ग्राहक संव्यवहारों के लिए अंतर-बैंक विंडो का प्रयोग - आरबीआई - Reserve Bank of India
ग्राहक संव्यवहारों के लिए अंतर-बैंक विंडो का प्रयोग
वापस लिया गया w.e.f. 18/02/2022
आर. बी. आई. /2008-09/ 476 11 मई 2009 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदय/महोदया, ग्राहक संव्यवहारों के लिए अंतर-बैंक विंडो का प्रयोग
1. हमें जानकारी मिली है कि कई आरटीजीएस सहभागी आरटीजीएस ग्राहकों के भुगतानों को अंतर-बैंक सेशन अर्थात ग्राहक विंडो बंद होने के बाद भेजते हैं। यह संभवत: उच्च निवल मालियत वाले ग्रहकों के विलंबित संव्यवहारों को समायोजित करने के लिए हो। 2. हम सूचित करते हैं कि विभिन्न प्रकार के आरटीजीएस संव्यवहारों के लिए कई पहलुओं पर विचार करते हुए विभिन्न समय अवधि निर्धारित की गई हैं। उदाहरण के लिए ग्राहक और अंतर बैंक सौदों की अवधि से एक घंटा और 30 मिनट का अंतराल रखा गया है ताकि ग्राहक संव्यवहार में हिताधिकारी को अंतरित नहीं होने वाली राशि को प्रेषक के खाते में एक घंटा और 30 मिनट के भीतर वापस करना सुनिश्चित किया जा सके । तदनुसार ग्राहकों के भुगतानों को अंतर- बैंक सेशन में भेजना वापिसी से जुड़े अनुशासन का उल्लंघन है क्योंकि एक घंटा और 30 मिनट का अंतराल नहीं रखा जा रहा है। 3. तदनुसार सभी आरटीजीएस सहभागियों को सूचित किया जाता है कि आरटीजीएस प्रक्रियागत दिशानिदेशों का सख्ती से पालन करें और ग्राहक संव्यवहारों को अंतर-बैंक के रूप में डालने से बचें । इस बारे में कोई भी उल्लंघन हमारी जानकारी में आने पर गंभीरता से लिया जायेगा और भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम 2007 (2007 का 51) की धारा 30 के अंतर्गत दंड का पात्र होगा । 4. कृपया परिपत्र की प्राप्ति-सूचना दें। भवदीय, (जी. पद्मनाभन) मुख्य महाप्रबंधक |