मुद्रास्फीति, अच्छे मानसून ने रेपो दर कटौती के लिए प्रेरित किया;राज्य ऋणों के लिए ब्याज दर 6.20 प्रतिशत पर बनी रहेगी : रिज़र्व बैंक - आरबीआई - Reserve Bank of India
मुद्रास्फीति, अच्छे मानसून ने रेपो दर कटौती के लिए प्रेरित किया;राज्य ऋणों के लिए ब्याज दर 6.20 प्रतिशत पर बनी रहेगी : रिज़र्व बैंक
मुद्रास्फीति, अच्छे मानसून ने रेपो दर कटौती के लिए प्रेरित किया;
राज्य ऋणों के लिए ब्याज दर 6.20 प्रतिशत पर बनी रहेगी : रिज़र्व बैंक
23 अगस्त 2003
वायर एजेंसियों द्वारा की गयी पूछताछ के उत्तर में भारतीय रिज़र्व बैंक की आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा है कि रेपो दर को घटाने का निर्णय मुद्रास्फीति दर में गिरावट और अच्छे मानसून को देखते हुए लिया गया है। आपको याद होगा कि रिज़र्व बैंक ने इससे पहले संकेत दिया था कि वह किसी भी किस्म का निर्णय लेने से पहले मुद्रास्फीति में उतार-चढ़ाव और मानसून के रुख का नज़दीकी से अध्ययन कर रहा था। मुद्रास्फीति की वार्षिक दर जो 5 अप्रैल 2003 को लगभग 6.7 प्रतिशत थी (वार्षिक नीति वक्तव्य के समय) यह 9 अगस्त 2003 को धीरे धीरे घटते हुए 3.95 प्रतिशत तक आ गयी है। इसके अलावा, मानसून भी अच्छा और काफी फैलाव लिये हुए है। मानसून के दूर दूर तक अच्छे होने से अच्छी खरीफ फसल के होने की संभावना बढ़ गयी है। यह महसूस किया गया था कि रेपो रेट में 50 आधार बिन्दुओं की कटौती से प्रतिफल कर्व को उतना सपाट नहीं रखने में मदद मिलेगी जैसा कि इस समय वह चल रहा है।
प्रवक्ता ने यह भी कहा कि मौजूदा कटौती के बाद सोमवार को ओवर-नाइट रेपो दर 4.5 प्रतिशत रहेगी, 12 वर्ष की अवधि समाप्ति वाले 8,000 करोड़ रुपये के लिए राज्य विकास ऋण, 2015 उस दिन मांग पर 6.20 प्रतिशत पर बेचे जायेंगे।
अल्पना किल्लावाला
महाप्रबंधव
प्रेस प्रकाशनी : 2003-2004/259