क्रेडिट कार्डों के बारे में ग्राहकों की शिकायतों से निपटना - आरबीआई - Reserve Bank of India
क्रेडिट कार्डों के बारे में ग्राहकों की शिकायतों से निपटना
24 दिसंबर 2004
क्रेडिट कार्डों के बारे में ग्राहकों की शिकायतों से निपटना :
रिज़र्व बैंक ने बैंकों से ग्राहकों की शिकायतों के प्रति और संवेदनशील
होने के लिए कहा; भारतीय बैंक संघ क्रेडिट काड़ जारी करने वाले
बैंकों के लिए आचार संहिता बनायेगा
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा आज मुंबई में क्रेडिट काड़ जारी करने वाले बैंकों की एक बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भारतीय बैंक संघ क्रेडिट काड़ जारी करने वाले कुछ बड़े बैंकों के साथ मिल कर क्रेडिट काड़ जारी करने वाले बैंकों द्वारा स्वैच्छिक रूप से अपनायी जाने वाली आचार संहिता तैयार करेगा। यह बैठक कुछ अरसे से बैंकों के क्रेडिट काड़ परिचालनों के संबंध में सामने आ रही कुछ गम्भीर चिंताओं के आलोक में आयोजित की गयी थी। रिज़र्व बैंक ने भी क्रेडिट काड़ जारी करने वाले बैंकों के लिए इस बात की ज़रूरत पर बल दिया कि वे ग्राहकों को क्रेडिट कार्डों से संबंधित उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में शिक्षित करें।
भारतीय रिज़र्व बैंक को कुछ अरसे से विभिन्न संगठनों, एसोसिएशनों, प्रचार-तंत्रों और जनता से काड़ जारी करने वाले बैंकों के खिलाफ बड़ी संख्या में शिकायतें मिल रही थीं। ये शिकायतें ग्राहकों को तंग किये जाने, बिन मांगे काड़ प्राप्त किये जाने, कार्डों को गलत तरीके से एक्टिवेट किये जाने, सेवा प्रभार/अन्य प्रभार लगाये जाने के बारे में पारदर्शिता के अभाव तथा कारगर शिकायत निवारण मशीनरी के न होने आदि के बारे में थीं। अतएव, आज की बैठक का फोकस इन सभी मुद्दों की जांच-पड़ताल करना था ताकि ग्राहकों की शिकायतों को निपटाया जा सके और बैंकों के क्रेडिट काड़ परिचालनों के खिलाफ शिकायतों का निवारण किया जा सके और उन्हें कम से कम किया जा सके।
बैंकों ने रिज़र्व बैंक को आश्वासन दिया कि उनके पास डाइरेक्ट सेलिंग एजेंटों द्वारा दी जाने वाली सेवा का स्तर जांचने के लिए व्यवस्थाएं हैं और उनके पास ग्राहकों की शिकायतों का निवारण करने के लिए भी तंत्र मौजूद है। अलबत्ता, उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि देश में किसी कड़े प्राइवेसी नियम की अनुपस्थिति में डेटा बेस की बिक्री रोकने में कठिनाई है। यही कठिनाई अनचाही टेलीफोन कालों को रोकने में और मुश्किलें पैदा करती है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने इस बात को दोहराया कि क्रेडिट काड़ जारी करने वाले बैंक ग्राहकों की शिकायतों की तरफ और अधिक ध्यान दें और क्रेडिट काड़ ग्राहकों को होने वाली कठिनाइयों को कम करने के लिए अपने बैंकों में उचित शिकायत निवारण कक्ष स्थापित करें। बैंकों को यह भी सूचित किया गया कि वे अपने क्रेडिट काड़ उत्पादों की मार्केटिंग करने वाले डायरेक्ट सेलिंग एजेंट्स को यथोचित आचार संहिता जारी करें और उन्हें चेतावनी दी गयी कि वे बेकार की कानूनी कार्रवाइयों से बचने के लिए पहले से ही प्रयास करें।
इस क्षेत्र में ग्राहकों की शिकायतों को कम करने के लिए रिज़र्व बैंक ने हाल ही में क्रेडिट कार्डों के लिए विनियामक तंत्र तैयार करने के लिए एक कार्यदल भी गठित किया था। कार्यदल अन्य बातों के साथ साथ प्लास्टिक कार्डों के लिए अपेक्षित विनियामक उपायों के प्रकार सुझायेगा ताकि सुरक्षित, संरक्षित और कुशल तरीके से कार्डों की वफ्द्धि को प्रोत्साहित किया जा सके। दल अपनाये जाने के लिए उपाय सुझायेगा ताकि काड़ जारीकर्ताओं के नियम, विनियम, मानक तथा व्यवहार सर्वोत्तम ग्राहक व्यवहारों के अनुरूप हों; दल काड़ उपयोगकर्ता के लिए शिकायत निवारण तंत्र तैयार करने के लिए तथा ग्राहकों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में शिक्षित करने के लिए उपाय सुझायेगा। रिज़र्व बैंक ने जनता से भी अनुरोध किया है कि वे इन क्षेत्रों में अपने सुझाव cardsgroupdket@rbi.org.in को भेजें।
आपको याद होगा कि 24 अक्तूबर 2004 को 2004-2005 के वार्षिक नीति की मध्यावधि समीक्षा में भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर ने क्रेडिट कार्डों के लिए विनियामक उपायों के लिए कार्यदल गठित करने की घोषणा की थी।
अल्पना किल्लावाला
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2004-2005/663