनुसार की जाएगी:

दिनों की संख्या X वार्षिक ब्याज दर
365 या 366 (लीप वर्ष के मामले में)
एक 'तिमाही' से कम की किसी भी अवधि के लिए ब्याज की गणना (नियमों के तहत निर्धारित) निम्नलिखित सूत्र के अनुसार की जाएगी:

अवधि में दिनों की संख्या X तिमाही के लिए ब्याज
तिमाही में कुल दिनों की संख्या

2. वरिष्ठ नागरिक योजना के तहत देय तिथियों पर ब्याज जमा करने में देरी के संबंध में कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि जमाराशियों पर ब्याज देय तारीखों पर जमा/भुगतान किया जाता है क्योंकि योजना का उद्देश्य जमाकर्ताओं को आय का नियमित प्रवाह सुनिश्चित करना है।

इसे ज्वाइंट सेक्रेटरी (बजट) के अनुमोदन से जारी किया गया है।

(सी ए बेबी)
लेखा अधिकारी
दूरभाष: 2309 4050

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