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2013-14 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की गतिविधियां

5 मार्च 2014

2013-14 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की गतिविधियां

वित्तीय वर्ष 2013-14 की तीसरी तिमाही अर्थात् अक्टूबर–दिसंबर 2013 के लिए भारत के भुगतान संतुलन पर प्रारंभिक आंकड़े अब उपलब्ध है तथा विवरण I और विवरण II में प्रस्तुत हैं। विवरण I में बीपीएम 6 प्रारूप में बीओपी आंकड़े प्रस्तुत है तथा विवरण II में इसे पुराने प्रारूप के अनुसार प्रस्तुत किया गया है।

अक्टूबर-दिसबर 2013 के दौरान भारत में भुगतान संतुलन की गतिविधियां

  • भारत का चालू खाता घाटा (सीएडी) 2012-13 की तीसरी तिमाही के 31.9 बिलियन अमरीकी डॉलर (जीडीपी का 6.5 प्रतिशत) से तेजी से घटकर 2013-14 की तीसरी तिमाही में 4.2 बिलियन अमरीकी डॉलर (जीडीपी का 0.9 प्रतिशत) रह गया जो 2013-14 की दूसरी तिमाही में 5.2 बिलियन अमरीकी डॉलर (जीडीपी का 1.2 प्रतिशत) से भी कम है। कम चालू खाता घाटे का कारण मूलतः व्यापार घाटे में गिरावट थी क्योंकि पण्य निर्यात बढ़ गया और आयात कम हो गया, विशेषकर स्वर्ण आयात।

  • भुगतान संतुलन के आधार पर, विशेषकर इंजीनियरिंग वस्तुओं, तैयार वस्त्रों, लोह अयस्क, समुद्री वस्तुओं और रसायनों के निर्यात में काफी अधिक वृद्धि के कारण 2013-14 की तीसरी तिमाही में पण्य निर्यात 7.5 प्रतिशत से बढकर 79.8 बिलियन अमरीकी डॉलर (2012-13 की तीसरी तिमाही में 3.9 प्रतिशत) हो गया।

  • दूसरी तरफ, 112.9 बिलियन अमरीकी डॉलर के वाणिज्यिक आयात में 2013-14 की तीसरी तिमाही में 14.8 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि 2012 -13 की तीसरी तिमाही में 10.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। तीसरी तिमाही में आयात में गिरावट मुख्य रूप से सोने के आयात में सीधी गिरावट के कारण रही जो 2012-13 की तीसरी तिमाही के 17.8 बिलियन अमरीकी डॉलर और 2013-14 की दूसरी तिमाही के 3.9 बिलियन अमरीकी डॉलर की तुलना में 3.1 बिलियन अमरीकी डॉलर थी।

  • परिमाणस्वरूप, वाणिज्यिक व्यापार घाटा (भुगतान संतुलन आधार पर) एक वर्ष पहले के 58.4 बिलियन अमरीकी डॉलर से लगभग 43 बिलियन अमरीकी डॉलर घटकर 2013-14 की तीसरी तिमाही में 33.2 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।

  • 2013-14 की तीसरी तिमाही में निवल सेवा प्राप्तियों में सुधार हुआ जो अनिवार्य रूप से सेवा आयातों के कारण भुगतान में गिरावट को दर्शाता है। 2013-14 की तीसरी तिमाही (वर्ष दर वर्ष) में 18.1 बिलियन अमरीकी डॉलर की निवल सेवाओं में 8.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई।

  • 2013-14 की तीसरी तिमाही में 5.4 बिलियन अमरीकी डॉलर की राशि की प्राथमिक आय (लाभ, लाभांश और ब्याज) के कारण निवल बहिर्वाह 2012-13 की इस तिमाही (5.8 बिलियन अमरीकी डॉलर) और पूर्व तिमाही (6.3 बिलियन अमरीकी डॉलर) की तुलना में सापेक्षिक रूप से कम रहा। 2013-14 की तीसरी तिमाही में 17.3 बिलियन अमरीकी डॉलर की सकल निजी अंतरण प्राप्तियों में 4.8 प्रतिशत (वर्ष दर वर्ष) की वृद्धि देखी गई।

  • निवल आधार पर वित्‍तीय खाते में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश और पोर्टफोलियो निवेश दोनों ने वर्ष 2013-14 की तीसरी तिमाही में क्रमशः 6.1 बिलियन अमरीकी डॉलर और 2.4 बिलियन अमरीकी डॉलर का अंतर्वाह दर्ज किया। पोर्टफोलियो निवेश के अंदर ऋण खंड ने तीसरी तिमाही में निवल बहिर्वाह दर्शाया जिसने इक्विटी श्रेणी के अंतर्गत 6.2 बिलियन अमरीकी डॉलर के उच्च निवल अंतर्वाह को बराबर कर दिया।

  • जमा स्वीकार करने वाले निगमों (वाणिज्यिक बैंक) द्वारा लिए गए ‘ऋण’ (निवल) में विदेशी उधार की चुकौती और अपनी विदेशी विदेशी मुद्रा आस्तियों के निर्माण के कारण 2013-14 के तीसरी तिमाही में 5.9 बिलियन अमरीकी डॉलर का बहिर्वाह देखा गया। 'मुद्रा और जमा' के तहत, अनिवासी भारतीय जमाराशियों का निवल अंतर्वाह 2012-13 की तीसरी तिमाही में 2.7 बिलियन अमरीकी डॉलर की तुलना में 2013-14 की तीसरी तिमाही में 21.4 बिलियन अमरीकी डॉलर तक बढ़ गया। अनिवासी भारतीय जमाराशियों में तेजी से वृद्धि सितंबर से नवंबर 2013 के दौरान रिजर्व बैंक द्वारा की उपलब्ध कराई गई स्वैप योजना के तहत जुटाई गई नई एफसीएनआर (बी) जमाराशियों के कारण हुई। 4.1 बिलियन अमरीकी डॉलर पर अन्य क्षेत्रों (अर्थात बाह्य वाणिज्यिक उधार) द्वारा लिए गए ऋण (निवल) ने भी 2012-13 के तीसरी तिमाही में 42.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाई। हालांकि, व्यापार ऋणों और अग्रिमों के तहत निवल प्रवाह 2013-14 के तीसरी तिमाही में नकारात्मक रहा क्योंकि चुकौती संवितरण से अधिक रही।

  • भुगतान संतुलन के आधार पर भारत की विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में पिछली तिमाही में 10.4 बिलियन अमरीकी डॉलर की कमी की तुलना में 2013-14 की तीसरी तिमाही में 19.1 बिलियन अमरीकी डॉलर की अभिवृद्धि हुई।

अप्रैल-दिसंबर 2013 के दौरान भारत के भुगतान संतुलन में गतिविधियां

  • जुलाई 2013 से निर्यात में वृद्धि और आयात में गिरावट में बदलाव से व्यापार घाटे में तेजी से सुधार हुआ और यह अप्रैल-दिसंबर 2012 में 150.0 बिलियन अमरीकी डॉलर से घटकर अप्रैल-दिसंबर 2013 में 116.9 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।

  • निवल अदृश्य प्राप्तियों में वृद्धि के साथ मिले हुए व्यापार घाटे में कमी के परिणामस्वरूप चालू खाता घाटा अप्रैल-दिसंबर 2012 में 69.8 बिलियन अमरीकी डॉलर (जीडीपी का 5.2 प्रतिशत) से घटकर अप्रैल-दिसंबर 2013 में 31.1 बिलियन अमरीकी डॉलर (जीडीपी का 2.3 प्रतिशत) हो गया।

  • पूंजी और वित्तीय खाते (विदेशी मुद्रा भंडार में परिवर्तन को छोड़कर) के अंतर्गत निवल अंतर्वाह पोर्टफोलियो निवेश, ऋणों और व्यापार ऋण तथा अग्रिमों की अधिक चुकौती की वजह से हुए निवल बहिर्वाह के कारण 2012-13 की इस अवधि में 68.5 बिलियन अमरीकी डॉलर से घटकर अप्रैल-दिसंबर 2013 में 39.7 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।

  • भुगतान संतुलन आधार पर विदेशी मुद्रा भंडार में अप्रैल-दिसंबर 2012 में 1.1 बिलियन अमरीकी डॉलर की अभिवृद्धि की तुलना में अप्रैल-दिसंबर 2013 के दौरान 8.4 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि हुई।

सारणी 1 : भारत के भुगतान संतुलन की प्रमुख मदें

(बिलियन अमरीकी डॉलर)

 

अक्टूबर-दिसंबर 2013 (आं.सं.)

अक्टूबर-दिसंबर 2012 (आं.सं.)

अप्रैल-दिसंबर 2013-14 (प्रारंभिक)

अप्रैल-दिसंबर 2012-13 (आं.सं)

जमा

नामे

निवल

जमा

नामे

निवल

जमा

नामे

निवल

जमा

नामे

निवल

ए. चालू खाता

137.7

141.9

-4.2

130.5

162.3

-31.9

407.0

438.2

-31.1

388.2

458.0

-69.8

1. सामान

79.8

112.9

-33.2

74.2

132.6

-58.4

234.9

351.9

-116.9

221.8

371.8

-150.0

जिसमें से :

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

पेट्रोलियम, तेल और स्नेहक

14.9

42.2

-27.3

17.3

41.8

-24.5

47.2

125.2

-77.9

44.8

121.8

-77.1

2. सेवाएं

37.6

19.5

18.1

37.1

20.4

16.6

110.8

57.5

53.4

107.9

59.9

48.0

3. प्राथमिक आय

3.0

8.4

-5.4

2.7

8.5

-5.8

8.6

25.2

-16.6

7.6

23.9

-16.3

4. द्वितीय आय

17.3

1.0

16.3

16.5

0.8

15.7

52.6

3.6

49.0

50.9

2.3

48.6

बी. पूंजी खाता और वित्तीय खाता

129.3

124.5

4.8

120.2

89.5

30.8

396.1

364.9

31.3

339.6

272.2

67.4

जिसमें से :

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

आरक्षित निधियों में परिवर्तन (वृद्धि (-)/कमी (+))

 

19.1

-19.1

 

0.8

-0.8

 

8.4

-8.4

 

1.1

-1.1

सी. त्रुटियां एवं भूल-चूक (-)(ए+बी)

 

 

-0.6

 

 

1.1

 

 

-0.1

 

 

2.4

पी: प्रारंभिक; पीआर: आंशिक रूप से संशोधित

टिप्पणी : पूर्णांकन के कारण उप-घटकों का योग भिन्न हो सकता है।

समृद्धी चौधरी
सहायक प्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2013-2014/1752

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