2013-14 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की गतिविधियां
26 मई 2014 2013-14 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की गतिविधियां वित्तीय वर्ष 2013-14 की चौथी तिमाही अर्थात् जनवरी-मार्च 2014 के लिए भारत के भुगतान संतुलन पर प्रारंभिक आंकड़े अब उपलब्ध है तथा विवरण I और विवरण II में प्रस्तुत हैं। विवरण I में बीपीएम 6 प्रारूप में बीओपी आंकड़े प्रस्तुत है तथा विवरण II में इसे पुराने प्रारूप के अनुसार प्रस्तुत किया गया है। जनवरी-मार्च 2013-14 के दौरान भारत में भुगतान संतुलन की गतिविधियां -
भारत का चालू खाता घाटा (सीएडी) 2012-13 की चौथी तिमाही के 18.1 बिलियन अमरीकी डॉलर (जीडीपी का 3.6 प्रतिशत) से तेजी से घटकर 2013-14 की तीसरी तिमाही में 1.2 बिलियन अमरीकी डॉलर (जीडीपी का 0.2 प्रतिशत) रह गया जो 2013-14 की तीसरी तिमाही में 4.2 बिलियन अमरीकी डॉलर (जीडीपी का 0.9 प्रतिशत) से भी कम है। कम चालू खाता घाटे का कारण मूलतः व्यापार घाटे में गिरावट थी क्योंकि आयात में गिरावट निर्यात में गिरावट से तेज थी। -
भुगतान संतुलन के आधार पर, वाणिज्यिक निर्यात वर्ष 2012-13 की चौथी तिमाही के 5.9 प्रतिशत से 1.3 घटकर वर्ष 2013-14 की चौथी तिमाही में 83.7 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया। -
दूसरी ओर वर्ष 2013-14 की चौथी तिमाही में वाणिज्यिक आयात (भुगतान संतुलन आधार पर) में गिरावट की प्रवृत्ति बनी रही। वर्ष 2013-14 की चौथी तिमाही में आयात 12.3 प्रतिशत तक सुधरकर 114.3 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया जिसमें वर्ष 2012-13 की चौथी तिमाही में 1.0 प्रतिशत की गिरावट हुई थी। आयात में गिरावट मुख्यत: स्वर्ण आयात में तेज गिरावट के कारण थी जो 5.3 बिलियन अमरीकी डॉलर रही जो उल्लेखनीय रूप से वर्ष 2012-13 की चौथी तिमाही के 15.8 बिलियन अमरीकी डॉलर से कम थी। -
परिमाणस्वरूप, वाणिज्यिक व्यापार घाटा (भुगतान संतुलन आधार पर) एक वर्ष पूर्व की तद्नुरूपी तिमाही में 45.6 बिलियन अमरीकी डॉलर से लगभग 33 प्रतिशत घटकर 2013-14 की चौथी तिमाही में 30.7 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया। -
2013-14 की चौथी तिमाही में निवल सेवा प्राप्तियों में उच्चतर सेवा निर्यात के कारण सुधार हुआ। वर्ष 2012-13 की चौथी तिमाही में 3.9 प्रतिशत की गिरावट के बदले वर्ष 2013-14 की चौथी तिमाही में 19.6 बिलियन अमरीकी डॉलर की निवल सेवाओं के साथ 15.6 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। -
2013-14 की चौथी तिमाही में 6.4 बिलियन अमरीकी डॉलर की राशि की प्राथमिक आय (लाभ, लाभांश और ब्याज) के कारण निवल बहिर्वाह 2012-13 की तदनुरूपी तिमाही में 5.2 बिलियन अमरीकी डॉलर और इसकी पूर्ववर्ती तिमाही (5.4 बिलियन अमरीकी डॉलर) की तुलना में सापेक्षिक रूप से अधिक रहा। वर्ष 2012-13 की तदनुरूपी तिमाही की तुलना में 2013-14 की चौथी तिमाही में 17.3 बिलियन अमरीकी डॉलर की सकल निजी अंतरण प्राप्तियों में 3.0 प्रतिशत (वर्ष दर वर्ष) का सुधार भी देखा गया । -
निवल आधार पर वित्तीय खाते में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश और पोर्टफोलियो निवेश दोनों ने वर्ष 2013-14 की चौथी तिमाही में अंतर्वाह दर्ज किया। जबकि पोर्टफोलियो निवेश के कारण निवल बहिर्वाह 9.3 बिलियन अमरीकी डॉलर था, निवल विदेशी प्रत्यक्ष निवेश प्रवाह 0.9 बिलियन अमरीकी डॉलर पर न्यूनतर था। -
जमा स्वीकार करने वाले निगमों (वाणिज्यिक बैंक) द्वारा लिए गए ‘ऋण’ (निवल) में विदेशी उधार की चुकौती और अपनी विदेशी विदेशी मुद्रा आस्तियों के निर्माण के कारण 2013-14 की चौथी तिमाही में 5.7 बिलियन अमरीकी डॉलर का बहिर्वाह देखा गया। 'मुद्रा और जमा' के तहत, अनिवासी भारतीय जमाराशियों का निवल अंतर्वाह 2012-13 की चौथी तिमाही में 2.8 बिलियन अमरीकी डॉलर की तुलना में 2013-14 की चौथी तिमाही में 3.7 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा। 4.9 बिलियन अमरीकी डॉलर तक अन्य क्षेत्रों (अर्थात बाह्य वाणिज्यिक उधार) द्वारा लिए गए ऋण (निवल) ने भी 2012-13 की चौथी तिमाही की अपेक्षा 19.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाई। तथापि 2013-14 की चौथी तिमाही में व्यापार ऋणों और अग्रिमों में बहिर्वाह जारी रहा क्योंकि चुकौती संवितरण से अधिक रही। -
भुगतान संतुलन के आधार पर भारत की विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में पिछली तिमाही में 19.1 बिलियन अमरीकी डॉलर (सारणी 1) की तुलना में 2013-14 की चौथी तिमाही में 7.1 बिलियन अमरीकी डॉलर की अभिवृद्धि हुई। वर्ष 2013-14 के दौरान भारत के भुगतान संतुलन में गतिविधियां निर्यात में सुधार और आयात में गिरावट से व्यापार घाटा वर्ष 2012-13 में 195.7 बिलियन अमरीकी डॉलर की तुलना में वर्ष 2013-14 में तेजी से सुधरकर 147.6 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया। -
निवल अदृश्य प्राप्तियों में वृद्धि के साथ मिलकर चालू खाता घाटा वर्ष 2012-13 के 87.8 बिलियन अमरीकी डॉलर (जीडीपी का 4.7 प्रतिशत) से घटकर वर्ष 2013-14 में 32.4 बिलियन अमरीकी डॉलर (जीडीपी का 1.7 प्रतिशत) हो गया। -
पूंजी और वित्तीय खाते (विदेशी मुद्रा भंडार में परिवर्तन को छोड़कर) के अंतर्गत निवल अंतर्वाह पोर्टफोलियो निवेश, ऋणों और व्यापार ऋण तथा अग्रिमों की अधिक चुकौती की वजह से हुए निवल बहिर्वाह के कारण 2012-13 की तदनुनुरूपी अवधि में 89.0 बिलियन अमरीकी डॉलर से घटकर वर्ष 2013-14 में 48.8 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया। -
भुगतान संतुलन आधार पर विदेशी मुद्रा भंडार में वर्ष 2012-13 में 3.8 बिलियन अमरीकी डॉलर की अभिवृद्धि की तुलना में वर्ष 2013-14 के दौरान 3.8 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि हुई। सारणी 1 : भारत के भुगतान संतुलन की प्रमुख मदें | (बिलियन अमरीकी डॉलर) | | जनवरी-मार्च 2014 (प्रा.) | जनवरी-मार्च 2013 (आं.सं.) | 2013-14 (प्रारंभिक) | 2012-13 (आं.सं) | | जमा | नामे | निवल | जमा | नामे | निवल | जमा | नामे | निवल | जमा | नामे | निवल | ए. चालू खाता | 144.4 | 145.6 | -1.2 | 142.0 | 160.1 | -18.1 | 551.4 | 583.7 | -32.4 | 530.2 | 618.1 | -87.8 | 1. सामान | 83.7 | 114.3 | -30.7 | 84.8 | 130.4 | -45.6 | 318.6 | 466.2 | -147.6 | 306.6 | 502.2 | -195.7 | जिसमें से : | | | | | | | | | | | | | पेट्रोलियम, तेल और स्नेहक | 14.8 | 42.7 | -27.9 | 16.1 | 42.2 | -26.1 | 62.7 | 165.2 | -102.5 | 60.9 | 164.0 | -103.2 | 2.सेवाएं | 40.6 | 21.0 | 19.6 | 37.8 | 20.9 | 17.0 | 151.5 | 78.5 | 73.0 | 145.7 | 80.8 | 64.9 | 3. प्राथमिक आय | 2.8 | 9.2 | -6.4 | 2.6 | 7.8 | -5.2 | 11.4 | 34.4 | -23.0 | 10.3 | 31.7 | -21.5 | 4. द्वितीय आय | 17.3 | 1.0 | 16.3 | 16.8 | 1.0 | 15.8 | 69.9 | 4.6 | 65.3 | 67.7 | 3.3 | 64.4 | बी. पूंजी खाता और वित्तीय खाता | 127.1 | 125.1 | 2.0 | 133.9 | 116.1 | 17.8 | 523.2 | 490.0 | 33.3 | 473.5 | 388.4 | 85.2 | जिसमें से : | | | | | | | | | | | | | आरक्षित निधियों में परिवर्तन (वृद्धि (-)/कमी (+)) | 0.0 | 7.1 | -7.1 | 0.0 | 2.7 | -2.7 | 0.0 | 15.5 | -15.5 | 0.0 | 3.8 | -3.8 | सी. त्रुटियां एवं भूल-चूक (-)(ए+बी) | | | -0.8 | | | 0.3 | | | -0.9 | | | 2.7 | पी: प्रारंभिक; पीआर: आंशिक रूप से संशोधित | टिप्पणी: पूर्णांकन के कारण उप-घटकों का योग भिन्न हो सकता है। | अजीत प्रसाद सहायक महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी : 2013-2014/2288 |