एमएसएमई को ऋण प्रवाह की समीक्षा के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा स्थायी सलाहकार समिति की 29वीं बैठक आयोजित की गई - आरबीआई - Reserve Bank of India
एमएसएमई को ऋण प्रवाह की समीक्षा के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा स्थायी सलाहकार समिति की 29वीं बैठक आयोजित की गई
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र को ऋण प्रवाह की समीक्षा करने के लिए स्थायी सलाहकार समिति (एसएसी) की 29वीं बैठक 3 मार्च 2025 को अहमदाबाद में श्री स्वामीनाथन जे, उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में कार्यपालक निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक, एमएसएमई मंत्रालय और वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियो; अध्यक्ष, सिडबी, प्रमुख बैंकों और नाबार्ड के वरिष्ठ प्रबंधन, सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी निधि ट्रस्ट, नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड, खादी और ग्रामोद्योग आयोग, भारतीय बैंक संघ, वित्त उद्योग विकास परिषद और एमएसएमई संघों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। उप गवर्नर ने अपने मुख्य भाषण में, भारत के आर्थिक विकास में एमएसएमई क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (यूएलआई), अकाउंट एग्रीगेटर फ्रेमवर्क और विनियामक सैंडबॉक्स जैसी पहलों के माध्यम से संस्थागत ऋण सहायता को मजबूत करने के लिए रिज़र्व बैंक की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। वित्तीय साक्षरता अंतराल, सूचना विषमता और विलंबित भुगतान जैसी प्रमुख चुनौतियों के साथ उन्होंने डिजिटल समाधान, वैकल्पिक ऋण मूल्यांकन मॉडल और TReDS जैसे प्लेटफार्मों में अधिक सहभागिता की आवश्यकता पर बल दिया। उप गवर्नर ने निष्पक्ष ऋण देने की पद्धतियों, पारदर्शिता सुनिश्चित करने और वित्तीय संकट का सामना कर रहे एमएसएमई के प्रति सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने एमएसएमई को बेहतर ऋण उपलब्ध कराने में मदद के लिए क्षमता निर्माण और सूचना अंतराल को पाटने में एमएसएमई संघों की महत्वपूर्ण भूमिका को भी दोहराया। बैठक के दौरान, एसएसी ने एमएसएमई को ऋण प्रवाह की समीक्षा की और अन्य मुद्दों के साथ-साथ क्षेत्र में ऋण अंतराल से संबंधित मुद्दों के समाधान के तरीकों पर विचार-विमर्श किया गया, बेहतर ऋण सहलग्नता के लिए नकदी प्रवाह आधारित ऋण और डिजिटल समाधान, TReDS को अपनाने में तेजी लाने, ऋण गारंटी योजनाओं के उपयोग को बढ़ाना तथा वित्तीय संकट में फंसे एमएसएमई का सक्रिय पुनरुद्धार और पुनर्वास करना से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। (पुनीत पंचोली) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/2290 |