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चेकफार्मों में सुरक्षाविशेषताओं को मानकबनाना तथा उनमेंवृद्धि

आरबीआइ/2009-10/323
डीपीएसएस.सीओ.सीएचडी. सं.1832/04.07.05/2009-10

22 फरवरी 2010

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों/शहरी सहकारी बैंकों/राज्‍य सहकारी
बैंकों/जिला मध्‍यवर्ती सहकारी बैंकों सहित सभी
अनुसूचित वाणिज्‍य बैंकों के अध्‍यक्ष तथा प्रबंध निदेशक
महोदया/महोदय,

चेक फार्मों में सुरक्षा विशेषताओं को मानक बनाना तथा उनमें वृद्धि करना

हमारे देश में भुगतान संबंधी लेनदेन करने के लिए कागज़ अभी भी एक लोकप्रिय साधन है। अप्रैल-दिसंबर 2009 की अवधि में, देश में समाशोधन गृहों ने औसतन प्रति दिन लगभग 4.5 मिलियन चेकों का प्रसंस्करण किया है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाये हैं कि खुदरा भुगतान करने की यह सुविधा एक सुरक्षित तथा कुशल तरीके से काम करे।

2. अस्‍सी के दशक के मध्‍य में मैग्‍नेटिक इंक करेक्‍टर रेकोग्निशन (एमआइसीआर) प्रौद्योगिकी प्रारंभ करना सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण गतिविधि रही है जिससे संख्‍या, गति और सुविधा की दृष्टि से चेक समाशोधन को लोकप्रिय और कुशल बनाया जा सका है। बैंकों के स्‍तर पर भी एमआइसीआर फार्मेट में चेकों से परिचालनों में प्रसंस्करण के बाद के काम में सहजता आई है, ग्राहकों के खातों में राशि जमा करना सुविधाजनक हुआ है और समाधान संबंधी मुद्दे कम हुए हैं, जिससे ग्राहक सेवा में सुधार हुआ है। चेक प्रसंस्करण को मशीनीकृत करने में चेक फार्म का आकार, एमआइसीआर बैंड, कागज की गुणवत्ता, आदि को मानक बनाना एक प्रधान कारक रहा है।

3. कालांतर में, बैंकों ने पृथक्‍करण, ब्रैडिंग, पहचान, आदि करने के लिए चेक फार्मों में विविध प्रकार के पैटर्न और डिजाइन जोडे़ हैं और चेकों के दुरुपयोग, उन से छेड़छाड़, परिवर्तन आदि के मामले कम करने के लिए उनमें कई सुरक्षा विशेषताएं जोड़ी हैं। बैंक की किसी भी शाखा पर चेक हैंडल करने के लिए मल्टीसिटी चेक और पेयबल एट पार चेकों के निरंतर बढ़ते उपयोग, छाया पर आधारित चेक प्रोसेसिंग करने के लिए नई दिल्‍ली में चेक  ट्रक्‍ंशेन सिस्‍टम (CTS) प्रारंभ करने, गैर-स्थानीय चेकों, आदि की स्‍थानीय प्रसंस्करण करने के लिए स्‍पीड क्लियरिंग की निरंतर व बढ़ती लोकप्रियता ऐसे कुछ पहलू हैं जिनके कारण पूरे बैंकिंग उद्योग में एक समान रूप में बैंकों द्वारा मुद्रित, जारी किए गए और हैंडल किए गए चेकों के लिए कुछेक न्‍यूनतम सुरक्षा विशेषताएं, यदि कोई हो, को लागू करने की आवश्‍यकता पर ध्‍यान देना पड़ा।

4. उपर्युक्‍त पृष्‍ठभूमि में, चेक फार्मों को और अधिक मानक बनाने और उनमें सुरक्षा विशेषताओं में वृद्धि करने के उद्देश्‍य से रिज़र्व बैंक ने एक कार्यकारी दल का गठन किया। इस कार्यकारी दल में भारतीय रिज़र्व बैंक के अलावा, विभिन्‍न स्‍टेकधारक जैसे कि वाणिज्‍यिक बैंक, कागज के निर्माता, सुरक्षा मुद्रक, आदि शामिल थे। कार्यकारी दल की सिफारिशों पर आंतरिक स्‍तर पर चर्चा की गई और उनके अभिमत प्राप्‍त करने के लिए भारतीय बैंक संघ, भारतीय राष्‍ट्रीय भुगतान निगम तथा कुछ चुनीदां बैंकों को भेजी गई। इन संस्‍थाओं से फीडबैक प्राप्‍त हो गया है और उन पर विधिवत रूप से विचार किया गया है।

5.अब यह निर्णय लिया गया है कि पूरे देश में बैंकों द्वारा जारी किए जा रहे चेकों को मानक बनाने के लिए कुछ बेंचमार्क निर्धारित किये जाएं। इनमें चेक फार्मों में अनिवार्यत: कुछ न्‍यूनतम सुरक्षा विशेषताएं जैसे कि कागज़ की गुणवत्‍ता, वाटरमार्क, अदृश्‍य स्‍याही में बैंक का लोगो, वायड पैंटोग्राफ आदि तथा चेकों पर स्थान नियोजन को मानक करने का प्रावधान करना शामिल है। इसके अतिरिक्‍त, कुछ वांछनीय विशेषताओं का भी सुझाव दिया जा रहा है जो बैंक अपनी आवश्‍यकता और जोखिम के प्रति दृष्टिकोण के आधार पर अपना सकते हैं। न्‍यूनतम सुरक्षा विशेषताओं से न केवल देश में बैंकों द्वारा जारी चेक फार्मों की एकरूपता सुनिश्चित होगी बल्कि प्रस्‍तुतकर्ता बैंको को छाया पर आधारित प्रसंस्करण परिदृश्‍य में भुगतानकर्ता बैंकों के चेक की संवीक्षा करने/पहचान करने में सहायता मिलेगी। सुरक्षा विशेषताओं में एकरूपता से चेकों की धोखाधड़ी रोकने में सहायता मिलेगी, जबकि चेक फार्मों पर  स्थान नियोजन के मानक होने से आप्टिकल/इमेज केरेक्‍टर रेकोग्निशन प्रौद्योगिकी के प्रयोग से चेकों की स्‍ट्रेट-थ्रू -प्रोसेसिंग हो सकेगी।

6. बेंचमार्क निर्धारणों को ''सी टी एस 2010 मानक'' कहा जाएगा। उनके विवरण अनुलग्‍नक में दिए गए हैं। मानक को कार्यान्वित करने की प्रभावी तारीख आपको यथासमय सूचित की जाएगी। हमारा उद्देश्य यह है कि संशोधित चेक मानक बैंकों द्वारा चेन्‍नै में सीटीएस प्रारंभ करने से पहले कार्यान्वित कर दिए जाएं। पूरे देश में चेकों पर अतिरिक्‍त सुरक्षा विशेषताएं प्रारंभ करने तथा मानक के कार्यान्‍वयन से संबंधित अन्‍य पहलुओं के बारे में बैंकों को आइबीए तथा एनपीसीआई सूचित करेंगे।

7. कृपया परिपत्र प्राप्‍त हो जाने की पावती दें और ''सी टी एस 2010 मानक'' कार्यान्वित करने के बारे में अपनी तैयारी की सूचना दें।


भवदीय,


(जी. पद्भनाभन)
मुख्‍य महाप्रबंधक
अनु:  ''सी टी एस – 2010 मानक'' विशेषताएं

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