बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 - सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाए रखना - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 - सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाए रखना
आरबीआइ/2008-09/255 03 नवंबर 2008 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 - कृपया उपर्युक्त विषय पर 13 फरवरी 2008 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. बीसी. 62/12.02.001/ 2007-08 देखें । 2. मौजूदा तथा परिवर्तनशील समष्टि आर्थिक स्थिति तथा वैश्विक और देशी वित्तीय बाज़ारों में चलनिधि की स्थिति की समीक्षा करने पर, तथा 1 नवंबर 2008 की भारतीय रिज़र्व बैंक की प्रेस प्रकाशनी 2008-09/603 में निर्धारित किए गए अनुसार यह निर्णय लिया गया है कि 8 नवंबर 2008 से प्रारंभ होनेवाले पखवाड़े से अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के लिए सांविधिक चलनिधि अनुपात को उनकी निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) के 25 प्रतिशत से घटाकर 24 प्रतिशत कर दिया जाए । 3. इससे संबंधित 03 नवंबर 2008 की अधिसूचना बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 72/12.02.001/2008-2009 की प्रतिलिपि संलग्न है। 4. कृपया प्राप्ति-सूचना दें । भवदीय (पी. के. महापात्र) 03 नवंबर 2008 अधिसूचना
समय-समय पर यथासंशोधित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (1949 का 10) की धारा 24 की उप-धारा (2क) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, तथा 13 फरवरी 2008 की अधिसूचना बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 61/ 12.02.001/2007-08 में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्वारा यह निर्दिष्ट करता है कि 8 नवंबर 2008 को प्रारंभ होनेवाले पखवाड़े से प्रत्येक अनुसूचित वाणिज्य बैंक 13 फरवरी 2008 की अधिसूचना बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 61/12.02.001/2007-08 में यथावर्णित आस्तियां भारत में बनाए रखेंगे जिनका मूल्य किसी भी दिन कारोबार की समाप्ति पर दूसरे पूर्ववर्ती पखवाड़े के अंतिम शुक्रवार को भारत में कुल निवल मांग और मीयादी देयताओं के 24 प्रतिशत से कम नहीं होगा । (आनन्द सिन्हा) |