प्रतिभूतिकरण कंपनी और पुनर्निर्माण कंपनी (रिज़र्व बैंक) मार्गदर्शी सिद्धांत तथा निदेश 2003- संशोधन - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रतिभूतिकरण कंपनी और पुनर्निर्माण कंपनी (रिज़र्व बैंक) मार्गदर्शी सिद्धांत तथा निदेश 2003- संशोधन
भारिबैं/2009-2010/414 21 अप्रैल 2010 सभी पंजीकृत प्रतिभूतिकरण कंपनियाँ तथा पुनर्निर्माण कंपनियाँ प्रिय महोदय, प्रतिभूतिकरण कंपनी और पुनर्निर्माण कंपनी कृपया वर्ष 2010-2011 के लिए जारी 20 अप्रैल 2010 के मौद्रिक नीति संबंधी वक्तब्य के पैराग्राफ 113 और 114 (उद्धरण संलग्न) देखें। 2. निदेश के पैरा 5(v) के अनुसार बैंक के पास पंजीकृत प्रतिभूतिकरण कंपनियों या पुनर्निर्माण कंपनियों से अपेक्षित है कि वे प्रतिभूतिकरण के प्रयोजन से ट्रस्ट संस्थापना द्वारा जारी प्रतिभूति (सिक्युरिटी) रसीदों में प्रत्येक योजना के अंतर्गत कम से कम 5% निवेश करें। आगे यह भी सूचित किया गया था कि प्रतिभूतिकरण कंपनी या पुनर्निर्माण कंपनी जिसने पहले ही प्रतिभूति (सिक्युरिटी) रसीदें जारी की हैं, अधिसूचना के जारी होने की तारीख से 6 माह में प्रत्येक योजना के अंतर्गत सिक्युरिटी रसीदों में न्यूनतम अभिदान सीमा प्राप्त करें। 3. यह देखा गया है कि प्रतिभूतिकरण कंपनियाँ/पुनर्निर्माण कंपनियाँ सामान्यत: प्रतिभूति रसीदों के सीनियर क्लास में निवेश करती हैं तथा प्रतिभूति रसीदों में किए गए निवेश को प्राथमिकता के आधार पर प्राप्त (नकद) कर लेती हैं, भले ही अर्हता प्राप्त अन्य संस्थागत क्रेताओं को जारी प्रतिभूति रसीदों की अदायगी शेष हो। प्रतिभूति-रसीदोंगत बकाया राशि में प्रतिभूतिकरण कंपनियों/पुनर्निर्माण कंपनियों की अपेक्षित न्यूनतम हिस्सेदारी सतत आधार पर सुनिश्चित करने के लिए बैंक के पास पंजीकृत सभी प्रतिभूतिकरण कंपनियों/ पुनर्निर्माण कंपनियों को सूचित किया जाता है कि प्रतिभूतिकरण कंपनी/पुनर्निर्माण कंपनी द्वारा प्रत्येक योजना एवं प्रत्येक श्रेणी (क्लास) के अंतर्गत जारी प्रतिभूति रसीदों में अब से न्यूनतम 5% निवेश करेंगी और प्रतिभूति-रसीदोंगत बकाया राशि में इस सीमा तक उन्हें तब तक धारण किए रहेंगी जब तक कि योजना विशेष के अंतर्गत जारी सभी प्रतिभूति रसीदों की अदायगी नहीं हो जाती है। 4. इस संबंध में 21 अप्रैल 2010 को जारी संशोधनकारी अधिसूचना सं. गैबैंपवि. नीति प्रभा.(एससी/ आरसी)9/मुमप्र(एएसआर)-2010 की प्रति संलग्न है। भवदीय (ए. एस. राव) भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं.गैबैंपवि.नीति प्रभा.(एससी/आरसी)/9/मुमप्र(एएसआर)-2010 दिनांक : 1 अप्रैल 2010 प्रतिभूतिकरण कंपनी और पुनर्निर्माण कंपनी भारतीय रिज़र्व बैंक, जनहित में इसे आवश्यक मानते हुए तथा इस बात से संतुष्ट होकर कि वित्तीय प्रणाली को देश के हित में विनियमित करने हेतु रिज़र्व बैंक को समर्थ बनाने के प्रयोजन के लिए और किसी प्रतिभूतिकरण कंपनी या पुनर्निर्माण कंपनी के निवेशकों के हित के लिए हानिकारक ढंग से चलाये जा रहे कार्यलापों या ऐसी प्रतिभूतिकरण कंपनी या पुनर्निर्माण कंपनी के हित में किसी भी प्रकार से पक्षपाती ढंग से चलाये जा रहे कार्यकलापों को रोकने के लिए; "प्रतिभूतिकरण कंपनी और पुनर्निमाण कंपनी (रिज़र्व बैंक) मार्गदर्शी सिद्धांत तथा निदेश, 2003" को संशोधित करना आवश्यक है, वित्तीय परिसंपत्तियों के प्रतिभूतिकरण तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002 (2002 का 54) की धारा 3, 9, 10 तथा 12 एवं इस संबंध में उसे प्राप्त सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए, एतदद्वारा निदेश देता है कि 23 अप्रैल 2003 की अधिसूचना सं.गैबैंपवि. 2/ सीजीएम(सीएसएम)-2003 में अंतर्विष्ट निदेश, जिन्हें इसके बाद निदेश कहा गया है, निम्नवत संशोधित होंगे अर्थात- 1. निदेश के पैरा 5 में उप पैराग्राफ (v) के बाद निम्नलिखित उप पैराग्राफ (vi) जोड़ा जाएगा। "(vi) प्रतिभूतिकरण कंपनी या पुनर्निर्माण कंपनी द्वारा प्रत्येक योजना के अंतर्गत जारी प्रत्येक श्रेणी (क्लास) की प्रतिभूति रसीदों में से न्यूनतम 5% प्रतिभूति रसीदें प्रतिभूतिकरण कंपनी या पुनर्निर्माण कंपनी सतत आधार पर तब तक धारण किए रहेगी जब तक कि ऐसी योजना विशेष के अंतर्गत जारी सभी प्रतिभूति रसीदों की अदायगी नहीं हो जाती है।" (ए. एस. राव) मौद्रिक नीति संबंधी वक्तब्य -2010-2011 के पैराग्राफ 113 और 114 का अंश/के उद्धरण वित्तीय परिसंपत्तियों के प्रतिभूतिकरण तथा पुनर्निर्माण और प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम (सरफायसी अधिनियम), 2002 के अंतर्गत स्थापित प्रतिभूतिकरण कंपनियाँ/पुनर्निर्माण कंपनियाँ: विनियमन में परिवर्तन/ संशोधन 113. भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्रतिभूतिकरण कंपनियों/पुनर्निर्माण कंपनियों (एससी/ आरसी) के परामर्श से इन कंपनियों को जारी मार्गदर्शी सिद्धांतों तथा अनुदेशों की समीक्षा की है। तदनुसार इन मार्गर्शीसिद्धांतों में निम्नलिखित संशोधनों का प्रस्ताव है:
114. विस्तृत मार्गदर्शी सिद्धांत 30 अप्रैल 2010 तक जारी किए जाएंगे। |