भारत में व्यापार करने में आसानी: रिज़र्व बैंक ने गैर-निवासियों द्वारा प्रतिभूतियों की डीमैट होल्डिंग को अनिवार्य करने के लिए विदेशी मुद्रा नियमों में प्रस्तावित परिवर्तन पर हितधारकों के विचार मांगे - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में व्यापार करने में आसानी: रिज़र्व बैंक ने गैर-निवासियों द्वारा प्रतिभूतियों की डीमैट होल्डिंग को अनिवार्य करने के लिए विदेशी मुद्रा नियमों में प्रस्तावित परिवर्तन पर हितधारकों के विचार मांगे
9 मई 2016 भारत में व्यापार करने में आसानी: रिज़र्व बैंक ने गैर-निवासियों द्वारा प्रतिभूतियों की डीमैट होल्डिंग को विदेशी मुद्रा प्रबंधन (भारत के बाहर निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का हस्तांतरण या निर्गम) विनियम, 2000 को संशोधित करने का प्रस्ताव है, ताकि यह सुनिश्चित करने के लिए कि अनिवासी भारतीयों सहित गैर-निवासियों द्वारा प्रत्यावर्तन के आधार पर विदेशी निवेश को इक्विटी, ऋण और किसी अन्य अनुमोदित प्रतिभूतियों में केवल डीमैटरियलाइज्ड रूप में किया जा सके। नतीजतन, डिपॉजिटरी, अर्थात्, राष्ट्रीय प्रतिभूति डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) और केंद्रीय डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (सीडीएसएल) भारतीय कंपनियाँ, निवेश वाहन आदि द्वारा जारी किए गए प्रतिभूतियों में विदेशी निवेश की सीमा और प्रकृति पर डेटा और सूचना के एकल बिंदु स्रोत के रूप में कार्य करेगी। इससे विदेशी निवेश प्राप्त करने वाली कंपनियों भारतीय कंपनी को सूचना की आसान और व्यापक उपलब्धता की सुविधा साथ-साथ विभिन्न नियामकों द्वारा प्रभावी निगरानी मिलेगी और विदेशी निवेश प्राप्त करने वाली कंपनियों के लिए विनियामक अनुपालन को आसान बनाकर व्यापार करने में आसानी के लिए योगदान करने की उम्मीद है और यह नियामक निगरानी भी सुविधा प्रदान करता है। क्षेत्र में हितधारकों और विशेषज्ञों सहित जनता से अनुरोध है कि वे प्रस्तावित परिवर्तनों के संबंध में अपने विचारों और टिप्पणियों की पेशकश करें। टिप्पणियां विलंबतम 25 मई 2016 तक भेजी जा सकती हैं, कृपया ईमेल भेजने के लिए यहां क्लिक करें। अल्पना किल्लावाला प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/2615 |