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सोना/चांदी के आभूषणों को गिरवी रखने के बदले में अग्रिम

भारिबैं

भारिबैं./2008-09/275
संदर्भ.सं.शबैंवि.पीसीबी.परि.सं.24 /13.05.001/2008-09

10 नवम्बर 2008

मुख्य कार्यकारी अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक

महोदय /महोदया

सोना/चांदी के आभूषणों को गिरवी रखने के बदले में अग्रिम

कृपया 2 मार्च 2006 तथा 26 नवंबर 2007 का परिपत्र क्रमश: शबैंवि.पीसीबी.परि.सं.34 और 22/13.05.000/ 2007-08 देखें ।यह पाया गया है कि कुछ शहरी सहकारी बैंक उचित सावधानी बरते बिना सोना /चांदी के आभूषणों को गिरवी रखकर अग्रिम दे रहे हैं । सोना चांदी के आभूषणों को गिरवी रखकर ऋण मंजूर करने में अंतर्निहित जोखिम कम करने के लिए शहरी सहकारी बैंकों को यह सूचित किया जाता है कि वे अनुबंध में दिए गए सुरक्षा उपायों को पालन करे ।

2. कृपया प्राप्ति सूचना संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को दें ।

भवदीय

(ए.के. खौंड)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक


अनुबंध
स्वर्ण ऋण - सुरक्षा उपाय

1. गहनों का स्वामित्व

यह आवश्यक है कि बैंक के पास जिन व्यक्तियों की बाकायदा पहचान है उन्हीं को अग्रिम दिया जाए ।गहनों को गिरवी के रूपमें स्वीकार करने से पहले बैंक गहनों के स्वामित्व के संबंध में खुद को संतुष्ट करें । बैंक उधारकर्ता से यह घोषणपत्र प्राप्त करें कि गहने उसकी संपत्ति हैं तथा बैंक के पास उन्हें गिरवी रखने का उसे पूर्ण अधिकार है।गिरवी रूप में के लिए गहने स्वीकार करना तथा बैंक की बकाया राशि चुकता करने के बाद संबंधित पार्टी को गहने लौटाने का कार्य प्राधिकृत कार्यालयीन कक्ष में ही किया जाना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार के जोखिम से बचा जा सके।

2. मूल्यांकनकर्ता

गिरवी रखने के लिए प्रस्तावित स्वर्णभूषणों का मूल्यांकन करने के लिए बैंक को अनुमोदित ज्वेलर्स या श्रॉफ की मुल्यांकनकर्ता के रूप में नियुक्ति करनी चाहिए तथा क्षतिपूर्ति बांड और नकद के रूप में पर्याप्त जमानत रखनी चाहिए। गहनों का मूल्यांकन एवं समीक्षा बैंक परिसर में ही करना उचित होगा परंतु जब यह संभव न हो तब मार्ग में होनेवाली हानि से बचने के लिए बैंक उचित सावधानी बरते । बैंक के पास तालबंद बक्से में गहने भेजे जिसकी एक चाबी मूल्यांकनकर्ता के पास तथा दूसरी बैंक के पास रखी जाए । बक्से को बैंक के जिम्मेदार स्टाफ के जरिए तथा भावी उधारकर्ता के साथ भेजा जाए । हर बार बक्से में गहने रखने का कार्य बाक्स को मूल्यांकपकर्ता के पास ले जाने वाले कर्मचारी तथा उधारकर्ता की उपस्थिति में किया जाए । मार्ग में गहनों की हानि के लिए बैंक आवश्यक बीमा करवाएं ।

3. मूल्यांकन रिपोर्ट

मूल्यांकन प्रमाणपत्र में गहनों का वर्णन, उनकी सूक्ष्मता, गहनों का सकल वजन, सोने की मात्रा का निवल वजन जिसमें नग, लाख, मिश्र धातु, तार, झूलन आदि का वजन शामिल नहीं है तथा सोने का मौजूदा बाजार मूल्य आदि स्पष्ट रूप से दर्शाया जाना चाहिए ।मूल्यांकनकर्ता द्वारा मूल्यांकन रिपोर्ट विधिवत हस्ताक्षरित होनी चाहिए जो ऋण दस्तोवेजों के साथ बैंक के पास रखा जाना चाहिए ।

4. जमानत का रिकार्ड

उधारकर्ता का पूर्ण नाम, उसका आवासीय पता, अग्रिम की तारीख, राशि तथा गहनों का विस्तृत वर्णन ’सोने के गहने’ नामक रजिस्टर में दर्ज किया जाए तथा प्रबंधक द्वारा इसकी जांच की जानी चाहिए और उस पर अपने आद्याक्षर दर्ज़ किए जाने चाहिए।

5. गहनों की अभिरक्षा

प्रत्येक उधारकर्ता के गहने (या प्रत्येक ऋण की वस्तुं) गहनों के वर्णन, स्वर्ण ऋण खाता सं., पार्टी का नाम आदि की सूची के साथ कपडे की छोटी थैलियों में अलग-अलग रखा जाए ।ऋण खाता सं, तथा पार्टी के नाम का एक टैग बैग के साथ बांधा जाए ताकि उनकी पहचान करने में सुविधा हो ।ऋण खाता संख्या के क्रमानुसार थैलियां ट्रे में रखी जाएं तथा स्ट्राँग रूम या अग्निरोधी आलमारियों (फायर प्रुफ सेफ) में संयुक्त अभिरक्षा में रखी जाएं।

6. अवधि

स्वर्णाभुषणों के बदले में अग्रिम की अवधि सामान्यत: 6 महीनों से 1 साल तक ही सीमित रखनी चाहिए ।

7. मार्जिन

बाजार मूल्य से पर्याप्त अंतर रखा जाए । बैंक को अग्रिम पर ब्याज की वसूली शीघ्रतापूर्वक करनी चाहिए ।किसी की परिस्थिति में ऋण खाते से उपचित ब्याज को घटाकर मार्जिन को कम नहीं करना चाहिए ।

8. आभूषण लौटाना

खाते के ब्याज के साथ ऋण चुकाने पर उधारकर्ता को आभूषण लौटाने चाहिए तथा उससे आभूषण प्राप्ति की रसीद प्राप्त करनी चाहिए ।

9. आंशिक रूप से आभूषण लौटाना

ऋण की आंशिक चुकौती के बदले में कुछ आभूषण लौटाते समय यह सावधानी बरती जाए कि शेष आभूषणों का मूल्य खाते में निर्धारित मार्जिन के साथ बकाया राशि को कवर करने के लिए पर्याप्त हो।

10. तीसरे पक्ष को सुपुर्दगी

जब आभूषण तीसरे पक्ष को सुपुर्द किए जाते हैं, तो उधारकर्ता से प्राधिकार पत्र तथा बाद में उधारकर्ता से सुपुर्दगी की पुष्टि प्राप्त करें । प्राधिकार पत्र में उधारकर्ता द्वारा इस आशय का वचन दिया जाना चाहिए कि पत्र में उल्लिखित तीसरे पक्ष को आभूषणों की सुपुर्दगी से उत्पन्न, विवाद या हानि की जिम्मेदारी बैंक की नहीं होगी। प्राधिकार पत्र तथा गोल्ड लोन लेजर पर तीसरे पक्ष की रसीद प्राप्त करें ।

11. चूक

जब उधारकर्ता नियत तारीख को चुकौती करने से चुक जाता है तो उसे यह सूचना दी जाए की निर्धारित समयावधि में वह ऋण की चुकौती करे ं तथा यदि कोई उत्तर ने मिलने की स्थिति में पंजीकृत डाक द्वारा उसे यह कहते हुए अनुस्मारक भेजा जाए कि आभुषणों की नीलामी की जाएगी और बकाया राशि का बिक्री राशि से समायोजन करने के बाद यदि i ाटई राशि बचती है तो उधारकर्ता को वह अदा की जाएगी तथा उसकी रसीद ली जाएगी ।

12. आभुषणों को पुन: गिरवी रखना

आभुषणों को पुन: गिरवी रखने के बदले में अग्रिम देना शहरी सहकारी बैंको के लिए उचित नहीं है क्योंकि साहुकारों को वित्तपोषण करने के लिए इस सुविधा का दुरुपयोग किए जाने की संभावना है जो अनुचित कार्यकलाप है ।

13. बीमा

बैंक के पास गिरवी रखें गए रत्नों का चोरी की जोखिम के लिए उनके अंकित मूल्य के लिए बीमा करना चाहिए। यदि बैंक गिरवी रखे रत्नों को अग्निरोधक स्टाग रुम में रखता है तो आगजनि के लिए उनका बीमा करने की आवश्यकता नहीं है। नकद,रत्नाभूषण तथा अन्य मौल्यवान वस्तूँ और सभी प्रकार की जोखिम के लिए व्यापक बीमा करवाएँ।

14. सत्यापन

संयुक्त अभिरक्षक से अन्य अधिकारी द्वारा सोना/ चांदी के आभूषण रखे गए पैकेटों का आकस्मिक सत्यापन कियाजाए तथा इसे अलग रजिस्टर में आवश्यक ब्यौरों के साथ दर्ज किया जाए।

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