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भारत के बाहर शैक्षणिक संस्थाओं में आसनों को स्थापित करना

भारतीय रिज़र्व बैंक
(विदेशी मुद्रा विभाग)
केद्रीय कार्यालय
मुंबई - 400 001

ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 25

1 मार्च 2002

प्रति

विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी

प्रिय महोदय, /महोदया

भारत के बाहर शैक्षणिक संस्थाओं में आसनों को स्थापित करना

हमें भारतीय कंपनियों से शैक्षणिक संस्थाओं में आसनों को स्थापित करने और अन्य कल्याणकारी गतिविधियों जैसे महत्वपूर्ण उद्देश्यों के लिए उनके विदेशी मुद्रा अर्जनों से निधियों का दान देने के लिए अनुरोध प्राप्त हो रहे है। प्रमाणित ट्रैक रिकार्ड के साथ भारतीय कंपनियों को भारत के बाहर शैक्षणिक संस्थाओं में आसनों को स्थापित करने और उसी प्रकार के ऐसे उद्देश्यों के लिए उनके विदेशी मुद्रा अर्जनों से निधियों के अंशदान हेतु अनुमति देने का निर्णय लिया गया है। ऐसे मामलों पर रिज़र्व बैंक द्वारा मामला-दर मामला आधार पर विचार किया जायेगा। प्राधिकृत व्यापारी ऐसे सभी आवेदनों को निम्नलिखित ब्यौरे के साथ मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक केद्रीय कार्यालय, विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग, बाहय भुगतान प्रभाग, केद्रीय कार्यालय भवन, मुंबई 400001 को भेजे।

क) पिछले 3 वर्षो के दौरान उनके अर्जित विदेशी मुद्रा के ब्यौर

ख) कंपनी की गतिविधियों की संक्षिप्त पृष्टीभूमी

ग) शैक्षणिक संस्था में स्थापित किये जाने के लिए प्रस्तावित आसन के ब्यौरे और

घ) कंपनियों के लिए संभाव्य लाभ

2. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत कराये।

3. इस परिपत्र में अन्तर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन जारी किए गए है।

भवदीय

ग्रेस कोशी
मुख्य महाप्रबंधक

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