बड़े आकार के गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का सम्मेलन - आरबीआई - Reserve Bank of India
बड़े आकार के गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का सम्मेलन
रिज़र्व बैंक ने बड़े आकार की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए एक सम्मेलन 28 मार्च 2025 को चेन्नई में आयोजित किया। इस सम्मेलन में बोर्ड की लेखा परीक्षा समिति (एसीबी) के अध्यक्ष, एमडी और सीईओ तथा एनबीएफसी के सांविधिक लेखा परीक्षकों ने भाग लिया। यह सम्मेलन उन पर्यवेक्षी बैठकों की शृंखला का हिस्सा था, जो रिज़र्व बैंक अपनी विनियमित संस्थाओं के प्रमुख हितधारकों के साथ करता रहा है। सम्मेलन का विषय था ‘साझा दृष्टिकोण, साझा उत्तरदायित्व: एनबीएफसी को सुदृढ़ करना’। सम्मेलन में 200 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर श्री स्वामीनाथन जे. तथा श्री चरणजोत सिंह नंदा, अध्यक्ष, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने प्रतिभागियों को संबोधित किया। रिज़र्व बैंक के विनियामक, पर्यवेक्षी तथा प्रवर्तन कार्यों के प्रभारी कार्यपालक निदेशकों ने भी सम्मेलन में भाग लिया। श्री स्वामीनाथन, उप गवर्नर ने अपने संबोधन में वित्तीय पारितंत्र में एनबीएफसी द्वारा निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका तथा वित्तीय विवरणों की त्रुटिहीनता सुनिश्चित करने में एसीबी के अध्यक्षों और सांविधिक लेखा परीक्षकों की भूमिका को सराहा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जोखिम लेने की प्रक्रिया विवेकपूर्ण और सुनियोजित होनी चाहिए, और कभी भी संबंधित संस्था की जोखिम अवशोषण क्षमता से अधिक नहीं होनी चाहिए। उप गवर्नर ने एनबीएफसी को एक मजबूत शिकायत निवारण तंत्र द्वारा समर्थित ऋण देने और वसूली में निष्पक्षता को सक्रिय रूप से अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने लेखा परीक्षकों से लेखा परीक्षा में सावधानी तथा निष्पक्षता, पारदर्शिता और नैतिकता के उच्चतम मानकों के अनुपालन की अपेक्षाएँ भी व्यक्त कीं। अध्यक्ष, आईसीएआई ने चार्टर्ड अकाउंटेंसी पेशे से अपेक्षित योगदान पर जोर दिया तथा उनसे इस पेशे पर जताए गए विश्वास पर खरा उतरने का अनुरोध किया। उन्होंने सनदी लेखाकारों (चार्टर्ड अकाउंटेंट्स) की क्षमता निर्माण में संस्थान द्वारा की गई विभिन्न पहलों, विशेषकर लेखापरीक्षा में प्रौद्योगिकी को अपनाने के संबंध में की गई पहलों पर प्रकाश डाला। सम्मेलन में एनबीएफसी में देखी गई चिंताओं और विनियामक अपेक्षाओं पर विस्तृत प्रस्तुतियां दी गईं तथा लेखापरीक्षा में डेटा एनालिटिक्स के उपयोग पर एक तकनीकी सत्र भी आयोजित किया गया। इस अवसर पर चुनिंदा एनबीएफसी के एमडी और सीईओ की सहभागिता में ‘इंड एएस के तहत उभरते मुद्दे और चुनौतियां’ विषय पर एक पैनल चर्चा भी आयोजित की गई। सम्मेलन का समापन आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रतिभागियों के लिए एक संवादात्मक सत्र के साथ हुआ। (पुनीत पंचोली) प्रेस प्रकाशनी : 2024-2025/2501 |