रिज़र्व बैंक विनियमित सभी इकाइयां सरकारी - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक विनियमित सभी इकाइयां सरकारी
रिज़र्व बैंक विनियमित सभी इकाइयां सरकारी
प्रतिभूतियां डि-मैट रूप में रखेंगी
20 मई 2002
भारतीय रिज़र्व बैंक,पिछले कुछ समय से सरकारी प्रतिभूतियां डिमटेरियलाइज्ड (डिमैट) रूप में रखने के लिए प्रोत्साहित करता रहा है। वर्तमान में, सरकारी प्रतिभूतियों का 99 प्रतिशत कारोबार रिज़र्व बैंक के पास रखे एसजीएल खातों के जरिए होता है जिसके लिए भुगतान पर सुपुर्दगी (डीवीएस) प्रणाली यह सुनिश्चित करती है कि निधियों पर प्रतिभूतियों का हस्तांतरण साथ-साथ हो जाये।
दलाली करने वाली कुछेक इकाइयों की मदद से कुछ सहकारी बैंकों द्वारा भौतिक रूप में सरकारी प्रतिभूतियों के लेनदेन की आड़ में किये गये हाल ही के कपटपूर्ण लेनदेनों के आलोक में अन्य बातों के साथ-साथ यह निर्णय लिया गया है कि :
- रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित किसी इकाई द्वारा कोई भी आगामी लेनदेन तत्काल प्रभाव से दलाली करनेवाली किसी इकाई के साथ भौतिक रूप में नहीं किया जायेगा।
- रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित सभी इकाइयां (वित्तीय संस्थाएं, प्राथमिक व्यापारी, सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, स्थानिक क्षेत्र के बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां) सरकारी प्रतिभूति पोर्टफोलियों में अपने निवेश अनिवार्य रूप से एसजीएल (रिज़र्व बैंक के पास) में अथवा सीएसजीएल (किसी अनुसूचित वाणिज्य बैंक/राज्य सहकारी बैंक/प्राथमिक व्यापारी/वित्तीय संस्था/प्रायोजक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के मामले में) में तथा एसएचसीआइएल अथवा डिपॉज़िटरीज़ (एनएसडीएल/सीएसडीएल) में डि-मैट खाते में रखेंगी।
बैंकों तथा अन्य विनियमित इकाइयों को जारी परिपत्र की प्रतिलिपि संलग्न है।
यदि किसी विनियमित इकाई को इस संबंध में किसी सहायता की आवश्यकता हो तो वह स्वयं-विनियमित संगठनों से संपर्क कर सकती हैं। इस विषय पर सलाह देने के लिए वे समर्थ हैं। ये संगठन हैं - प्राइमरी डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (पीडीएआइ) (टेलीफोन नंबर - 022-2611094/261 0852 विस्तार-127
( helpdesk@pdaindia.org ) अथवा फिक्स्ड इन्कम एण्ड मनी मार्केट डेरिवेटिवज् एसोसिएशन ऑफ इंडिया (फिम्मडा) (टेलीफोन नंबर - 022-2025729) (ई-मेल - helpline@fimmda.org )अल्पना किल्लावाला
महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2001-2002/1277