मौद्रिक नीति वक्तव्य 2013-14-परिपक्वता तक धारित श्रेणी के अंतर्गत एसएलआर धारिता - आरबीआई - Reserve Bank of India
मौद्रिक नीति वक्तव्य 2013-14-परिपक्वता तक धारित श्रेणी के अंतर्गत एसएलआर धारिता
आरबीआई/2012-13/501 15 मई 2013 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय मौद्रिक नीति वक्तव्य 2013-14- कृपया ‘ परिपक्वता तक धारित श्रेणी के अंतर्गत एसएलआर धारिता ’ पर 3 मई 2013 को घोषित मौद्रिक नीति वक्तव्य 2013-14 का पैरा 84 देखें (उद्धरण संलग्न)। 2. बैंकों के निवेश संविभाग के वर्गीकरण से संबंधित विवेकपूर्ण मानदंडो पर 2 सितम्बर 2004 के हमारे परिपत्र सं. बैंपविवि. बीपी.बीसी.37/21.04.141/2004-05 के अनुसार परिपक्वता तक धारित श्रेणी के अंतर्गत कुल निवेश की 25 प्रतिशत की सीमा को बढाया जा सकता है बशर्ते अतिरिक्त निवेश केवल एसएलआर प्रतिभूतियों में किया गया हो तथा परिपक्वता तक धारित श्रेणी के अंतर्गत कुल एसएलआर प्रतिभूतियां दूसरे पूर्ववर्ती पखवाड़े के अंतिम शुक्रवार को बैंकों की मांग और मीयादी देयताओं (डीटीएल) के 25 प्रतिशत से अधिक न हो। बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 के अंतर्गत मांग और मीयादी देयताओं के 25 प्रतिशत एसएलआर रखने की उस समय की अपेक्षा को ध्यान में रखकर इस छूट की अनुमति दी गई थी। तदपश्चात एसएलआर को मांग और मीयादी देयताओं के 23 प्रतिशत तक घटाया गया है। उपर्युक्त के साथ एकरूपता लाने के लिए तथा सरकारी प्रतिभूतियों और ब्याज दर डेरिवेटिव बाजार में चलनिधि बढाने पर गठित कार्यदल (अध्यक्ष: आर.गांधी) की सिफारिशों के अनुरूप निम्नानुसार निर्णय लिया गया है: (i) बैंकों को निम्नलिखित के अधीन परिपक्वता तक धारित श्रेणी के अंतर्गत कुल निवेश की 25 प्रतिशत की सीमा से अधिक निवेश करने की अनुमति दी जाती है, बशर्ते: क. अतिरिक्त निवेश केवल एसएलआर प्रतिभूतियों मे ही हो और ख. परिपक्वता तक धारित श्रेणी के अंतर्गत धारित कुल एसएलआर प्रतिभूतियां, दूसरे पूर्ववर्ती पखवाड़े के अंतिम शुक्रवार को बैंकों की मांग और मीयादी देयताओं (डीटीएल) के जून 2013 के अंत तक 24.50 प्रतिशत, सितंबर 2013 के अंत तक 24 प्रतिशत, दिसंबर 2013 के अंत तक 23.50 प्रतिशत, तथा मार्च 2014 के अंत तक 23 प्रतिशत से अधिक न हो। 3. वर्तमान अनुदेशों के अनुसार बैंक, अपने निदेशक मंडल की अनुमति से परिपक्वता तक धारित श्रेणी में / से निवेश, वर्ष में एक बार अंतरित कर सकते है तथा इस प्रकार का अंतरण सामान्यतया लेखा वर्ष के आरंभ में करने की अनुमति दी जाएगी। उपर्युक्त पैरा 2 में दर्शाए गए अनुसार, प्रत्येक तिमाही में एक बार, बैंक अपनी एसएलआर प्रतिभूतियां, परिपक्वता तक धारित श्रेणी से एएफएस/ एचएफटी श्रेणी में अंतरित कर सकें, इसे संभव बनइने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि वर्ष 2013-14 के दौरान प्रत्येक तिमाही के आरंभ में इस प्रकार के अंतरण की अनुमति दी जाए। भवदीय (चंदन सिन्हा) 3 मई 2013 को घोषित किए गए मौद्रिक नीति वक्तव्य 2013-2014 से उद्धरण परिपक्वता तक धारित श्रेणी के अंतर्गत एसएलआर धारिता 84. सितंबर 2003 में जारी किए गए मौजूदा अनुदेशों के अनुसार बैंकों को परिपक्वता तक धारित (एच टी एम) श्रेणी के अंतर्गत उनके कुल निवेशों के 25 प्रतिशत की सीमा से अधिक निवेश करने की अनुमति दी जाती है, बशर्ते अतिरिक्त निवेश केवल एस एल आर प्रतिभूतियों में किया गया है और एच टी एम श्रेणी में धारित की गई कुल एस एल आर प्रतिभूतियां दूसरे पूर्ववर्ती पखवाडे के अंतिम शुक्रवार को उनकी मांग तथा मीयादी देयतओं के 25 प्रतिशत से अधिक नहीं हैं। यह छूट उस समय पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 के अंतर्गत मांग और मीयादी देयताओं के 25 प्रतिशत का एस एल आर बनाए रखने की अपेक्षा को ध्यान में लेते हुए दी गई थी। तदनुसार यह प्रस्ताव है कि : बैंक एच टी एम श्रेणी के अंतर्गत अपने कुल निवेशों के 25 प्रतिशत की वर्तमान सीमा से अतिरिक्त निवेश कर सकते हैं बशर्ते: क. अतिरिक्त निवेश केवल एस एल आर प्रतिभूतियों में किया गया है; और ख. एच टी एम श्रेणी में धारित की गई कुल एस एल आर प्रतिभूतियां दूसरे पूर्ववर्ती पखवाडे के अंतिम शुक्रवार को उनकी मांग तथा मीयादी देयतओं के 23 प्रतिशत से अधिक नहीं हैं, अर्थात वर्तमान एस एल आर अपेक्षा के अनुरूप। सरकारी प्रतिभूतियों तथा ब्याज दर डेरिवेटिव्ज बाजार पर कार्य दल की सिफारिशों के अनुरूप 25 प्रतिशत से 23 प्रतिशत तक का पुनर्निर्धारण जून 2013 को समाप्त होने वाली तिमाही से प्रत्येक तिमाही में कम- से- कम 50 आधार अंक घटाकर किया जायेगा। विस्तृत दिशानिर्देश अलग से जारी किए जाएंगे। |