बैंक शाखाओं/ एटीएम तक विकलांग व्यक्तियों को पहुंच देने की जरूरत - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंक शाखाओं/ एटीएम तक विकलांग व्यक्तियों को पहुंच देने की जरूरत
भारिबैं/2014-15/224 09 सितम्बर 2014 सभी राज्य सहकारी बैंक और केंद्रीय सहकारी बैंक महोदय/महोदया, बैंक शाखाओं/ एटीएम तक विकलांग हमें भारत सरकार के माध्यम से अथवा अन्यथा जनता से विकलांग व्यक्तियों को दैंनदिन बैंकिंग लेनदेन करने के लिए बैंक शाखाओं और एटीएम तक सुलभ पहुंच पाने की सुविधा देने के बारे में कई सुझाव प्राप्त हो रहे हैं। हमने ऐसे सुझावों की जांच की है। हम सूचित करते हैं कि राज्य/ केंद्रीय सहकारी बैंक (एसटीसीबी/डीसीसीबी) सभी विद्यमान/भावी एटीएम स्थानों पर रैम्प की व्यवस्था करें ताकि वील चेयर उपयोगकर्ता/विकलांग व्यक्ति एटीएम तक सहजता से पहुंच पाएं। ये व्यवस्थाएं इस प्रकार करने की सावधानी बरती जानी चाहिए कि वील चेयर उपयोगकर्ताओं को एटीएम की ऊंचाई के कारण इसके प्रयोग करने में कोई बाधा न आए। तथापि, ऐसे स्थानों पर जहां चाहे हमेशा के लिए जमीन में फिक्स हो अथवा अन्यथा रैम्प उपलब्ध कराना अव्यावहारिक प्रतीत होता हो तो इसके कारण रिकार्ड करते हुए तथा शाखाओं अथवा एटीएम में इन्हें प्रदार्शित करते हुए इस अपेक्षा को छोड़ दिया जा सकता है। 2. एसटीसीबी/डीसीसीबी को जहां कही संभव हो वहां बैंक शाखाओं के प्रवेश स्थान पर रैम्प उपलब्ध कराने सहित यथोचित कदम उठाने चाहिए, ताकि विकलांग व्यक्ति/वील चेयर उपयोगकर्ता बिना किसी कठिनाई के बैंक शाखाओं में प्रवेश करें तथा अपना बैंकिंग कार्य कर सकें। एसटीसीबी/डीसीसीबी को सूचित किया जाता है कि वे अपने बोर्ड की संबंधित ग्राहक सेवा समिति को आवधिक रूप से इस संबंध में की गई प्रगति की रिपोर्टिंग करें और अनुपालन सुनिश्चित करें। 3. यह सूचित किया जाता है कि एसटीसीबी/डीसीसीबी को भविष्य में नए स्थापित किए जानेवाले सभी एटीएम को ब्रेल लिपि की-पैड के साथ बोलनेवाले बनाना चाहिए। एसटीसीबी/डीसीसीबी सभी विद्यमान एटीएम को ब्रेल लिपि की-पैड के साथ बोलनेवाले के रूप में बदलवाने के लिए एक रोडमैप बनाना चाहिए और उसकी बोर्ड की ग्राहक सेवा समिति द्वारा समय समय पर समीक्षा की जाए। 4. उपर्युक्त के अलावा, कम दृष्टि के व्यक्तियों को जहां कहीं बैंकिंग लेनदेन सुलभता से करने के लिए आवश्यकता हो, वहां उनके द्वारा प्रयोग के लिए एसटीसीबी/डीसीसीबी की सभी शाखाओं में आवर्धक (मैग्नीफाइंग) लैंस भी उपलब्ध कराने चाहिए। शाखाओं को चाहिए कि वे विकलांग व्यक्तियों के लिए आवर्धक लैंस और अन्य सुविधाएं उपलब्ध होने का नोटिस प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित करें। भवदीय (ए. उदगाता) |