भारत सरकार द्वारा जारी गैर-एसएलआर प्रतिभूतियों का मूल्यांकन - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत सरकार द्वारा जारी गैर-एसएलआर प्रतिभूतियों का मूल्यांकन
आरबीआइ/2007-08/329 |
बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 86/21.04.141/2007-08 |
22 मई 2008 |
अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी |
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) |
महोदय |
भारत सरकार द्वारा जारी गैर-एसएलआर प्रतिभूतियों का मूल्यांकन |
कृपया 2 जुलाई 2007 के हमारे पत्र बैंपविवि. सं. एफआइडी. एफआइसी. 3/01.02.00/ 2007-08 द्वारा ‘बैंकों द्वारा निवेश संविभाग के वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन के लिए विवेकपूर्ण मानदंड’ पर जारी मास्टर परिपत्र देखें । |
2. ऐसा देखा गया है कि भारत सरकार ने पिछले कई वर्षो से समय-समय पर ऐसी अनेक विशेष प्रतिभूतियाँ जारी की हैं जो बैंकों की एसएलआर अपेक्षाओं के अनुपालन के प्रयोजन के लिए पात्र नहीं हैं। ऐसी सरकारी प्रतिभूतियों पर अलग निबंधन और शर्तें लागू हैं तथा इनमें गैर-चलनिधि स्प्रेड उच्चतर रहता है। वर्तमान में ऐसी गैर-एसएलआर ऋण प्रतिभूतियों के मूल्यांकन के संबंध में फिम्मडा द्वारा जारी दिशानिर्देशों में यह प्रावधान है कि ऐसी प्रतिभूतियों का मूल्यांकन भारत सरकार प्रतिभूतियों के तदनुरूप प्रतिफल पर 50 आधार अंकों का ‘मार्क-अप’ लागू कर किया जाए । |
3. ऐसी विशेष प्रतिभूतियों के मूल्यांकन के मुद्दे की जाँच की गयी है। यह निर्णय लिया गया है कि मूल्यांकन के सीमित प्रयोजन के लिए, भारत सरकार द्वारा सीधे लाभार्थी संस्थाओं को जारी सभी विशेष प्रतिभूतियों, जिन्हें एसएलआर का दर्जा नहीं है, का मूल्यांकन भारत सरकार प्रतिभूतियों के तदनुरूपी प्रतिफल के ऊपर 25 आधार अंक स्प्रेड पर किया जाएगा। यह संशोधन वित्तीय वर्ष 2008-09 से लागू होगा। |
4. यह नोट किया जाए कि वर्तमान में ऐसी विशेष प्रतिभूतियों में निम्नलिखित शामिल हैं : तेल बांड, उर्वरक बांड; भारतीय स्टेट बैंक (हाल में राइट निर्गम के दौरान),भारतीय यूनिट ट्रस्ट, आइएफसीआइ लिमिटेड, भारतीय खाद्य निगम, भारतीय औद्योगिक निवेश बैंक लिमिटेड, पूर्ववर्ती भारतीय औद्योगिक विकास बैंक और पूर्ववर्ती जहाजरानी विकास वित्त निगम को जारी बांड। |
भवदीय |
(प्रशांत सरन) |
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक |