डीआरजी अध्ययन संख्या 47: भारतीय बैंकों का सुशासन, दक्षता और सुदृढ़ता - आरबीआई - Reserve Bank of India
डीआरजी अध्ययन संख्या 47: भारतीय बैंकों का सुशासन, दक्षता और सुदृढ़ता
19 अगस्त 2022 डीआरजी अध्ययन संख्या 47: भारतीय बैंकों का सुशासन, दक्षता और सुदृढ़ता भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर "भारतीय बैंकों का सुशासन, दक्षता और सुदृढ़ता" शीर्षक से डीआरजी अध्ययन* जारी किया। अध्ययन के सह-लेखक रचिता गुलाटी, सुनील कुमार, एस. चिंनगैहलियन, राजेंद्र रघुमान्डा और प्रबल बिलंतू है। यह अध्ययन एक विस्तृत अनुसंधान दृष्टिकोण को अपनाता है और डायनेमिक पैनल डेटा मॉडल का उपयोग करके विभिन्न पृथक्करण स्तरों पर भारतीय बैंकिंग उद्योग में सुशासन, दक्षता और सुदृढ़ता के बीच गठजोड़ का अनुभवजन्य रूप से पता लगाता है। सुशासन और सुदृढ़ता के बैंक-वार समग्र सूचकांकों की गणना गैर-पैरामीट्रिक "शंका का लाभ" दृष्टिकोण का उपयोग करके की गई है, और बैंकों के लिए जोखिम-समायोजित लाभ दक्षता स्कोर का अनुमान, डेटा आवरण विश्लेषण दृष्टिकोण को नियोजित करके लगाया गया है। यह विश्लेषण 2008-09 से 2017-18 की अवधि के लिए प्रत्येक बैंक की वार्षिक रिपोर्ट में कॉर्पोरेट सुशासन पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी से प्राप्त एक विशिष्ट बैंक-स्तरीय पैनल डेटासेट का उपयोग करके पूरा किया गया है। अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष इस प्रकार हैं:
(योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/733 *: वर्तमान हित के विषयों पर मजबूत विश्लेषणात्मक और अनुभवजन्य आधार द्वारा समर्थित त्वरित और प्रभावी नीति-उन्मुख अनुसंधान करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक में आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग में विकास अनुसंधान समूह (डीआरजी) का गठन किया गया है। डीआरजी अध्ययन भारतीय रिज़र्व बैंक के बाहर के विशेषज्ञों और बैंक के भीतर अनुसंधान प्रतिभा के समूह के बीच सहयोगात्मक प्रयासों का परिणाम है। ये अध्ययन पेशेवर अर्थशास्त्रियों और नीति निर्माताओं के बीच रचनात्मक चर्चा उत्पन्न करने की दृष्टि से व्यापक प्रसार के लिए जारी किए गए हैं। डीआरजी अध्ययन केवल आरबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित किए जाते हैं और कोई मुद्रित प्रतियां उपलब्ध नहीं कराई जाएंगी। |