30 जून 2010 2009-10 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) तथा 2009-10 के पूरे वर्ष के दौरान भारत के भुगतान संतुलन संबंधी गतिविधियां वित्तीय वर्ष 2009-10 की चौथी तिमाही (ति4) अर्थात जनवरी-मार्च 2010 के भारत के भुगतान संतुलन (बीओपी) के प्रारंभिक आंकड़े अब उपलब्ध हो गए हैं। इन प्रारंभिक आंकड़ों तथा पहली तीन तिमाहियों अर्थात अप्रैल-जून 2009 (ति1), जुलाई-सितंबर 2009 (ति2) तथा अक्तूबर-दिसंबर 2009 (ति3) के आंशिक रूप से संशोधित आंकड़ों के आधार पर पूरे वर्ष अर्थात 2009-10 (अप्रैल-मार्च) के भुगतान संतुलन के आंकड़ों का संकलन कर लिया गया है जिन्हें भुगतान संतुलन के प्रस्तुतीकरण संबंधी विवरण I तथा II में दिया गया है।
भुगतान संतुलन संबंधी मुख्य-मुख्य बातें
2009-10 की चौथी तिमाही - जनवरी-मार्च (ति4) (i) 2009-10 की चौथी तिमाही के दौरान निर्यात में पिछले वर्ष की तदनुरूप अवधि की तुलना में 36.2 प्रतिशत के वृद्धि हुई। (ii) 2009-10 की चौथी तिमाही के दौरान आयात में 43.0 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई जो 2008-09 की इसी तिमाही की तुलना में थी। (iii) व्यापार घाटे में बढ़ोतरी हुई जो निर्यात की तुलना में आयात की उच्च वृद्धि दर को दर्शाती है। (iv) वर्ष-दर-वर्ष आधार पर लगातार चार तिमाहियों के दौरान गिरावट के बाद सेवा प्राप्तियों में 13.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई जो सॉफ्टवेयर तथा वित्तीय सेवाओं में वृद्धि की वजह से थी। 2009-10 की चौथी तिमाही के दौरान निजी अंतरण प्राप्तियों में सुदृढ़ वृद्धि जारी रही। (v) तथापि, कारोबारी, वित्तीय, संचार तथा परिवहन सेवाओं में बड़ी राशि के भुगतान के चलते अपेक्षाकृत उच्चतर अदृश्य मद भुगतानों के कारण निवल अदृश्य मदों की राशि में गिरावट आई। (vi) अदृश्य मद आधिक्य के कम रहने के साथ-साथ व्यापार घाटा उच्चतर रहने के कारण चालू खाते के घाटे में और वृद्धि हुई। (vii) मुख्यत: पोर्टफोलियो निवेश तथा अल्पावधि व्यापार ऋणों के कारण पूंजी खाते के आधिक्य में वृद्धि हुई। (viii) समग्र शेष राशि आधिक्य में अर्थात 2.1 बिलियन अमरीकी डॉलर के स्तर पर थी जिसके कारण विदेशी मुद्रा भंडार में इतनी ही राशि की वृद्धि हुई। वित्तीय वर्ष 2009-10 (अप्रैल-मार्च) (i) 2009-10 के दौरान बीओपी आधार पर व्यापार घाटा एक वर्ष पूर्व के 118.7 बिलियन अमरीकी डॉलर (जीडीपी का 9.8 प्रतिशत) के स्तर से मामूली रूप से घटकर 117.3 बिलियन अमरीकी डॉलर (जीडीपी का 8.9 प्रतिशत) हो गया। (ii) 2009-10 के दौरान चालू खाते का घाटा एक वर्ष पूर्व के 28.7 बिलियन अमरीकी डॉलर (जीडीपी का 2.4 प्रतिशत) की तुलना में 38.4 बिलियन अमरीकी डॉलर (जीडीपी का 2.9 प्रतिशत) पर उच्चतर स्तर पर था जिसका मुख्य कारण निवल अदृश्य मद के आधिक्य में गिरावट आना था। (iii) वर्ष के दौरान पूंजी खाते का आधिक्य एक वर्ष पूर्व के 7.3 बिलियन अमरीकी डॉलर (जीडीपी का 0.6 प्रतिशत) के स्तर से तेजी से बढ़कर 53.6 बिलियन अमरीकी डॉलर (जीडीपी का 4.1 प्रतिशत) हो गया। (iv) पूंजी खाते के आधिक्य की राशि चालू खाते के घाटे की राशि से अधिक होने के कारण 2009-10 के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 13.4 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि हुई (जबकि 2008-09 के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 20.1 बिलियन अमरीकी डॉलर की गिरावट हुई थी। 1. 2009-10 की जनवरी-मार्च (ति4) की अवधि का भुगतान संतुलन 2009-10 की चौथी तिमाही के भुगतान संतुलन की प्रमुख मदों का ब्यौरा नीचे सारणी 1 में दिया गया है।
सारणी 1 : भारत के भुगतान संतुलन की प्रमुख मदें
|
(बिलियन अमरीकी डालर) |
मद |
अप्रैल-जून |
जुलाई-सितंबर |
अक्टूबर-सितंबर |
जनवरी-मार्च |
2008-09 (आं.स.) |
2009-10 (आं.स.) |
2008-09 (आं.स.) |
2009-10 (आं.स.) |
2008-09 (आं.स.) |
2009-10 (आं.स.) |
2008-09 (आं.स.) |
2009-10 (प्रा.) |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
6 |
7 |
8 |
9 |
1.निर्यात |
57.5 |
39.2 |
53.6 |
43.5 |
39.4 |
47.1 |
38.5 |
52.4 |
2.आयात |
82.7 |
64.8 |
92.8 |
72.6 |
73.5 |
78.1 |
58.7 |
83.9 |
3.व्यापार शेष (1-2) |
-25.3 |
-25.6 |
-39.1 |
-29.1 |
-34.0 |
-31.1 |
-20.2 |
-31.5 |
4.अदृश्य मदें, निवल |
22.0 |
21.2 |
26.5 |
20.4 |
22.4 |
18.9 |
19.0 |
18.5 |
5.चालू खाता शेष (3+4) |
-3.3 |
-4.5 |
-12.6 |
-8.8 |
-11.7 |
-12.2 |
-1.2 |
-13.0 |
6.पूंजी खाता शेष* |
5.5 |
4.6 |
7.8 |
18.2 |
-6.2 |
14.0 |
1.5 |
15.1 |
7.रिज़र्व में परिवर्तन # (-चिहन वृद्धि दर्शाता है; + चिहन ाटांस दर्शाता है) |
-2.2 |
-0.1 |
4.7 |
-9.4 |
17.9 |
-1.8 |
-0.3 |
-2.1 |
*: भूल चूक सहित #: भुगतान संतुलन के आधार पर (अर्थात् मूल्यन को छोड़कर) प्रा : प्रारंभिक आं.सं. :आंशिक संशोधित |
(i)2009-10 की चौथी तिमाही में भारत के वणिक निर्यात में, बीओपी आधार पर 36.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि 2008-09 की चौथी तिमाही में 20.0 प्रतिशत की गिरावट हुई थी। (ii) 2008-09 की चौथी तिमाही में 20.8 प्रतिशत की गिरावट की तुलना में आयातों में बीओपी आधार पर 43.0 प्रतिशत की वृद्धि हुई। (iii) 2009-10 की चौथी तिमाही के दौरान व्यापार घाटा बीओपी आधार पर 31.5 बिलियन अमरीकी डॉलर के उच्चतर स्तर पर था जबकि 2008-09 चौथी तिमाही के दौरान यह 20.2 बिलियन अमरीकी डॉलर था। (iv) लगातार चार तिमाहियों तक गिरावट दर्ज करने के बाद 2009-10 की चौथी तिमाही के दौरान अदृश्य मद प्राप्तियों में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 15.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई (2008-09 की चौथी तिमाही के दौरान 18.3 प्रतिशत की गिरावट के मुकाबले) जो मुख्यत: सेवाओं तथा निजी अंतरणों में वृद्धि की वजह से थी। (v) विविध सेवाओं, जैसे सॉफ्टवेयर तथा वित्तीय सेवाओं, के साथ-साथ परिवहन तथा बीमा जैसी व्यापार संबंधी सेवाओं के कारण सेवाओं के निर्यात में 13.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई (जबकि एक वर्ष पूर्व 9.7 प्रतिशत की गिरावट आई थी)। (vi) निजी अंतरण प्राप्तियों में तेजी से 33.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई (जबकि एक वर्ष पूर्व 31.1 प्रतिशत की गिरावट आई थी)। (vii) तिमाही के दौरान निवेश आय प्राप्तियों में 23.5 प्रतिशत की गिरावट आई जो मुख्यत: विदेशों में ब्याज दरें लगातार कम बनी रहने की वजह से थी। (viii) निवेश आय के अंतर्गत हुए निरंतर भुगतान के साथ-साथ मुख्यत: परिवहन, कारोबार तथा वित्तीय सेवाओं के संबंध में उच्चतर भुगतान किये जाने के कारण अदृश्य मद भुगतानों में 34.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई (जबकि एक वर्ष पूर्व 20.8 प्रतिशत की गिरावट आई थी)। (ix) अदृश्य मद भुगतानों में हुई वृद्धि प्राप्तियों में हुई वृद्धि से अधिक होने के कारण तिमाही के दौरान निवल अदृश्य मद (अदृश्य मद प्राप्तियां - अदृश्य मद भुगतान) की राशि 2.6 प्रतिशत घटकर 18.5 बिलियन अमरीकी डॉलर रह गयी। तथापि यह गिरावट 2008-09 की चौथी तिमाही की गिरावट से कम थी क्योंकि उस दौरान अदृश्य मद भुगतान 15.8 प्रतिशत घटकर 19.0 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया था। (x) उच्च व्यापार घाटे के साथ जोड़े गए अदृश्य मदों की निन्न आकार के अधिशेष के परिणामस्वरूप 2009-10 की चौथी तिमाही के दौरान चालू खाते के घाटे में 13.0 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि हो गई (2008-09 की चौथी तिमाही में 1.2 बिलियन अमरीकी डॉलर) (xi) विदेशी प्रत्यक्ष के साथ पूंजी प्रवाह में जारी उछाल मुख्यत: पोर्टफोलियो निवेश और अल्पावधि व्यापार ऋण निवेश के परिणामस्वरूप निवल पूंजी खाता अधिशेष 2008-09 की चौथी तिमाही के 1.4 बिलियन अमरीकी डॉलर की निम्न अधिशेष की तुलना में 2009-10 की चौथी तिमाही के दौरान के दौरान 16.1 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया। (xii) तिमाही के दौरान निवल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (निवल जावक एफडीआई से निवल आवक एफडीआई घटाकर) 3.2 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया (लगभग 2008-09 की चौथी तिमाही के रूप में ही)। तिमाही के दौरान निवल आवक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 5.1 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा (2008-09 की चौथी तिमाही के दौरान 8.0 बिलियन अमरीकी डॉलर )। तिमाही के दौरान निवल जावक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 1.9 बिलियन अमरीकी डॉलर तक निम्न रहा (2008-09की चौथी तिमाही में 4.8 बिलियन अमरीकी डॉलर)। (xiii) निवल पोर्टफोलियो निवेश 8.8 बिलियन अमरीकी डॉलर उच्चतर रहा जिसे मुख्य रूप से विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा समर्थन मिला जिससे 2009-10 की चौथी तिमाही के दौरान वह 8.5 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया ( 2008-09 की चौथी तिमाही में विदेशी संस्थागत निवेशकों के 2.6 बिलियन अमरीकी डॉलर के निवल बहिर्वाह की तुलना में )। (xiv) मुख्य रूप से भारत के लिए वाणिज्यिक ऋण की चुकौती में वृध्दि के कारण निवल बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) 0.1 बिलियन अमरीकी डॉलर तक निम्न रहा (2008-09 की चौथी तिमाही में 1.0 बिलियन अमरीकी डॉलर)। भारत के अल्पावधि व्यापार ऋण ने 2008-09 की चौथी तिमाही के 2.6 बिलियन अमरीकी डॉलर के निवल बहिर्वाह की तुलना में 2009-10 की चौथी तिमाही में 5.0 बिलियन अमरीकी डॉलर निवल अंतर्वाह दर्ज किया गया। (xv) मुख्य रूप से वाणिज्यिक बैंकों की विदेशी परिसंपत्तियों के निर्माण के कारण तिमाही के दौरान निवल बहिर्वाह 0.9 बिलियन अमरीकी डॉलर दर्ज किया गया ( 2008-09 की चौथी तिमाही में 3.3 बिलियन अमरीकी डॉलर के निवल बहिर्वाह की तुलना में ) । (xvi) 2008-09 की चौथी तिमाही में 0.3 बिलियन अमरीकी डॉलर की तुलना में 2009-10 की चौथी तिमाही के दौरान भुगतान संतुलन के आधार पर विदेशी मुद्रा भंडार में 2.1 की वृद्धि (अर्थात् अमरिका के मूल्य निर्धारण को छोड़कर) दर्शाई गई । तिमाही के दौरान नाममात्र की शर्तों (अर्थात्, मूल्यांकन परिवर्तनों सहित) के अनुसार,विदेशी मुद्रा भंडार में 4.4 बिलियन अमरीकी डॉलर की गिरावट दर्शाई जिससे तिमाही के दौरान प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं की तुलना में मूल्यवृध्दि प्रदर्शित हुई । 2. 2009-10 के लिए भुगतान संतुलन (अप्रैल-मार्च) 2009-10 के भुगतान संतुलन के प्रमुख मदों में वर्तमान गतिविधियों के लिए सारणी 2 तथा विवरण II । प्रमुख गतिविधियां इस प्रकार हैं
सारणी 2 : भारत के भुगतान संतुलन की प्रमुख मदें |
(बिलियन अमरीकी डालर) |
मद |
अप्रैल-मार्च |
2007-08 (सं.) |
2008-09 (आं.सं.) |
2009-10 (प्रा.) |
1 |
2 |
3 |
4 |
1.निर्यात |
166.2 |
189.0 |
182.2 |
2.आयात |
257.6 |
307.7 |
299.5 |
3. व्यापार संतुलन(1-2) |
-91.5 |
-118.7 |
-117.3 |
4. अदृष्य ,निवल |
75.7 |
89.9 |
78.9 |
5. चालू खाता शेष (3+4) |
-15.7 |
-28.7 |
-38.4 |
6. पूंजी खाता शेष |
107.9 |
8.6 |
51.9 |
7. रिज़र्व में परिवर्तन (- वृध्दि ; + कमी दर्शाता है ) |
-92.2 |
20.1 |
-13.4 |
*: त्रुटियां और चूक भी शामिल है. #: भुगतान संतुलन के आधार पर (अर्थात् मूल्यांकन को छोड़कर) : प्रा : प्रारंभिक. आंसं आंशिक रूप से संशोधित सं. : संशोधित |
-
भुगतान संतुलन आधार पर, भारत के माल के निर्यात में 2009-10 के दौरान 3.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई (पिछले वर्ष इसमें 13.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी)।
-
आयात भुगतान, भुगतान संतुलन आधार पर, भी 2.7 प्रतिशत की गिरावट के साथ कम रहा (पिछले वर्ष इसमें 19.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी)।
-
भुगतान संतुलन आधार पर, माल व्यापार घाटा 2008-09 के 118.7 बिलियन अमरीकी डॉलर (जीडीपी का 9.8 प्रतिशत) से कुछ कम होकर 2009-10 के दौरान 117.3 बिलियन अमरीकी डॉलर (जीडीपी का 8.9 प्रतिशत) रह गया।
-
अदृश्य मदों की प्राप्तियों ने 1.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की (2008-09 में इनमें 9.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी) जिसका मुख्य कारण व्यवसाय, वित्तीय और संचार सेवाओं जैसी विविध सेवाओं के तहत प्राप्तियां कम रहना और कम निवेश आय प्राप्तियां था (सारणी 3)।
-
निजी अंतरण प्राप्तियां, जिनमें मुख्य रूप से विदेशों में कार्यरत भारतीयों के विप्रेषण होते हैं, पिछले वर्ष के 46.9 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 2009-10 में 53.9 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गईं। निजी अंतरण प्राप्तियां 2009-10 में चालू प्राप्तियों के 15.7 प्रतिशत थीं (2008-09 में 13.3 प्रतिशत)। 2009-10 में, निजी अंतरण के तहत, परिवार के पोषण के लिए कुल निजी अंतरण प्राप्तियां लगभग 56.1 प्रतिशत थीं, जबकि स्थानीय आहरण लगभग 43.7 प्रतिशत थे।
सारणी 3: सकल अदृश्य प्राप्तियां और भुगतान |
(बिलियन अमरीकी डॉलर) |
मद |
अदृश्य मद प्राप्तियां |
अदृश्य मद भुगतान |
|
अप्रैल-मार्च |
जनवरी-मार्च |
अप्रैल-मार्च |
जनवरी-मार्च |
|
2008-09 (आं.सं.) |
2009-10 (प्रा.) |
2008-09 (आं.सं.) |
2009-10 (प्रा.) |
2008-09 (आं.सं.) |
2009-10 (प्रा.) |
2008-09 (आं.सं.) |
2009-10 (प्रा.) |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
6 |
7 |
8 |
9 |
अ. सेवाएं (1से 5) |
101.7 |
93.8 |
23.7 |
26.9 |
52.0 |
59.6 |
13.1 |
18.9 |
1.यात्रा |
10.9 |
11.9 |
2.7 |
3.4 |
9.4 |
9.3 |
2.6 |
2.6 |
2.परिवहन |
11.3 |
11.1 |
2.9 |
3.1 |
12.8 |
11.9 |
2.5 |
3.6 |
3.बीमा |
1.4 |
1.6 |
0.3 |
0.4 |
1.1 |
1.3 |
0.3 |
0.3 |
4. सरकारी, जो अन्यत्र शामिल नहीं हैं। |
0.4 |
0.4 |
0.1 |
0.1 |
0.8 |
0.5 |
0.4 |
0.2 |
5.विविध |
77.7 |
68.7 |
17.7 |
19.9 |
27.9 |
36.5 |
7.3 |
12.2 |
जिनमें से : |
|
|
|
|
|
|
|
|
सॉफ्टवेयर |
46.3 |
49.7 |
10.8 |
14.3 |
2.8 |
1.5 |
0.5 |
0.3 |
सॉफ्टवेयर से भिन्न |
31.4 |
19.0 |
6.9 |
5.6 |
25.1 |
35.0 |
6.8 |
11.9 |
आ.अंतरण |
47.5 |
54.4 |
10.0 |
13.2 |
2.7 |
2.3 |
0.4 |
0.6 |
निजी |
46.9 |
53.9 |
9.8 |
13.1 |
2.3 |
1.8 |
0.3 |
0.5 |
सरकारी |
0.6 |
0.5 |
0.2 |
0.1 |
0.4 |
0.5 |
0.1 |
0.1 |
इ.आय |
14.3 |
13.0 |
3.4 |
2.7 |
18.8 |
20.4 |
4.6 |
4.8 |
निवेश आय |
13.5 |
12.1 |
3.2 |
2.5 |
17.5 |
18.7 |
4.3 |
4.3 |
कर्मचारियों को मुआवजा |
0.8 |
0.9 |
0.2 |
0.2 |
1.3 |
1.7 |
0.3 |
0.5 |
अदृश्य मद (अ+आ+इ) |
163.5 |
161.2 |
37.1 |
42.8 |
73.6 |
82.3 |
18.1 |
24.4 |
प्रा. : प्राथमिक आं.सं.:आंशिक रूप से संशोधित |
-
49.7 बिलियन अमरीकी डॉलर पर सॉफ्टवेयर प्राप्तियों ने 2009-10 में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाई (एक वर्ष पहले इनमें 14.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
-
अदृश्य मद भुगतान में 11.8 प्रतिशत की उच्च वृद्धि हुई (2008-09 में 0.6 प्रतिशत ) जिसका मुख्य कारण उच्च व्यवसाय, वित्तीय और संचार सेवाओं और निवेश आय खाते के तहत भुगतान में वृद्धि था।
-
निवल अदृश्य मदें (अदृश्य मद प्राप्तियों से अदृश्य मद भुगतान घटाकर) 2009-10 के दौरान 78.9 बिलियन अमरीकी डॉलर था जो कि 2008-09 के दौरान 89.9 बिलियन अमरीकी डॉलर था। इस स्तर पर, अदृश्य मद व्यापार अधिशेष ने 67.3 प्रतिशत का वित्त पोषण किया (2008-09 के दौरान) 75.8 प्रतिशत)।
-
कम व्यापार घाटे के बावजूद, अदृश्य मदों के अधिशेष में गिरावट के कारण 38.4 बिलियन अमरीकी डॉलर उच्च चालू खाता घाटा हुआ (2008-09 में 28.7 बिलियन अमरीकी डॉलर)।
-
53.6 बिलियन अमरीकी डॉलर का निवल पूंजी प्रवाह 2008-09 के 7.2 बिलियन अमरीकी डॉलर की तुलना में बहुत अधिक था, जिसके मुख्य कारण एफडीआइ के तहत बड़े अंतर्वाह, संविभागीय निवेश और अल्पावधि व्यापार ऋण थे (सारणी 4)।
-
कम जावक एफडीआइ के कारण 2009-10 में निवल एफडीआइ ( आवक एफडीआइ से जावक एफडीआइ घटाकर) 19.7 बिलियन अमरीकी था जो कि 2008-09 में 17.5 बिलियन अमरीकी डॉलर था।
-
संविभागीय निवेश में 32.4 बिलियन अमरीकी डॉलर का भारी निवल अंतर्वाह हुआ (2008-09 में 14.0 बिलियन अमरीकी डॉलर का निवल बहिर्वाह) जिसका कारण 29.0 बिलियन अमरीकी डॉलर का भारी निवल एफआईआई अंतर्वाह था।
सारणी 4: निवल पूंजी प्रवाह |
(बिलियन अमरीकी डॉलर) |
मद |
अप्रैल-मार्च |
जनवरी-मार्च |
2008-09 (आं.सं.) |
2009-10 (प्रा.) |
2008-09 (आं.सं.) |
2009-10 (प्रा.) |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
1. विदेशी प्रत्यक्ष निवेश |
17.5 |
19.7 |
3.2 |
3.2 |
आवक एफडीआइ |
35.0 |
31.7 |
8.0 |
5.1 |
जावक एफडीआइ |
17.5 |
12.0 |
4.8 |
1.9 |
2. संविभागीय निवेश जिसमें से : |
-14.0 |
32.4 |
-2.7 |
8.8 |
एफआइआइ |
-15.0 |
29.0 |
-2.6 |
8.5 |
एडीआर/ जीडीआर |
1.2 |
3.3 |
0.0 |
0.1 |
3. बाह्य सहायता |
2.6 |
2.0 |
0.8 |
0.8 |
4. बाह्य वाणिज्यिक उधार |
7.9 |
2.5 |
1.0 |
0.1 |
5. अनिवासी भारतीय जमाराशियां |
4.3 |
2.9 |
2.2 |
-0.6 |
6. एनआरआइ जमाराशियों को छोड़कर बैंकिंग पूंजी |
-7.5 |
-0.8 |
-5.4 |
-0.4 |
7. अल्पकालिक व्यापार ऋण |
-1.9 |
7.7 |
-2.6 |
5.0 |
8. रुपया ऋण चुकौती |
-0.1 |
-0.1 |
-0.1 |
-0.1 |
9. अन्य पूंजी |
-1.5 |
-12.7 |
5.1 |
-0.9 |
कुल (1 से 9) |
7.2 |
53.6 |
1.4 |
16.1 |
प्रा :प्रारंभिक आं.सं. :आंशिक रूप से संशोधित |
-
निवल बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) कम होकर 2.5 बिलियन अमरीकी डॉलर रह गया (2008-09 में 7.9 बिलियन अमरीकी डॉलर) जिसका मुख्य कारण चुकौती में वृद्धि था।
-
भारत को निवल अल्पावधि व्यापार ऋण एक वर्ष पहले के 1.9 बिलियन अमरीकी डॉलर के निवल बहिर्वाह से काफी बढ़कर 7.7 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया जो घरेलू आयातकों में अंतरराष्ट्रीय विश्वास को दर्शाता है।
-
भुगतान संतुलन के आधार पर, विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि (अर्थात मूल्यांकन छोड़कर) 2009-10 में 13.4 बिलियन अमरीकी डॉलर था (2008-09 में 20.1 बिलियन अमरीकी डॉलर के भंडार में हुई तेज गिरावट की तुलना में)। डविदेशी मुद्रा भंडार में घटबढ़ के स्रोतों एक अलग प्रेस प्रकाशनी जारी की जा रही है।
3. बाह्य क्षेत्र के चुनिंदा संकेतक (i) बाह्य क्षेत्र के मुख्य संकेतकों का ब्योरा सारणी 5 में दिया गया है।
सारणी 5: भारत के भुगतान संतुलन के मुख्य संकेतक |
मद |
अप्रैल-मार्च |
2007-08 (सं.) |
2008-09 (आं.सं.) |
2009-10 (प्रा.) |
वणिक व्यापार |
|
|
|
1. निर्यात (बीओपी आधार पर अम.डॉ.) वृद्धि दर (%) |
28.9 |
13.7 |
-3.6 |
2. आयात (बीओपी आधार पर अम.डा.) वृद्धि दर (%) |
35.1 |
19.4 |
-2.7 |
3. कच्चे तेल की कीमत, अमरीकी डॉलर प्रति बैरल (भारतीय बास्केट) |
79.2 |
82.7 |
69.6 |
4.निर्यात/जीडीपी (%) |
13.5 |
15.6 |
13.9 |
5.आयात /जीडीपी (%) |
21.0 |
25.4 |
22.8 |
6.व्यापार संतुलन/जीडीपी (%) |
-7.4 |
-9.8 |
-8.9 |
अदृश्य मदें |
|
|
|
7.निवल अदृश्य मदें (बिलियन अम.डॉ.) |
75.7 |
89.9 |
78.9 |
8. निवल अदृश्य मद अधिशेष / व्यापार घाटा (%) |
82.8 |
75.8 |
67.3 |
9. निवल अदृश्य मद/जीडीपी (%) |
6.2 |
7.4 |
6.0 |
चालू खाता |
|
|
|
10. चालू खाता शेष (बिलियन अम.डॉ.) |
-15.7 |
-28.7 |
-38.4 |
11. चालू खाता शेष/जीडीपी (%) |
-1.3 |
-2.4 |
-2.9 |
पूंजी खाता |
|
|
|
12.सकल पूंजी अंतर्वाह (बिलियन अम.डॉ.) |
438.4 |
312.4 |
344.0 |
13. सकल पूंजी बहिर्वाह (बिलियन अम.डॉ.) |
331.8 |
305.2 |
290.4 |
14. निवल पूंजी प्रवाह (बिलियन अम.डॉ.) |
106.6 |
7.2 |
53.6 |
15. निवल पूंजी अंतर्वाह /जीडीपी(%) |
8.7 |
0.6 |
4.1 |
खुलेपन के संकेतक |
|
|
|
16. माल निर्यात + आयात/जीडीपी (%) |
34.5 |
41.0 |
36.7 |
17.चालू प्राप्तियां+ चालू भुगतान/जीडीपी (%) |
52.5 |
60.5 |
55.2 |
18. निवल पूंजी अंतर्वाह +बहिर्वाह/जीडीपी (%) |
62.7 |
51.0 |
48.3 |
मुद्रा भंडार |
|
|
|
19. रिज़र्व का आयात कवर (महीनों में) |
14.4 |
9.8 |
11.2 |
20. अवधि के अंत में शेष भंडार (बिलियन अम.डॉ.) |
309.7 |
252.0 |
279.1 |
सं. : संशोधित आं.सं. :आंशिक रूप से संशोधित प्रा : प्रारंभिक |
3. मार्च 2010 को समाप्त तिमाही के लिए विदेशी ऋण
- मौजूदा प्रथा के अनुसार, मार्च और जून को समाप्त तिमाहियों के लिए बाह्य ऋण भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा संकलित और जारी किया जाता है, जबकि सितंबर और दिसंबर को समाप्त तिमाहियों के लिए बाह्य ऋण वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संकलित और जारी किया जाता है। तदनुसार, मार्च 2010 को समाप्त तिमाही के लिए बाह्य ऋण के आंकड़े भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा आज जारी किए जा रहे हैं।
अजीत प्रसाद प्रबंधक प्रेस प्रकाशनी : 2009-2010/1791 |