ग्राहकों के हेज़-रहित विदेशी मुद्रा एक्सपोज़र - बैंकों द्वारा निगरानी - आरबीआई - Reserve Bank of India
ग्राहकों के हेज़-रहित विदेशी मुद्रा एक्सपोज़र - बैंकों द्वारा निगरानी
आरबीआइ/2008-09/319 10 दिसंबर 2008 सभी अनुसूचित वाणिज्य़ बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय ग्राहकों के हेज़-रहित विदेशी मुद्रा एक्सपोज़र - बैंकों द्वारा निगरानी कृपया 5 दिसंबर 2003 का हमारा परिपत्र सं.बैंपविवि.बीपी.बीसी.51/21.04.103/2003-04 देखें, ज़िसमें बैंकों को सूचित किया गया था कि उनके पास ऐसी नीति होनी चाहिए ज़ो उनके ग्राहकों के हेज़-रहित विदेशी मुद्रा एक्सपोज़र से उत्पन्न होने वाले जोखिमों को स्पष्ट रूप से पहचानती है तथा उन्हें ध्यान में रखती है। बैंकों को यह भी सूचित किया गया था कि बैंक 10 मिलयिन अमरीकी डालर या बैंक के ऐसे एक्सपोज़रों के पोर्टफोलियो को ध्यान में रखते हुए उचित समझी गई न्यूनतम सीमा से अधिक के विदेशी मुद्रा ऋण केवल ऐसे विदेशी मुद्रा ऋणों की हेांगि के संबंध में उनके बोर्ड द्वारा निर्धारित सुस्पष्ट नीति के आधार पर ही दे सकते हैं। 2. हम उपर्युक्त परिपत्र में निहित अनुदेशों को दोहराते हैं तथा सूचित करते हैं कि बैंकों की बोर्ड नीति के अंतर्गत छोटे और मझौठले उद्यमों (एसएमई) सहित उनके सभी ग्राहकों के हेा-रहित विदेशी मुद्रा एक्सपोज़रों को शामिल किया ज़ाना चाहिए। इसके अलावा, ग्राहकों के कुल हेज़-रहित विदेशी मुद्रा एक्सपोज़र की गणना करते समय विदेशी मुद्रा उधार और बाह्य वाणिय़िक उधार सहित सभी स्रोतों से संबंधित उनके एक्सपोज़रों को शामिल किया जाना चाहिए। 3. ज़िन बैंकों के ग्राहकों के प्रति बड़े एक्सपोज़र हों उन्हें एक उपयुक्त रिपोर्टिंग प्रणाली के माध्यम से मासिक आधार पर ऐसे ग्राहकों के विदेशी मुद्रा एक्सपोज़र के हेा-रहित अंश की निगरानी और समीक्षा करनी चाहिए, 4. सहायता संघीय /बहु बैंकिंग व्यवस्था के मामले में ग्राहकों के हेज़-रहित विदेशी मुद्रा एक्सपोज़र की निगरानी करने के कार्य में मुख्य भूमिका संघ का नेतृत्व करने वाले बैंक /सबसे बड़े एक्सपोज़र वाले बैंक को निभानी होगी। इस संबंध में 19 सितंबर के हमारे परिपत्र सं.बैपविवि.बीपी.बीसी.46 /08.12.001/2008-09 की ओर ध्यान आकृष्ट किया ााता है, ासिमें बैंकों को पहले ही सूचित किया गया है कि वे परस्पर सूचना के आदान-प्रदान की एक प्रणाली स्थापित करें। भवदीय (प्रशांत सरन) |