08 जुलाई 2021 लिबोर (एलआईबीओआर) की समाप्ति: पारगमन व्यवस्था आज 08 जुलाई 2021 को, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों और अन्य रिज़र्व बैंक-विनियमित संस्थाओं को लंदन इंटरबैंक ऑफ़रड रेट (लिबोर) से पारगमन के लिए तैयारियों की आवश्यकता पर बल देते हुए एक सूचना जारी की (प्रतिलिपि संलग्न) । इस संबंध में उठाए जाने वाले प्रमुख कदमों में शामिल हैं:
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बैंकों और वित्तीय संस्थानों को, ऐसे नए वित्तीय अनुबंध, जो लिबोर को एक बेंचमार्क के रूप में संदर्भित करते हैं, निष्पादित करने से रोकने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है और इसके बजाय जितना व्यवहार्य हो सके और किसी भी हाल में 31 दिसंबर 2021 तक,किसी भी व्यापक रूप से स्वीकृत वैकल्पिक संदर्भ दर (एआरआर) का उपयोग किया जा सकता है।
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बैंकों और वित्तीय संस्थानों से आग्रह किया जा रहा है कि वे सभी वित्तीय अनुबंधों, जो लिबोर को संदर्भित करते है और जिसकी परिपक्वता लिबोर सेटिंग्स की घोषित समाप्ति तिथि के बाद होती है, में मजबूत फॉलबैक क्लॉज शामिल करें।
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बैंकों और वित्तीय संस्थानों को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है कि 31 दिसंबर 2021 से पहले दर्ज किए गए नए अनुबंध जो लिबोर को संदर्भित करते हैं और जिसकी परिपक्वता लिबोर समाप्त होने की तारीख के बाद होती है या गैर-प्रतिनिधिक बन जाता है, में फॉलबैक क्लॉज शामिल करें।
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बैंकों को यह भी सूचित किया गया कि वे मुंबई इंटरबैंक फॉरवर्ड आउटराइट रेट (एमआईएफ़ओआर) एक बेंचमार्क, जो लिबोर को संदर्भित करता है, का उपयोग जितना व्यवहार्य हो सके और किसी भी स्थिति में 31 दिसंबर 2021 तक बंद कर दें। इस संदर्भ में, फाइनेंशियल बेंचमार्क इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एफबीआईएल) ने 15 जून 2021 से दैनिक समायोजित एमआईएफ़ओआर दरों और 30 जून 2021 से संशोधित एमआईएफ़ओआर दरों को प्रकाशित करना शुरू कर दिया है जिसे क्रमशः पुराने अनुबंधों और नए अनुबंधों के लिए उपयोग किया जा सकता है।
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लिबोर / मिफोर को संदर्भित करने वाले अनुबंध आमतौर पर 31 दिसंबर 2021 के बाद केवल 31 दिसंबर 2021 को या उससे पहले किए गए लिबोर / मिफोर संदर्भित अनुबंधों से उत्पन्न जोखिमों के प्रबंधन के उद्देश्य से किए जा सकते हैं।
रिज़र्व बैंक लिबोर से पारगमन के संबंध में विकसित वैश्विक और घरेलू स्थिति की निगरानी करना जारी रखेगा और एक सुचारु पारगमन सुनिश्चित करने के लिए संबद्ध जोखिमों को कम करने के लिए आवश्यक रूप से सक्रिय रूप से कदम उठाएगा। पृष्ठभूमि वित्तीय आचरण प्राधिकरण (एफसीए), यू के ने 05 मार्च 2021 को एक प्रेस वक्तव्य में घोषित किया कि किसी भी व्यवस्थापक द्वारा सभी लिबोर सेटिंग्स को प्रदान करना बंद किया जाए या अब वे निम्नानुसार प्रतिनिधिक नहीं होंगी:
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सभी पाउंड स्टर्लिंग, यूरो, स्विस फ़्रैंक और जापानी येन सेटिंग्स और 1-सप्ताह और 2-माह यूएस डॉलर सेटिंग्स के मामले में 31 दिसंबर 2021 के तुरंत बाद; तथा
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शेष अमेरिकी डॉलर सेटिंग्स के मामले में, 30 जून 2023 के तुरंत बाद।
लिबोर से पारगमन और विभिन्न क्षेत्राधिकारों में विकसित एआरआर को अपनाना एक महत्वपूर्ण घटना है जिसे संभावित ग्राहक सुरक्षा, प्रतिष्ठा और मुकदमेबाजी जोखिमों के प्रबंधन के साथ-साथ वित्तीय संस्थानों की सुरक्षा और लचीलेपन में व्यवधान से बचने और अर्थव्यवस्था की समग्र वित्तीय स्थिरता के लिए सावधानीपूर्वक तैयार करने की आवश्यकता है। अगस्त 2020 में, रिज़र्व बैंक ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को अपने लिबोर एक्सपोज़र, जो लिबोर की समाप्ति के बाद परिपक्व होगें, का आकलन करना, और साथ ही लिबोर पारगमन से उत्पन्न होने वाले जोखिमों को दूर करने के लिए उठाए जाने वाले कदम के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित योजना तैयार करने हेतु सूचित किया था। (योगेश दयाल) मुख्य महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/505 |