भारत में आयात के लिए व्यापार ऋण- समग्र लागत सीमा की पुनरीक्षा - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में आयात के लिए व्यापार
ऋण- समग्र लागत सीमा की पुनरीक्षा
आरबीआई/2008-09/251 27 अक्तूबर 2008 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -I बैंक महोदय/महोदया भारत में आयात के लिए व्यापार ऋण- समग्र लागत सीमा की पुनरीक्षा सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -I बैंकों का ध्यान, भारत में आयात के लिए व्यापार ऋण की समग्र लागत सीमा से संबंधित 28 मई 2008 के एपी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 42 की ओर आकर्षित करते हैं । 2. चूंकि घरेलू आयातक, अंतरराष्ट्रीय ऋण बाजारों में दुर्लभ नकदी स्थिति को देखते हुए मौजूदा समग्र लागत सीमा के भीतर व्यापार ऋण उठाने में कठिनाई महसूस की जा रही थी, अत: वर्ष 2008-09 के लिए वार्षिक नीति विवरण की मध्यावधि समीक्षा (पैराग्राफ -147) में व्यापार ऋण के लिए समग्र लागत सीमा में वृध्दि घोषित की गयी थी । तदनुसार, व्यापार ऋणों के लिए संशोधित समग्र लागत सीमा निम्नवत् होगी :
अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बाजारों की शर्तों के आधार पर समग्र लागत सीमा की समीक्षा समय-समय पर की जाएगी । 3. समग्र लागत सीमा में परिवर्तन तुंरत प्रभाव से लागू होगा । व्यापार ऋण संबंधी नीति के अन्य सभी पहलूयथावत् रहेंगे । 4. 3 मई 2000 के विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा उधार देना और उधार लेना) अधिनियम 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जाएंगे । 5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करा दें। 6. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।
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वदीय
(सलीम गंगाधरन) प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक |