एशियाई समाशोधन संघ के तहत निपटान प्रणाली - आरबीआई - Reserve Bank of India
एशियाई समाशोधन संघ के तहत निपटान प्रणाली
आरबीआइ/2008-09/332 26 दिसंबर 2008 सेवा में महोदया/महोदय, एशियाई समाशोधन संघ के तहत निपटान प्रणाली प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। (ए.डी. श्रेणी -।) बैंकों का ध्यान एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू) के जरिये लेन-देन करने के लिए एशियाई समाशोधन संघ स्थापना हेतु किये गये करार के सामान्य प्रावधानों के अनुच्छेद IV (ख)तथा (ग) और समय समय पर यथा संशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 14/2000-आरबी के विनियम 3 तथा 5 ड विदेशी मुद्रा प्रबंध (प्राप्ति और भुगतान का प्रकार) विनियमावली, 2000क़ी ओर आकर्षित किया जाता है , जिसके अनुसार एशियाई मौद्रिक संघ को ‘‘एसीयू डॉलर’’ के रूप में नामित किया गया है । 2. 01 जनवरी 2009 से शुरू किये जाने वाले लेन-देनों /निपटानों को सरल बनाने की दृष्टि से एशियाई समाशोधन संघ के सहभागियों को या तो ‘‘एसीयू डॉलर ’’ में या फिर ‘‘एसीयू यूरो ’’ में अपने लेन-देनों के निपटान का विकल्प उपलब्ध होगा । तदनुसार, एशियाई मौद्रिक संघ (एएमयू) ‘एसीयू डॉलर’ और ‘एसीयू यूरो’ के रूप में नामित किया जाएगा जो क्रमश: एक अमरीकी डॉलर और एक यूरो के समतुल्य होगा । 3. साथ ही , प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंकों को अन्य सहभागी देशों में उनके सह -संबंधी बैंकों के साथ एसीयू डॉलर और एसीयू यूरो खाते खोलने और रखने की अनुमति दी गयी है । संबंधित बैंकों द्वारा सभी पात्र भुगतान इन खातों के जरिये किया जाना अपेक्षित है । 4. विदेशी मुद्रा प्रबंध (प्राप्ति और भुगतान का प्रकार) विनियमावली, 2000 और एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू)(एसीएम-ज्ञापन) के जरिये लेन-देन करने के लिए प्रक्रिया-ज्ञापन में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं । 5.प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करा दें। 6. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है। भवदीय (डी.मिश्रा) |