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फर्जी पेशकश/लॉटरी जीतने/सस्ते धन की पेशकश से सावधान रहें: भारतीय रिज़र्व बैंक

30 जुलाई 2009

फर्जी पेशकश/लॉटरी जीतने/सस्ते धन की पेशकश से सावधान रहें:
भारतीय रिज़र्व बैंक

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज एक बार पुन: स्पष्ट किया है कि विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 के अंतर्गत लॉटरी योजनाओं में भाग लेने के लिए किसी भी स्वरूप में पैसे भेजने पर प्रतिबंध है। इसके अतिरिक्त, ये प्रतिबंध विभिन्न नामों से जारी योजनाओं के अंतर्गत कार्य करने वाली लॉटरी जैसी योजनाओं जैसेकि पैसों की आवाजाही योजना अथवा पुरस्कार राशि/तोहफा आदि में सहभागिता के लिए भेजी जाने वाली राशि पर भी लागू है। रिज़र्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि वह संवितरण के लिए राशि रखने हेतु भारत में व्यक्तियों/कंपनियों/न्यासों के नाम में न किसी खाते का रखरखाव करता है और न ही रिज़र्व बैंक के पास रुपया जमा करने के लिए किसी व्यक्ति को कोई खाता खोलने की अनुमति प्रदान करता है। रिज़र्व बैंक इन खातों में पैसा जमा कराने संबंधी कोई प्रमाणपत्र अथवा सूचना अथवा संपुष्टि अथवा साक्ष्य रसीद भी जारी नहीं करता है।

रिज़र्व बैंक ने आम जनता को सूचित किया है कि वे फर्जी पेशकशों/अभ्यावेदनों के जवाब में ऐसे खातों में राशि न भेजें अथवा जमा न करें। जनता से अनुरोध है कि वे ऐसी पेशकश के ब्यौरे स्थानीय पुलिस प्राधिकारियों को तत्काल सूचित करें ताकि अपराधियों को दण्डित किया जा सके।

कई निवासियों के ऐसी लालच भरी पेशकश के शिकार होने और पैसे खो देने पर रिज़र्व बैंक ने यह चेतावनी दी है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने इससे पहले कई बार आम जनता को सावधान किया है कि वे संस्थाओं/व्यक्तियों के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने वाले भारतीय निवासियों सहित ऐसी कतिपय विदेशी संस्थाओं/व्यक्तियों द्वारा फर्जी पेशकश/लॉटरी जीतने/विदेश से विदेशी मुद्रा में सस्ते धन भेजे जाने का शिकार न बनें। ऐसी पेशकश सामान्यत: पत्रों, इ-मेल, मोबाईल फोन, एसएमएस आदि के माध्यम से किए जाते हैं।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने कहा है कि इससे पहले अपनाए गए विशेष तौर-तरीकों के अलावा इन जालसाज़ों ने अब रिज़र्व बैंक के पत्र शीर्ष जैसे और उनके कार्यपालकों/वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित किए हों ऐसे दिखने वाले प्रमाणपत्रों, पत्रों, परिपत्रों आदि को जारी करने का प्रयत्न किया है ताकि ऐसे प्रस्ताव असली दिखाई दें। इन योजनाओं में शिकार हुए व्यक्तियों को ये जालसाज़ टेलिफोन नंबर/अथवा फर्जी इ-मेल आइडी के साथ स्वयं को रिज़र्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारी होने का विश्वास भी दिलाते हैं। कई जालसाज़ों ने भारत के बैंकों में खाते भी खोल रखे हैं तथा विभिन्न प्रभारों, करों, शुल्कों आदि के लिए इन खातों में राशि जमा करने के लिए आम जनता को सूचित किया है। एक बार उनके खातों में राशि जमा हो जाने के बाद ऐसे प्रस्ताव भेजने वाले व्यक्ति राशि निकाल लेते हैं और गायब हो जाते हैं। इस प्रकार शिकार हुए व्यक्ति पहले भुगतान किए हुए धन को खो देते हैं।

रिज़र्व बैंक ने आम जनता से यह आग्रह भी किया है कि वे अधिक जानकारी के लिए रिज़र्व बैंक की वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर निरंतर दिखाई देने वाली सूचना (टिकर) देखें।


अल्पना किल्लावाला
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2009-2010/168

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