सिस्टम आधारित आस्ति वर्गीकरण – शहरी सहकारी बैंक - आरबीआई - Reserve Bank of India
सिस्टम आधारित आस्ति वर्गीकरण – शहरी सहकारी बैंक
भारिबैं/2020-21/23 12 अगस्त 2020 मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदय / महोदया सिस्टम आधारित आस्ति वर्गीकरण – शहरी सहकारी बैंक कृपया आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामलों पर हमारे 01 जुलाई 2015 के मास्टर परिपत्र डीसीबीआर.पीसीबी.एमसी.12/09.14.000/2015-16 का संदर्भ लें। 2. आस्ति वर्गीकरण प्रक्रिया की क्षमता, पारदर्शिता और सत्यनिष्ठा को बढाने हेतु शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) में सिस्टम-आधारित आस्ति वर्गीकरण1 को कार्यान्वित करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में संबंधित अनुदेश निम्नानुसार हैं: 2.1 दिनांक 31 मार्च 2020 की स्थिति पर रु.2000 करोड़ या उससे अधिक की कुल आस्ति वाले यूसीबी दिनांक 30 जून 2021 से सिस्टम-आधारित आस्ति वर्गीकरण लागू करेंगे। 2.2 दिनांक 31 मार्च 2020 को रु.1000 करोड़ या उससे अधिक लेकिन रु.2000 करोड़ से कम की कुल आस्ति वाले एवं दिनांक 31 दिसंबर 2019 के ‘यूसीबी के लिए बृहत साईबर सुरक्षा फ्रेमवर्क’ विषय पर परिपत्र डीओएस.सीओ.सीएसआईटीई.बीसी 4083/31.01.052/2019-20 के अनुसार स्वयं को लेवल III या लेवल IV मूल्यांकित करनेवाले यूसीबी दिनांक 30 सितंबर 2021 से सिस्टम-आधारित आस्ति वर्गीकरण लागू करेंगे। 2.3 वर्तमान वित्त वर्ष अथवा आगामी वित्त वर्षों के अंत में उपर्युक्त मानदंड को पूरा करनेवाले यूसीबी संबंधित वित्त वर्ष की समाप्ति से छह महीने की अवधि के भीतर सिस्टम-आधारित आस्ति वर्गीकरण लागू करेंगे। 2.4 प्रणाली के सुचारू कार्यान्वयन के लिए, सभी संबंधित यूसीबी आरबीआई के अनुदेशों का अनुपालन करते हुए पायलट / समानांतर रन आयोजित करें और आस्ति वर्गीकरण की सटीकता / सत्यनिष्ठा के परिणामों का मूल्यांकन करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे नियत तारीख से सिस्टम-आधारित आस्ति वर्गीकरण के कार्यान्वयन के लिए तैयार हैं। 3. उपर्युक्त मानदंडों को पूरा न करनेवाले बैंकों को भी उनके हित में स्वैच्छा से सिस्टम-आधारित आस्ति वर्गीकरण को लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। भवदीय (नीरज निगम) 1‘सिस्टम आधारित आस्ति वर्गीकरण’ से अभिप्राय यह है कि आस्ति वर्गीकरण (डाउन-ग्रेडिंग व अप-ग्रेडिंग) वर्तमान दिशा-निर्देशों के अनुसार स्वचालित तरीके से बैंक के सीबीएस / कंप्यूटरीकृत प्रणाली द्वारा सतत आधार पर किया जाए। |