आईएफएससी बैंकिंग यूनिटों की स्थापना (आईबीयू) – अनुमेय गतिविधियां - आरबीआई - Reserve Bank of India
आईएफएससी बैंकिंग यूनिटों की स्थापना (आईबीयू) – अनुमेय गतिविधियां
भारिबै/2015-16/282 7 जनवरी 2016 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय/महोदया, आईएफएससी बैंकिंग यूनिटों की स्थापना (आईबीयू) – अनुमेय गतिविधियां कृपया दिनांक 01 अप्रैल 2015 का हमारा परिपत्र बैंविवि.आईबीडी.बीसी.14570/23.13.004/2014-15 देखें, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (आईएफएससी) में स्थापित वित्तीय संस्थाओं के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेश जारी किए गए हैं। विभिन्न शेयरधारकों से प्राप्त प्रतिक्रियाओं और अनुरोधों के आधार पर, निदेशों के कुछ प्रावधानों की समीक्षा की गई तथा उनमें निम्नानुसार संशोधन किया गया है: 2. उपर्युक्त निदेशों के अनुबंध । और अनुबंध ।। के पैराग्राफ सं 2.6 (v) के अनुसार आईबीयू को कोई चालू अथवा बचत खाता खोलने की अनुमति नहीं है। अब यह निर्णय लिया गया है कि आईबीयू अईएफएससी में कार्यरत इकाइयों और अनिवासी संस्थागत निवेशकों के विदेशी मुद्रा चालू खाते खोल सकते हैं ताकि उनके निवेश संबंधी लेनदेनों में सुविधा हो सके। यह पुनः स्पष्ट किया जाता है कि आईबीयू उच्च मालियत वाले व्यक्तियों (एचएनआई) सहित खुदरा ग्राहकों से देयताएं नहीं जुटा सकते हैं। साथ ही, आईबीयू के चालू खाता धारकों को कोई चेक सुविधा उपलब्ध नहीं होगी । इन खातों के द्वारा सभी लेनदेन बैंक अंतरण के माध्यम से ही किया जाना अनिवार्य है। 3. उपर्युक्त निदेशों के अनुबंध । और अनुबंध ।। के पैराग्राफ सं 2.6 (v) के अनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित सीमा के अधीन आईबीयू बैंकों से अल्पावधि देयताएं जुटा सकते हैंI समीक्षा करने पर यह निर्णय लिया गया है कि बैंकों से अल्पावधि देयताएं जुटाने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक कोई सीमा निर्धारित नहीं करेगा । तथापि, आईबीयू को अनिवार्य रूप से भारतीय बैंकों पर लागू एकल आधार पर एलसीआर बनाए रखना होगा और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकों को जारी किए गए चलनिधि जोखिम प्रबंधन दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करना हैI साथ ही, जब भी भारतीय बैंकों पर एनएसएफआर लागू किया जाएगा, तो वह आईबीयू पर भी लागू होगाI 4. आईबीयू को उनके व्यावसायिक लेनदेनों में अधिक लचीलापन उपलब्ध कराने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि एकल उधारकर्ता के मामले में आईबीयू के लिए एक्सपोज़र की उच्चतम सीमा मूल बैंक की टियर I पूंजी का 5 प्रतिशत होगा और उधारकर्ता समूह के मामले में एक्सपोज़र की उच्चतम सीमा मूल बैंक की टियर I पूंजी का 10 प्रतिशत होगाI 5. उपर्युक्त निदेशों में निहित अन्य सभी नियम और शर्तें अपरिवर्तित रहेंगीI भवदीय, (राजिंदर कुमार) |