भारिबैं /2009-10 /173 संदर्भ.शबैंवि.बीपीडी .पीसीबी.परि.सं./11/12.23.000/2009-10 29 सितंबर 2009 मुख्य कार्यकारी अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय /महोदया अपने ग्राहक को जानिए (केवायसी) दिशानिर्देश -स्वामित्व प्रतिष्ठान के खाते कृपया "अपने ग्राहक को जानिए" मानदंडों पर दिशानिर्देश विषय पर सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों को संबोधित 15 दिसंबर 2004 का हमारा परिपत्र शबैंवि.केंका.बीपीडी (पीसीबी) सं.30/19.161.00/2004-05 देखें। 2. बीते समय में शहरी सहकारी बैंकों द्वारा स्वामित्व प्रतिष्ठान खातों के धोखे सूचित किए गए हैं। धोखे में अपनायी जानेवाली कार्यप्रणाली में अन्य सुस्थापित संस्थापन /कंपनी के जैसा नाम रखकर स्वामित्व प्रतिष्ठान का चालू खाता खोला जाता था। संस्थापन / कंपनी के नाम जारी चेकों को चुराया जाता था तथा एक समान नाम वाले स्वामित्व प्रतिष्ठान के खातों के माध्यम से उन्हें वसूल किया जाता था। यह देखा गया है कि ऐसे मामलों में संबंधित बैंक द्वारा खाता खोलते समय मालिक /कों की व्यक्तिगत पहचान का सत्यापन किया गया है परंतु स्वामित्व प्रतिष्ठान की पहचान का सत्यापन नहीं किया है। 3. अब यह निर्णय लिया गया है कि स्वामित्व प्रतिष्ठान के खाते खोलने के लिए ग्राहक की पहचान हेतु मानदंड निर्धारित किए जाए। अत: शहरी सहकारी बैंक स्वामित्व प्रतिष्ठान के नाम खाते खोलने से पहले निम्नलिखित दस्तावेजों की मांग करे तथा उनका सत्यापन करें (दस्तावेजों की मूल प्रति के साथ प्रतिलिपियों का सत्यापन करें तथा बैंक द्वारा प्रमाणित प्रतियां रखी जाए)। (i) पहचान तथा मालिक के पते का प्रमाण जैसे पासपोर्ट, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड फोटो सहित आदि - उपर्युक्त में से कोई एक दस्तावेज प्राप्त करें। (ii) नाम का प्रमाण, प्रतिष्ठान की गतिविधियां तथा पता, जैसे पंजीकरण प्रमाणपत्र (पंजीकृत प्रतिष्ठान के मामले में), शॉप और एस्टेबलिशमेंट अधिनियम के अंतर्गत नगरपालिका प्राधिकारियों द्वारा जारी प्रमाणपत्र /लाइसेंस, सेल्स और इनकम टैक्स रिटर्न, सी एस टी / वि ए टी प्रमाणपत्र, पंजीकृत प्राधिकारी द्वारा जारी लाइसेंस जैसे भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान, इन्स्टीटयूट ऑफ कॉस्ट अकाऊंटट ऑफ इंडिया, भारतीय कंपनी सचिव संस्थान, इंडियन मेडीकल कौंसिल, अन्न और औषधि नियंत्रण प्राधिकारी आदि द्वारा जारी व्यवसाय प्रमाणपत्र - इनमें से कोई दो दस्तावेज स्वामित्व प्रतिष्ठान के नाम होने चाहिए। 4. यह दिशानिर्देश सभी नये ग्राहकों पर लागू होंगे। विद्यमान ग्राहकों के संबंध में 31 दिसंबर 2009 के पहले उपर्युक्त औपचारिकता पूर्ण की जाए। 5. अन्य सावधानियां जैसे नये खोले गए खातों से बडी राशि के चेकों की वसूली और उसके बाद बड़ी राशि का आहरण, लेनदेन की निगरानी, जोखिम प्रबंधन, एफआइयू इंडिया को जानकारी देना आदि विद्यमान प्रणाली के अनुसार जारी रहेगा। 6. कृपया प्राप्ति सूचना दे। भवदीय (सत्येन डेविड) महाप्रबंधक |