अनिवासी भारतीयों (NRIs) द्वारा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में अभिदान - आरबीआई - Reserve Bank of India
अनिवासी भारतीयों (NRIs) द्वारा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में अभिदान
भारिबैंक/2015-16/216 29 अक्तूबर 2015 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया/महोदय, अनिवासी भारतीयों (NRIs) द्वारा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में अभिदान प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथा संशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.20/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2. वृद्धावस्था में आय संबंधी सुरक्षा योजना तक अनिवासी भारतीयों (NRIs) की पहुंच के मद्देनज़र, भारत सरकार के परामर्श से, यह निर्णय लिया गया है कि विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 के अंतर्गत अनिवासी भारतीयों को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में निवेश का विकल्प उपलब्ध कराया जाए। तदनुसार, अनिवासी भारतीय (NRIs) पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा प्रबंधित एवं प्रशासित राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में अभिदान कर सकते हैं, बशर्ते ऐसे अभिदान सामान्य बैंकिंग चैनल के मार्फत किए जाएं और अभिदाता व्यक्ति पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम (PFRDA Act) के उपबंधों के अनुसार निवेश करने के लिए पात्र हो। 3. अनिवासी भारतीयों (NRIs) द्वारा ऐसे अभिदान की राशि का भुगतान सामान्य बैंकिंग चैनल के मार्फत आवक विप्रेषण से अथवा उनके NRE/FCNR/NRO खातों में जमा निधियों से किया जा सकेगा। इसमें वार्षिकी(annuity)/संचित जमा राशियों के प्रत्यावर्तन पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं। 5. भारतीय रिज़र्व बैंक ने विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (नवाँ संशोधन) विनियमावली, 2015 के द्वारा अब उक्त विनियमावली को तदनुसार संशोधित कर दिया है जो 6 अक्तूबर 2015 के जी.एस.आर. सं. 759(ई) के मार्फत 6 अक्तूबर 2015 की अधिसूचना सं. फेमा. 353/2015-आरबी के द्वारा अधिसूचित की गई है। 6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए है । भवदीय, (बी. पी. कानूनगो) |