बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को मूलभूत सुविधा ऋण निधि (आइडीएफ) स्थापित करने हेतु व्यापक मानदण्ड - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को मूलभूत सुविधा ऋण निधि (आइडीएफ) स्थापित करने हेतु व्यापक मानदण्ड
23 सितंबर 2011 बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को मूलभूत सुविधा ऋण निधि रिज़र्व बैंक ने आज घोषित किया कि बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियॉं (एनबीएफसी) अब म्यूच्यूअल निधियों (एमएफ) और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा स्थापित की जाने वाली मूलभूत ऋण निधियों (आइडीएफ) को स्पोन्सर करने के लिए पात्र होंगी। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने (म्यूच्यूअल निधि) विनियमावली को अद्यतन बनाया है ताकि म्यूच्यूअल निधि विनियमावली में अध्याय VI-बी को जोड़कर आइडीएफ-एमएफ के लिए विनियामक ढॉंचा उपलब्ध हो सके। बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा म्यूच्यूअल निधि और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी ढॉंचा के अंतर्गत मूलभूत सुविधा ऋण निधि को स्थापित करने के लिए व्यापक मानदण्ड निम्नानुसार है: 1. बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा म्यूच्यूअल निधि के रूप में मूलभूत सुविधा ऋण निधि स्थापित करने के लिए मानदण्ड बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियॉं सेबी द्वारा निर्धारित शर्तों के अलावा निम्नलिखित शर्तों के अधीन भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व अनुमोदन से म्यूच्यूअल निधि के रूप में मूलभूत सुविधा ऋण निधियों को स्पॉन्सर (म्यूच्यूअल निधियों के लिए सेबी विनियमावली में पारिषित किए गए अनुसार) करने के लिए पात्र होंगे। स्पॉन्सर के रूप में बैंक
स्पॉन्सर के रूप में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियॉं मूलभूत सुविधा ऋण निधि--म्यूच्यूअल निधि स्पॉन्सर करने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को निम्नलिखित पात्रता मानदण्डों को पूरा करना होगा:
II. बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा मूलभूत सुविधा ऋण निधि - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी स्थापित करने के लिए मानदण्ड गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - मूलभूत सुविधा ऋण निधि के स्पॉन्सर को मूलभूत सुविधा ऋण निधि - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी का 30 प्रतिशत का न्यूनतम ईक्विटी और 49 प्रतिशत की अधिकतम ईक्विटी का योगदान करना होगा। बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - मूलभूत सुविधा वित्त कंपनी (एनबीएफसी-आइएफसी) निम्नलिखित शर्तों के अधीन भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व अनुमोदन से मूलभूत सुविधा ऋण निधि को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के रूप में स्पॉन्सर कर सकती है। स्पॉन्सर के रूप में बैंक
स्पॉन्सर के रूप में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - मूलभूत सुविधा वित्त कंपनी
मूलभूत सुविधा ऋण निधि - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के लिए मानदण्ड
एक मूलभूत सुविधा ऋण निधि का एकल उधारकर्ता अथवा उधारकर्ता के समूह के लिए उसका अधिकतम एक्पोज़र अपने कुल पूँजी निधि का 50 प्रतिशत होगा। अतिरिक्त 10 प्रतिशत तक एक्पोज़र की अनुमति मूलभूत सुविधा ऋण निधि - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के बोर्ड पर निर्भर होगी। मूलभूत सुविधा ऋण निधि के बोर्ड को जोखिम, एक्पोज़र आदि के लिए उपयुक्त नीतियॉं तैयार करनी होगी। 60 प्रतिशत से अधिक सीमित अतिरिक्त एक्पोज़र के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक का पूर्व अनुमोदन प्राप्त करना होगा। मूलभूत सुविधा ऋण निधि बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को स्थापित करने के लिए विस्तृत दिशानिर्देश अलग से जारी किए जाएंगे। पृष्ठभूमि आपको यह याद होगा कि 2011-12 के बज़ट भाषण में केंद्रीय वित्त मंत्री ने घोषित किया था कि मूलभूत सुविधा विकास के लिए सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम को निधि उपलब्ध कराने के लिए मूलभूत सुविधा परियोजनाओं में दीर्घावधि ऋण प्रवाह को बढ़ाने के लिए मूलभूत सुविधा ऋण निधि स्थापित की जाए। आर. आर. सिन्हा प्रेस प्रकाशनी : 2011-2012/461 |