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प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा ग़ैर-एसएलआर प्रतिभूतियों में निवेश

आरबीआई /2008-09/367

संदर्भ.सं.शबैंवि.(पीसीबी)बीपीडी.परि.सं. 46 /16.20.000/2008-09

30 जनवरी 2009

मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक

 

महोदय /महोदया

 

प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा ग़ैर-एसएलआर प्रतिभूतियों में निवेश

 

कृपया उपर्युक्त विषय पर क्रमश: 18 सितंबर 2007 के हमारे परिपत्र शबैंवि.बीपीडी. पीसीबी.परि.14 /16.20.00/2003-04 निहित दिशानिर्देश देखें ।

2. बैंकों और उनके संघों से प्राप्त अभ्यावेदनों के आधार पर मौजूदा दिशानिर्देशों की समीक्षा की गई है और संशोधित दिशानिर्देश इस प्रकार हैं :

i) विवेकपूर्ण सीमा

ग़ैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) निवेश किसी शहरी सहकारी बैंक के गत वर्ष के 31 मार्च को कुल जमाराशियों के 10 प्रतिशत की सीमा में जारी रहेंगे ।

ii) लिखत

शहरी सहकारी बैंक निम्नलिखित में निवेश कर सकते हैं -
(क) ए अथवा समतुल्य और उच्चतर दर निर्धारित वाणिज्यिक पत्र (सीपी), डिबेंचर और बॉण्ड ।
(ख) ऋण म्यूचुअल फंडों और मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंडों की इकाइयाँ

iii) प्रतिबंध

(i) सतत ऋण लिखतों में निवेश की अनुमति नहीं है ।

(ii) ग़ैर-सूचीबद्ध प्रतिभूतियों में निवेश उपर्युक्त (ख) में निर्धारित एक न्यूनतम दर निर्धारण के अधीन होगा और किसी भी समय कुल गैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात निवेशों के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए । जहाँ बैंकों ने पहले ही निर्धारित सीमा को पार कर लिया है वहाँ ऐसी प्रतिभूतियों में और निवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी ।

(iii) बहुत भारी छूट /जीरो कूपन बॉण्डों में निवेश अवशिष्ट अवधि के लिए ऊपर वर्णित न्यूनतम दर निर्धारण और समतुल्य बाजार प्रतिफल के अधीन होगा ।

(iv) ऋण म्यूचुअल फंडों और मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंडों को छोड़कर म्यूचुअल फंडों की इकाइयों में निवेश की अनुमति नहीं है । यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (यूटीआई) सहित ऋण म्यूचुअल फंडों और मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंडों को छोडकर म्यूचुअल फंडों की इकाइयों में विद्यमान धारिता को विनिविष्ट किया जाए । उस समय तक जब तक वे शहरी सहकारी बैंक के खातों में धारित हैं उन्हें 10 प्रतिशत सीमा की गणना के लिए ग़ैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात निवेश के रूप में माना जाएगा । तथापि, शहरी सहकारी बैंक जोखिम प्रबंध नीति की इस प्रकार समीक्षा करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी म्यूचुअल फंड की किसी भी योजना में अनुपात से अधिक उनका निवेश नहीं है ।

(v) ऋण म्यूचुअल फंडों और मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंडों और वाणिज्यिक पत्रों को छोड़कर ग़ैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात निवेश एक वर्ष से अधिक की मूल परिपक्वता वाला निवेश होगा ।

(vi) अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाओं (एआईएफआई) के शेयरों में नए निवेशों की अनुमति नहीं है । इन संस्थाओं में विद्यमान शेयर धारिता को चरणबद्ध रूप से समाप्त किया जाए और उस समय तक जब तक वे शहरी सहकारी बैंकों की बहियों में धारित हैं उन्हें 10 प्रतिशत सीमा की गणना के लिए गैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात निवेश के रूप में माना जाएगा ।

(vii) ग़ैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात श्रेणी के अंतर्गत सभी नए निवेशों को कारोबार के लिए धारित (एचएफटी) /बिक्री के लिए उपलब्ध (एएफएस) श्रेणियों के लिए यथालागू बाज़ार के लिए अंकित श्रेणियों के अंतर्गत वर्गीकृत किया जाएगा ।

(viii) सभी ग़ैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात निवेश निर्धारित विवेकपूर्ण एकल /समूह काउंटरपार्टी निवेश सीमा के अधीन होंगे ।

(ix) गौण बाजार ग़ैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात निवेशों के अर्जन /बिक्री के लिए सभी लेनदेन काउंटरपार्टियों के रूप में केवल वाणिज्यिक बैंकों /प्राथमिक व्यापारियों के साा िकिया जाए ।

(iv) नीति

बैंक अपनी निवेश नीति की समीक्षा करें तथा यह सुनिश्चित करें कि उसमें वर्तमान में दी गई अनुमति के अनुसार गैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात लिखतों में किए जाने वाले निवेश की प्रकृति एवं सीमा, जोखिम के लिए मापदंडों तथा निवेश धारित /हटा लेने की हानि-रहित सीमाओं का प्रावधान किया गया है । ग़ैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात निवेशों के संबंध में जोखिम का पता लगाने तथा उसका विश्लेषण करने तथा समय पर उपचारात्मक उपाय करने के लिए बैंकों को समुचित जोखिम प्रबंधन प्रणालियाँ स्थापित करनी चाहिए ।

(v) समीक्षा

बोर्ड द्वारा कम से कम छ: माही अंतरालों पर ग़ैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात निवेश के निम्नलिखित पहलुओं की समीक्षा की जानी चाहिए :

क) सूचना अवधि के दौरान कुल व्यवसाय (निवेश एवं विनिवेश ) ।
ख) ग़ैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात निवेश के लिए निर्धारित विवेकपूर्ण सीमाओं का अनुपालन ।
ग) ग़ैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात प्रतिभूतियों पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विवेकपूर्ण दिशानिर्देशों का अनुपालन ।
घ) जारीकर्ताओं /बैंक की बहियों में धारित प्रतिभूति निर्गमों की रेटिंग में परिवर्तन तथा उसके परिणामस्वरूप संविभाग की गुणवत्ता में हानि ।
ङ) ग़ैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात श्रेणी के अंतर्गत अनर्जक निवेशों की सीमा और उनके लिए पर्याप्त प्रावधान ।

(vi) प्रकटन

बैंकों को अनुबंध में दर्शाए गए अनुसार तुलनपत्र के ’नोट्स ऑन अकाउंट्स’ के अंतर्गत ग़ैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात निवेशों तथा अनर्जक निवेशों के जारीकर्तावार संघटन का ब्यौरा प्रकट करना चाहिए ।

3. शहरी सहकारी बैंकों द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशियों के निवेश पर अलग से दिशानिर्देश जारी किए जा रहे हैं ।

 

भवदीय

 

(ए.के. खौंड)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

संलग्नक : यथोपरि

 
 

शहरी सहकारी बैंकों द्वारा ग़ैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात निवेश संविभाग
के प्रबंधन संबंधी विवेकपूर्ण मानदंड - प्रकटीकरण संबंधी अपेक्षाएं

शहरी सहकारी बैंकों द्वारा तुलनपत्र के ’नोट्स ऑन अकाउंट्स’ के अंतर्गत ग़ैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात निवेश संविभाग के संबंध में निम्नलिखित प्रकटीकरण किया जाना चाहिए ।

i) ग़ैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात निवेश का जारीकर्तावार संघटन

(करोड़ रुपये में )

क्रमांक

जारीकर्ता

राशि

’निवेश ग्रेड के नीचे’ प्रतिभूतियों की सीमा

अनरेटेड प्रतिभूतियों की सीमा

’ग़ैर-सूचीबद्ध’ प्रतिभूतियों की सीमा

1

2

3

4

5

6

1

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम

 

 

 

 

2

वित्तीय संस्थाएं

 

 

 

 

3

सरकारी क्षेत्र के बैंक

 

 

 

 

4.

म्यूचुअल फंड

 

 

 

 

5.

अन्य

 

 

 

 

6.

मूल्य ह्रास के बदले धारित प्रावधान

 

 

 

 

ii) अनर्जक ग़ैर-सांविधिक चलनिधि अनुपात

विवरण

राशि (करोड़ रुपये में )

प्रारंभिक शेष

 

1 अप्रैल से वर्ष के दौरान जोड़

 

उपर्युक्त अवधि के दौरान कमी

 

अंतिम शेष

 

कुल धारित प्रावधान

 

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