डॉ. माइकल देवव्रत पात्र को रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर के रूप में नियुक्त किया गया - आरबीआई - Reserve Bank of India
डॉ. माइकल देवव्रत पात्र को रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर के रूप में नियुक्त किया गया
15 जनवरी 2020 डॉ. माइकल देवव्रत पात्र को रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर के रूप में नियुक्त किया गया 14 जनवरी 2020 की भारत सरकार की अधिसूचना के अनुपालन में डॉ माइकल देवव्रत पात्र ने आज तीन साल या अगले आदेश, जो भी पहले हो, तक की अवधि के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के उप-गवर्नर के रूप में पदभार संभाला। उप गवर्नर के पद पर पदोन्नति से पहले डॉ. पात्र रिज़र्व बैंक के कार्यपालक निदेशक के रूप में कार्यरत थे। उप गवर्नर के रूप में डॉ. पात्र पूर्वानुमान और मॉडलिंग इकाई सहित मौद्रिक नीति विभाग (एमपीडी / एमयू), वित्तीय बाजार परिचालन विभाग (एफ़एमओडी), बाजार आसूचना सहित वित्तीय बाजार विनियमन विभाग (एफ़एमआरडी/एमआई), अंतर्राष्ट्रीय विभाग (आईएनटीएल डी), आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग (डीईपीआर), सांख्यिकी और सूचना प्रबंध विभाग (आंकड़े और सूचना प्रबंध इकाई सहित) (डीएसआईएम/ डीआईएमयू), कॉर्पोरेट कार्यनीति और बजट विभाग (सीएसबीडी), वित्तीय स्थिरता इकाई का कार्यभार संभालेंगे। 1985 से एक करियर केन्द्रित बैंकर डॉ. पात्र ने भारतीय रिजर्व बैंक में विभिन्न पदों पर काम किया है। कार्यपालक निदेशक के रूप में वे भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के सदस्य रहे हैं, जिन्हें भारत में मौद्रिक नीति निर्णयन का दायित्व सौंपा जाता है। उप गवर्नर के रूप में वे एमपीसी के पदेन सदस्य बने रहेंगे। इससे पहले, वे जुलाई 2012 और अक्टूबर 2014 के बीच भारतीय रिज़र्व बैंक के मौद्रिक नीति विभाग के प्रधान परामर्शदाता रहें। उन्होंने दिसंबर 2008 से जून 2012 के दौरान अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में कार्यपालक निदेशक (भारत) के वरिष्ठ सलाहकार के रूप में काम किया है और वैश्विक वित्तीय संकट तथा यूरो क्षेत्र में सॉवरेन ऋण संकट की अवधि के दौरान आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड के काम में उन्होंने सक्रिय रूप से कार्य किया है। उनकी किताब "द ग्लोबल इकोनॉमिक क्राइसिस फ्रॉम ए इंडियन लुकिंग ग्लास" इस अनुभव को बखूबी चित्रित करती है। उन्होंने विनिमय दरों और भुगतान संतुलन सहित, मुद्रास्फीति, मौद्रिक नीति, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और वित्त जैसे कार्यक्षेत्रों में शोधपत्र भी प्रकाशित किए हैं। हार्वर्ड विश्वविद्यालय के सदस्य के रूप में उन्होंने वित्तीय स्थिरता क्षेत्र में पोस्ट-डॉक्टरल स्तरीय अनुसंधान किया है, उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे से अर्थशास्त्र में पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/1702 |