विनियमित संस्थागत प्रतिष्ठानों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक प्लैटफार्म पर डेरिवेटिवों का लेन देन - आरबीआई - Reserve Bank of India
विनियमित संस्थागत प्रतिष्ठानों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक प्लैटफार्म पर डेरिवेटिवों का लेन देन
भारिबैं/2015-16/392 5 मई 2016 सभी बाजार प्रतिभागी महोदया/महोदय, विनियमित संस्थागत प्रतिष्ठानों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक प्लैटफार्म पर डेरिवेटिवों का लेन देन दिनांक 5 अप्रैल 2016 को घोषित प्रथम द्वैमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य के पैरा 37 की ओर ध्यान आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार यह प्रस्ताव किया गया था कि ओटीसी डेरिवेटिवों के संबंध में वर्तमान दिशा-निर्देशों की समीक्षा की जाये, ताकि इलेक्ट्रॉनिक प्लैटफार्मों के माध्यम से ओटीसी डेरिवेटिव बाजारों मे सहभागिता को और अधिक व्यापक बनाया जा सके । तदनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी). भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकार (आइआरडीएआइ), पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकार (पीएफआरडीए) और राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) द्वारा विनियमित किसी संस्थागत प्रतिष्ठान को इलेक्ट्रॉनिक प्लैटफार्म पर ब्याज दर स्वैप्स (आइआरएस) का लेन देन करने में समर्थ बनाया जाये । 2. इस समय, अनुसूचित बैंकों से भिन्न विनियमित प्रतिष्ठान ब्याज दर स्वैप्स (आइआरएस) के लिए इलेक्ट्रॉनिक प्लैटफार्म पर लेन देन करने में असमर्थ होते हैं, क्योंकि ऐसे लेन देनों में एक पार्टी या तो भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) या कोई अनुसूचित बैंक या आरबीआई के विनियामक क्षेत्र में आने वाली कोई अन्य एजेंसी होती है, जिसे आरबीआई द्वारा विनिर्दिष्ट किया जाये । इस संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम. 1934 की धारा 45वी द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक इसके द्वारा क्लियरिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया लि. (सीसीआइएल) को इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लैटफार्म पर किये गये आइआरएस लेन देनों के लिए, जहाँ सीसीआइएल केंद्रीय काउंटरपार्टी होती है, अनुमोदित काउंटरपार्टी के रूप में विनिर्दिष्ट करता है । 3. उपर्युक्त उपायों को ध्यान में रखते हुए विनियमित संस्थागत प्रतिष्ठान, अपने-अपने क्षेत्रीय विनियामकों के अनुमोदन के अधीन आइआरएस के इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लैटफार्मों की सदस्यता के लिए, जिनमें निपटान के लिए सीसीआइएल केंद्रीय काउंटरपार्टी होती है, आवेदन कर सकते हैं । 4. उपर्युक्त विनिर्देश 1 जून 2016 से प्रभावी होंगे । भवदीय, (आर.सुब्रमणियन) |