बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – श्री आनंद को-ओपेरटिव बैंक लि., चिंचवड, पुणे, महाराष्ट्र - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – श्री आनंद को-ओपेरटिव बैंक लि., चिंचवड, पुणे, महाराष्ट्र
23 मार्च 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35 ए के अंतर्गत श्री आनंद को-ओपेरटिव बैंक लि., चिंचवड, पुणे, महाराष्ट्र को दिनांक 21 जून 2019 के निदेश सं DCBS.CO.BSD-I/D-16/12.22.474/2018-19 के माध्यम से दिनांक 25 जून 2019 की कारोबार समाप्ति से छह माह तक निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को दिनांक 23 दिसम्बर 2019 के आदेश सं.DOR.CO.AID./No.D-44/12.22.474/2019-20 के माध्यम से दिनांक 24 मार्च 2020 तक बढ़ाया गया। 2. जनता की जानकारी के लिए एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 ए की उपधारा (1) के साथ पठित धारा 56 में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, उक्त बैंक को जारी, समय-समय पर संशोधित दिनांक 21 जून 2019 के निदेश सं DCBS.CO.BSD-I/D-16/12.22.474/2018-19 जिसकी वैधता अवधि दिनांक 24 मार्च 2020 तक बढाई गई थी, यह निदेश बैंक पर दिनांक 25 मार्च 2020 से दिनांक 24 सितंबर 2020 तक आगे छह महीनों के लिए वैध रहेंगे जिसकी सूचना दिनांक 19 मार्च 2020 के निदेश सं DOR.CO.AID/.No.D-65/12.22.474/2019-20 के माध्यम से दी गई है, तथा ये निदेश समीक्षाधीन रहेंगे। 3. संदर्भाधीन निदेश के अन्य शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी। उपरोक्त वैधता को सूचित करनेवाले दिनांक 19 मार्च 2020 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर में जनता की सूचना के लिए लगाई गई है। 4. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता बढाने और/या संशोधित करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति में मौलिक सुधार से संतुष्ट है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/2098 |