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भारत में अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (एससीबी) द्वारा ऋण पर सामान्य सांख्यिकीय विवरणी – मार्च 2019

31 जनवरी 2020

भारत में अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (एससीबी) द्वारा ऋण पर सामान्य सांख्यिकीय विवरणी1 – मार्च 2019

आज भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर डाटाबेस पोर्टल (डीबीआईई) (वेबलिंक https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications#!19) पर ‘भारत में अनुसूचित वाणिज्य बैंकों द्वारा ऋण पर सामान्य सांख्यिकीय विवरणी – मार्च 2019 ‘2नामक वेब प्रकाशनी का विमोचन किया। प्रकाशनी में बैंक ऋण की विभिन्न विशेषताओं पर जानकारी दी गई है जो एससीबी (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) द्वारा प्रस्तुत डाटा पर आधारित है। यह डाटा सामान्य सांख्यिकीय विवरणी (बीएसआर-1) के माध्यम से संग्रहित किया गया है जो उधारकर्ता के खाते का प्रकार, संगठन, कारोबार/ गतिविधि और संवर्ग, ऋण उपयोग करने वाले स्थान का जिला और जनसंख्या समूह, ब्याज दर, ऋण सीमा तथा बकाया राशि के बारे में जानकारी संग्रहित करता है।

प्रमुख निष्कर्ष :

  • 2018-19 के दौरान व्यक्तिगत ऋण में समग्र वृद्धि दर्ज की गई तथा मार्च 2019 में कुल ऋण में उसके शेयर में धीरे-धीरे 21.6 प्रतिशत (मार्च 2015 में 16.6 प्रतिशत) तक बढ़ोत्तरी हुई।

  • हाल ही के वर्षों में, कुल बैंक ऋण में औद्योगिक क्षेत्र का शेयर मार्च 2015 में 41.2 प्रतिशत रहा जो मार्च 2019 में लगातार घटते हुए 32.3 प्रतिशत हो गया।

  • संस्थागत संवर्गों में, बैंक ऋण में पारिवारिक क्षेत्र (जिसमें अन्य के साथ व्यक्ति, हिंदू अविभक्त परिवार (एचयूएफ़), स्वामित्व और भागीदारी फ़र्मों शामिल हैं) का शेयर सबसे बढ़ा (48.8 प्रतिशत) रहा और उसके बाद निजी कॉर्पोरेट क्षेत्र का शेयर (32.4 प्रतिशत) रहा।

  • ‘व्यक्ति’ जिन्होंने एससीबी से ऋण लिया हो, उनमें से महिलाओं का शेयर मार्च 2015 में 17.9 रहा जो बढ़कर मार्च 2019 में 21.0 प्रतिशत हो गया।

  • 20 प्रतिशत से कम एससीबी की शाखाएं होने के बावजूद, बैंक ऋण महानगरीय क्षेत्रों में केंद्रित है, जिसमें स्वीकृत ऋण का 64 प्रतिशत और ऋण उपयोग का 61 प्रतिशत है।

  • ऋण खातों की संख्या और ऋण राशि दोनों के मामलों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) की तुलना में निजी क्षेत्र के बैंकों (पीवीबी) की संवृद्धि काफी अधिक थी। बैंक ऋण में पीवीबी का 32.5 प्रतिशत शेयर की तुलना में पीएसबी का शेयर 59.8 प्रतिशत रहा। पहली बार मार्च 2019 में पीवीबी के ऋण खाते पीएसबी के खातों से अधिक रहे।

  • राज्यों के मामलों में ऋण उपयोगिता महाराष्ट्र (24.5 प्रतिशत) में अधिकतम रही उसके बाद राष्ट्रीय पूंजी क्षेत्राधिकार (एनसीटी) दिल्ली (13.3 प्रतिशत) और तमिलनाडु (9 प्रतिशत) रहा।

अजीत प्रसाद
निदेशक  

प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/1845


1 वर्तमान प्रकाशनी में ऋण डाटा शामिल है; मार्च 2019 में जमाराशियों के आयामों पर विस्तृत डाटा इससे पूर्व 15 नवंबर 2019 में प्रकाशित किया गया (Path: Home>Statistics>Data Release>Annual> Basic Statistical Return (BSR)2 – Deposits with Scheduled Commercial Banks (SCBs)). एससीबी(आरआरबी के अलावा) के लिए त्रैमासिक बीएसआर-1 दिसंबर 2014 से अलग से रिज़र्व बैंक वेबसाइट पर प्रकाशित किए जा रहे हैं।.

2 मार्च 2019 के अंतिम शुक्रवार के पखवाड़े संबंधी फॉर्म- ए विवरणी पर आधारित बैंकिंग संकलित राशियाँ (रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 42(2) के अंतर्गत संग्रहित) पहले हमारे वेबसाइट (Path: Home>Statistics>Data Release>Fortnightly>Scheduled Bank's Statement of Position in India) और भिन्न-भिन्न किस्म की सांख्यिकी हमारे वेबसाइट (Path: Home>Statistics>Data Release>Quarterly> Quarterly Statistics on Deposits and Credit of SCBs)पर प्रकाशित की गई।

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