बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश की अवधि का विस्तार – मराठा सहकारी बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश की अवधि का विस्तार – मराठा सहकारी बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र
30 जुलाई 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित मराठा सहकारी बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 31 अगस्त 2016 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-1/D-4/12.22.141/2016-17 के माध्यम से 31 अगस्त 2016 को कारोबार समाप्ति से छह महीनों के लिए निदेशाधीन रखा गया था। उक्त की वैधता समय-समय पर जारी किए गए निदेशों जिनमें अंतिम रूप से दिनांक 18 मार्च 2020 के निदेश सं. DOR.CO.AID.No.D-62/12.22.140/2019-20 के माध्यम से 31 जुलाई 2020 तक बढ़ाई गई थी। 2. जन साधारण के सूचनार्थ एतद्वारा सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के पठित धारा 35ए की उपधारा (1) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए दिनांक 31 अगस्त 2016 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-1/D-4/12.22.141/2016-17 के माध्यम से मराठा सहकारी बैंक लि., मुंबई को जो निदेश जारी किया था जिसको समय-समय पर संशोधित किया गया था और उसकी वैधता अंतिम रूप से 31 जुलाई 2020 तक बढ़ाई गई थी, अब उक्त बैंक पर दिनांक 27 जुलाई 2020 के निदेश सं. DOR.CO.AID.No.D-7/12.22.140/2020-21 के माध्यम से 01 अगस्त 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक अगले पांच महीनों के अवधि के लिए लागू रहेगी तथा ये निदेश समीक्षाधीन रहेंगे। 3. संदर्भाधीन निदेश के अन्य नियम और शर्ते अपरिवर्तित रहेंगी। 4. उपरोक्त वैधता को सूचित करने वाले दिनांक 27 जुलाई 2020 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर में जनता की सूचना के लिए लगाई गई है। 5. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता बढ़ाने और/या संशोधित करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति में मौलिक सुधार से संतुष्ट है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/115 |